पाकिस्तान में मुशर्रफ की तानाशाही चलती है ये, दुनिया जानती है। पश्चिम बंगाल में वामपंथियों का कैडर पिछले 30 सालों से तानाशाही चला रहा है लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार को दुनिया की सबसे ज्यादा समय तक चलने वाली लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार कहा जाता है।
मुशर्रफ ने अभी पाकिस्तान में आपातकाल लगाया है। पश्चिम बंगाल में पिछले 30 सालों से सीपीएम कैडर का अघोषित आपातकाल चल रहा है।
मुशर्रफ दुनिया के सामने पाकिस्तान को बचाने के लिए आपातकाल जरूरी बताते हैं। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्या और सीपीएम महासचिव प्रकाश करात बंगाल के विकास के लिए हर उस व्यक्ति को कुचल देने की हिमायत कर रहे हैं जो, इस रास्ते में रोड़ा बन रहा हो।
मुशर्रफ बेनजीर को वतन लौटने की इजाजत देते हैं लेकिन, पाकिस्तान में आते ही आत्मघाती दस्ते बेनजीर का स्वागत करते हैं। पश्चिम बंगाल में रहकर दुनिया भर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हल्ला करने वालों को वामपंथी सरकार सर पर बिठाकर उन्हें ट्रेडमार्क की तरह इस्तेमाल करती है लेकिन, अगर बंगाल में सरकारी और लाल झंडा कैडर की काली करतूतों के खिलाफ कोई कुछ बोला तो, मेधे पाटेकर की तरह उसकी कार पर हमला बोल दिया जाता है।
पाकिस्तान में मुशर्रफ ने पहले जेहादियों को पैदा किया। उन्हें भारत के खिलाफ और पाकिस्तान में अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया। अब वही जेहादी लाल मस्जिद जैसे कांड कर रहे हैं और मुशर्रफ के लिए ही मुश्किल बन गए हैं। वामपंथी विचारधारा से निकले माओवाद और माओवादियों का इस्तेमाल सीपीएम ने पूरे देश मे अपने विरोध में उठने वाले हर विचार को दबाने में किया। अब जब बंगाल में अपनी जमीन बचाने के लिए किसान माओवादी तरीके अपना रहे हैं तो, करात और दूसरे वामपंथी कह रहे हैं कि ममता बनर्जी वामपंथी सरकार गिराने के लिए माओवादियों का इस्तेमाल कर रही हैं।
पाकिस्तान में कई इलाके ऐसे हैं जहां सेना की भी घुसने की हिम्मत नहीं होती। पाकिस्तान के ऐसे इलाकों में अक्सर जेहादियों की अत्याधुनिक हथियार लहराते टीवी चैनल्स अखबारों में दिखते रहते हैं। पश्चिम बंगाल में हाल और भी खराब है। सीपीएम कैडर के साथ वहां की पुलिस मिली हुई है। बंकर बनाकर सीआरपीएफ के जवानों को घुसने से रोका जा रहा है। सीआरपीएफ को जमीन-रास्ते में जगह-जगह बारूद-बम बिछे मिले हैं।
पाकिस्तान में मुशर्रफ जजों की और उनके बेटे-बेटियों की अश्लील तस्वीरें खींचकर अपने साथ रहने के लिए ब्लैकमेल कर रहे हैं। तो, पश्चिम बंगाल में सरकार के कुकृत्यों पर आंख मूंदे रखने के लिए वामपंथी केंद्र सरकार पर दबाव (परमाणु समझौता, FDI और ऐसे ही दूसरी बातों के जरिए) बनाए रखते हैं। यही वजह है कि सीपीएम कैडर के इतने नंगे नाच के बाद भी केंद्र सरकार ने कोई भी कड़ा कदम नहीं उठाया है। दूसरी कोई सरकार होती तो, राष्ट्रपति शासन के बहाने अब तक कांग्रेस ही वहां राज कर रही होती।
