दिल्ली के लोग जमकर पैसा कमा रहे हैं। जमकर दारू पी रहे हैं और सड़कों पर तेज रफ्तार से कारें भगा रहे हैं। दिल्ली सरकार की ओर जारी ताजा आंकड़े ये बता रहे हैं। दिल्ली में एक व्यक्ति की औसत कमाई सालाना 61,676 रुपए हो गई है। अब दिल्ली सिर्फ गोवा से ही पीछे रह गई है। गोवा में लोगों की प्रति व्यक्ति कमाई सालाना 70,112 रुपए है।
कमाई बढ़ी तो, इसका जश्न मनाने के लिए दारू तो जरूरी है। और, दिलवालों की दिल्ली ने जमकर दारू पी। लेकिन, जश्न मनाने में थोड़ी कमी रह गई और दिल्लीवाले साल भर में एक लाख से काफी कम करीब 78,000 बोतल शराब ही पी पाए।
दिल्ली के लोगों ने इस साल करीब 16 लाख कारें खरीदी हैं। जो, पिछले साल से डेढ़ लाख ज्यादा हैं। अब दिल्ली वाले कमा ज्यादा रहे हैं तो, फिर बस या दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट से क्यों यात्रा करें। अपनी कार से चलते हैं, जमकर दारू पीते हैं तो, थोड़ी बहुत दुर्घटनाएं तो हो ही जाती हैं। लेकिन, 2,167 लोग दिल्ली की इस रफ्तार के चक्कर में अपनी जान गंवा बैठे।
कमाई बढ़ी तो, इसका जश्न मनाने के लिए दारू तो जरूरी है। और, दिलवालों की दिल्ली ने जमकर दारू पी। लेकिन, जश्न मनाने में थोड़ी कमी रह गई और दिल्लीवाले साल भर में एक लाख से काफी कम करीब 78,000 बोतल शराब ही पी पाए।
दिल्ली के लोगों ने इस साल करीब 16 लाख कारें खरीदी हैं। जो, पिछले साल से डेढ़ लाख ज्यादा हैं। अब दिल्ली वाले कमा ज्यादा रहे हैं तो, फिर बस या दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट से क्यों यात्रा करें। अपनी कार से चलते हैं, जमकर दारू पीते हैं तो, थोड़ी बहुत दुर्घटनाएं तो हो ही जाती हैं। लेकिन, 2,167 लोग दिल्ली की इस रफ्तार के चक्कर में अपनी जान गंवा बैठे।
हर्षवर्धन जी नमस्कार,
ReplyDeleteअब लोग मद्यपान कर रहे हैं तो इसमे ग़लत क्या है ? यह तो सम्पन्नता की निशानी है - अपने पैसे की पीते हैं - ऊपर से सरकार को टैक्स भी देते हैं ! हम लोग अपनी भौतिकवाद विरोधी मानसिकता से कब बाहर निकलेंगे ?
प्रार्थी,
सौरभ
समाजवाद से आपने अपना पल्ला जिस गति से झाडा वह देख कर बहुत खुशी हुई. :)
ReplyDeleteसमाजवादियों, कम्युनिस्टों/ वामपंथियों से अपना ३६ का आंकडा है . अब रही बात समृधि के साथ संतुलन बनाने की तो यही कहूँगा कि "यह डगर बहुत कठिन है भैय्या!"