Tuesday, November 13, 2007

सलाह की कमाई, कमाई से इज्जत

अक्सर बड़े बुजुर्गों को कहते सुना जाता है कि कभी किसी को बिना मांगे सलाह नहीं देनी चाहिए। साथ ही ये भी गलत सलाह लेने-देने से खराब कुछ नहीं हो सकता। लेकिन, अब अच्छी सलाह आपकी कमाई बढ़ा सकती है तो, एक गलत सलाह आपके कमाई के मौके पर असर डाल सकती है।

बचपन में मैंने एक कहानी भी सुनी थी कि एक गांव के मुखियाजी की सलाह हर कोई मानता था। मुखियाजी से किसी ने पूछा कि आप कैसे इस तरह की सलाह दे पाते हैं। मुखियाजी ने कहा- सलाह लेने वाले की जरूरत, हैसियत और उसकी मन:स्थिति (मन की इच्छा), इन तीनों बातों का पता लगाने के बाद उसके लिए सबसे उपयोगी सलाह मैं उसे देता हूं।

अगर आप भी मुखियाजी की तरह काम की सलाह दे सकते हैं। तो, अच्छी कमाई के साथ अच्छी साख भी बना सकते हैं। देश में अगले तीन सालों में तीन लाख से ज्यादा सलाह देने वालों की जरूरत है। वैसे तो, छोटी से छोटी दुकान और मॉल में सेल्सगर्ल/ब्वॉय भी खरीदने वाले की मन की इच्छा देखकर ही उसे खरीदने की सलाह देता है। यहां तक कि अगर आपका मन कम कीमत वाला सामान खरीदने की इच्छा है तो, वही सेल्सगर्ल/ब्वॉय आपको उस कम कीमत वाले सामान में ढेर सारी खूबियां बता देगा। जबकि, ज्यादा कीमत वाला सामान पसंद करने वाले को महंगे सामान में ढेर सारी खूबियां बताकर उसे सामान खरीदने की सलाह देते हैं।

ये तो थी सलाह देने की पहली सीढ़ी। लेकिन, सफल सलाहकार बनने के लिए जिस क्षेत्र की कंपनी के साथ आप काम करना चाहते हैं, उस क्षेत्र के बारे में अच्छी जानकारी होनी जरूरी होती है। कंसल्टेंट्स की ज्यादातर नौकरियां किसी न किसी कंसल्टेंसी फर्म के ही जरिए मिल रही हैं। भारत में कंसल्टेंसी का कारोबार करीब 13,000 करोड़ रुपए का है और ये हर साल 30 प्रतिशत बढ़ रहा है। यानी 2010 तक ये 17,000 करोड़ रुपए से ज्यादा कारोबार बन जाएगा।

अभी 4,000 कंसल्टेंसी फर्म हैं। जिनमें 10,000 लोग काम कर रहे हैं। 2010 तक 9,000 कंसल्टेंसी फर्म में 2,20,000 लोगों को नौकरियां मिलेंगी। और, सलाह देने-लेने का सबसे ज्यादा दिल्ली में मिलेगा। सारी नौकरियां का करीब 25 प्रतिशत दिल्ली में ही मिलेगा। तो, अगर आपको भी अच्छी सलाह देनी आती है तो, तैयारी कीजिए और लपक लीजिए नौकरी। अच्छे सलाहकार को 35-40 लाख रुपए सालाना की नौकरी मिल सकती है।

पुराने जमाने में गांव-समाज का सबसे बुजुर्ग या फिर रसूखदार (बड़ा) आदमी सलाह देने का काम करता था। अब जमाना बदल गया है। अब अच्छी सलाह देने वाले की कमाई बढ़ेगी और उस बढ़ी कमाई से समाज में रसूख भी (इज्जत)।

1 comment:

  1. इस तरह की कमाई के लिये शर्त यह है कि सलाह देने वाल किसी क्षेत्र के "सलाहकला" में दक्ष हो -- शास्त्री

    हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
    इस काम के लिये मेरा और आपका योगदान कितना है?

    ReplyDelete

एक देश, एक चुनाव से राजनीति सकारात्मक होगी

Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार कर लिया था। इसीलिए इस द...