नंदीग्राम में 14 लोगों की हत्या के आंकड़े सरकारी थे। असली आंकड़ा छिपा लिया गया। सीबीआई जांच में ये साबित हो गया था कि सारी हत्याएं सीपीएम कैडर और उसके साथ मिले पुलिस वालों ने की। लेकिन, कुछ नहीं हुआ। सिंगूर में सीपीएम का कैडर एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और उसकी हत्या के आरोप में जेल में है।
सीएनएन-आईबीएन और आईबीएन 7 पर एक महिला चीख-चीखकर बता रही थी कि सीपीएम के कैडर ने उसे मारा पीटा और फिर उसके और उसकी बेटियों के साथ बलात्कार किया। उसके बाद वो दरिंदे उसे उठा ले गए और अब तक उसकी बेटियों का पता नहीं हैं। टीवी चैनलों पर नंदीग्राम की हकीकत देखने के बाद मन बहुत ज्यादा खिन्न हो गया है। बस इतना ही कहूंगा कि पाकिस्तान में और पश्चिम बंगाल दोनों ही जगहों पर जितने ज्यादा दिनों तक तानाशाही रहेगी, भारत देश के लिए खतरा उतना ही बढ़ता जाएगा।
मुशर्रफ ने अभी पाकिस्तान में आपातकाल लगाया है। पश्चिम बंगाल में पिछले 30 सालों से सीपीएम कैडर का अघोषित आपातकाल चल रहा है।
मुशर्रफ दुनिया के सामने पाकिस्तान को बचाने के लिए आपातकाल जरूरी बताते हैं। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्या और सीपीएम महासचिव प्रकाश करात बंगाल के विकास के लिए हर उस व्यक्ति को कुचल देने की हिमायत कर रहे हैं जो, इस रास्ते में रोड़ा बन रहा हो।
मुशर्रफ बेनजीर को वतन लौटने की इजाजत देते हैं लेकिन, पाकिस्तान में आते ही आत्मघाती दस्ते बेनजीर का स्वागत करते हैं। पश्चिम बंगाल में रहकर दुनिया भर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हल्ला करने वालों को वामपंथी सरकार सर पर बिठाकर उन्हें ट्रेडमार्क की तरह इस्तेमाल करती है लेकिन, अगर बंगाल में सरकारी और लाल झंडा कैडर की काली करतूतों के खिलाफ कोई कुछ बोला तो, मेधे पाटेकर की तरह उसकी कार पर हमला बोल दिया जाता है।
पाकिस्तान में मुशर्रफ ने पहले जेहादियों को पैदा किया। उन्हें भारत के खिलाफ और पाकिस्तान में अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया। अब वही जेहादी लाल मस्जिद जैसे कांड कर रहे हैं और मुशर्रफ के लिए ही मुश्किल बन गए हैं। वामपंथी विचारधारा से निकले माओवाद और माओवादियों का इस्तेमाल सीपीएम ने पूरे देश मे अपने विरोध में उठने वाले हर विचार को दबाने में किया। अब जब बंगाल में अपनी जमीन बचाने के लिए किसान माओवादी तरीके अपना रहे हैं तो, करात और दूसरे वामपंथी कह रहे हैं कि ममता बनर्जी वामपंथी सरकार गिराने के लिए माओवादियों का इस्तेमाल कर रही हैं।
पाकिस्तान में कई इलाके ऐसे हैं जहां सेना की भी घुसने की हिम्मत नहीं होती। पाकिस्तान के ऐसे इलाकों में अक्सर जेहादियों की अत्याधुनिक हथियार लहराते टीवी चैनल्स अखबारों में दिखते रहते हैं। पश्चिम बंगाल में हाल और भी खराब है। सीपीएम कैडर के साथ वहां की पुलिस मिली हुई है। बंकर बनाकर सीआरपीएफ के जवानों को घुसने से रोका जा रहा है। सीआरपीएफ को जमीन-रास्ते में जगह-जगह बारूद-बम बिछे मिले हैं।
पाकिस्तान में मुशर्रफ जजों की और उनके बेटे-बेटियों की अश्लील तस्वीरें खींचकर अपने साथ रहने के लिए ब्लैकमेल कर रहे हैं। तो, पश्चिम बंगाल में सरकार के कुकृत्यों पर आंख मूंदे रखने के लिए वामपंथी केंद्र सरकार पर दबाव (परमाणु समझौता, FDI और ऐसे ही दूसरी बातों के जरिए) बनाए रखते हैं। यही वजह है कि सीपीएम कैडर के इतने नंगे नाच के बाद भी केंद्र सरकार ने कोई भी कड़ा कदम नहीं उठाया है। दूसरी कोई सरकार होती तो, राष्ट्रपति शासन के बहाने अब तक कांग्रेस ही वहां राज कर रही होती।
नंदीग्राम में 14 लोगों की हत्या के आंकड़े सरकारी थे। असली आंकड़ा छिपा लिया गया। सीबीआई जांच में ये साबित हो गया था कि सारी हत्याएं सीपीएम कैडर और उसके साथ मिले पुलिस वालों ने की। लेकिन, कुछ नहीं हुआ। सिंगूर में सीपीएम का कैडर एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और उसकी हत्या के आरोप में जेल में है।
सीएनएन-आईबीएन और आईबीएन 7 पर एक महिला चीख-चीखकर बता रही थी कि सीपीएम के कैडर ने उसे मारा पीटा और फिर उसके और उसकी बेटियों के साथ बलात्कार किया। उसके बाद वो दरिंदे उसे उठा ले गए और अब तक उसकी बेटियों का पता नहीं हैं। टीवी चैनलों पर नंदीग्राम की हकीकत देखने के बाद मन बहुत ज्यादा खिन्न हो गया है। बस इतना ही कहूंगा कि पाकिस्तान में और पश्चिम बंगाल दोनों ही जगहों पर जितने ज्यादा दिनों तक तानाशाही रहेगी, भारत देश के लिए खतरा उतना ही बढ़ता जाएगा।
वामपंथियों का कभी भी लोकतन्त्र पर विश्वास नहीं रहा है। वे वास्तव में तानाशाह है। नंदीग्राम में दो सौ से ज़्यादा लोग मारे गये। महिलाऒं के साथ बलात्कार हुए हैं और पत्रकारों को अभी भी वहां नहीं जाने दिया जा रहा है। नंदीग्राम में हिंसा के दौरान औरतों की योनि में गोली मारी गयी। उनकी योनि में माकपा काडर ने लोहे की छड़ घुसा दी. तापसी मलिक का हाथ-पैर-मुंह बांध कर वामपंथी गुंडों ने बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया. फिर उसे एक जलती भट्टी में डाल दिया गया। वामपंथी वास्तव में तानाशाह है।
ReplyDeleteसही है जी। तुलना में कोई अतिशयोक्ति नहीं है।
ReplyDeletePakistan aur W Bengal ki aapki tulna sarvatha sameecheen hai. Sach puchhiye to ye dono fascism ke hi do alag-alag chehre hain. Desh ke prati inki nishtha to 1962 ke Bharat-Cheen yuddha ke baad se kaee baar nangi ho chuki hai, Nandigram ne inke chehre se sarvahara ke parokaar hone ka naqaab bhi kheench liya hai. Aur sabse dukhad baat ye hai ki communist wo prajati hain, jinka sudhar nahin ho sakta. Inhe to kewal nasht hi kiya ja sakta hai...samool nash.
ReplyDeletebangaal me kuch jyada hi daman ho reha hai aajkal
ReplyDeleteपाकिस्तान में मुशर्रफ जजों की और उनके बेटे-बेटियों की अश्लील तस्वीरें खींचकर अपने साथ रहने के लिए ब्लैकमेल कर रहे हैं।
ye baat nayi pata chali
agreed.....
ReplyDeleteextremes all ever dangerous....
liked the comparision.....