Wednesday, January 31, 2024

हिन्दू मंदिर, परंपराएं और महिलाएं निशाने पर क्यों

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi



अभी सकट चौथ बीता। आस्थावान हिन्दू स्त्रियाँ अपनी संतानों के दीर्घायु होने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। चंद्रमा दर्शन के उपरांत ही कुछ ग्रहण करती हैं। भारत भी चाँद पर पहुँच चुका है, लेकिन इससे हिन्दू स्त्रियों के मन में अपनी संतानों के दीर्घायु होने के लिए निर्जला व्रत रखने और चंद्रमा देखकर व्रत तोड़ने में अंतर नहीं आया है। व्रत के अगले दिन सुबह संतान तिल-गुड़ से बना पहाड़ तोड़ते हैं। पूजा में तिल-गुड़ के अलावा गन्ना, गाजर, अमरूद, शकरकंद, बैगन आदि मौसमी खाद्य ही इस पूजा में चढ़ाया जाता है। यह सब मंदिर में ही जाता है। जाहिर है, इसे अकेले पुजारी/पंडित तो खा नहीं जाएगा। ऐसी ही व्रत-परंपरा के मंदिर से जुड़े होने से भारत में मंदिरों से कोई भूखा नहीं लौटता था, तब भी जब लंगर/भंडारा जैसे आयोजन के चित्र सोशल मीडिया पर नहीं डाले जाते थे। मंदिर, परिवार और इसे सँभालने वाली महिलाएं हमारे हिन्दू समाज की रीढ़ हैं। अब यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि, इसीलिए सारे हमले उन्हीं को लक्षित करके होते रहे हैं। इसका एक और आवश्यक पहलू जानना चाहिए और उसे दुरुस्त करना चाहिए। किन्हीं वजहों से यह व्रत रखने की मान्यता अधिकांशतः पुत्रों की लंबी आयु के लिए ही रखती रही हैं, लेकिन मेरी पत्नी हमारी दोनों पुत्रियों के लिए रखती है। हिन्दू धर्म निरंतर सुधार का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। सुधार हम हिन्दू स्वयं करते रहते हैं। किसी क्रांति, गोली चलाने, विद्रोह करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हिन्दू व्रत-परंपरा में मूल प्रकृति, समाज विज्ञान जुड़ा हुआ है, उसके इर्द गिर्द समाज में अलग-अलग कहानियाँ हो सकती हैं। और इसमें यह जोड़ना आवश्यक है कि, बहुत सी हिन्दू स्त्रियाँ यह व्रत नहीं रखती हैं तो उन पर यह बाध्यता भी नहीं होती है।

Saturday, November 18, 2023

प्रधानमंत्री का पत्रकार दीपावली मिलन और कुंठित, विघ्न संतोषी पत्रकारों की पीड़ा

 


शुक्रवार, 17 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी ने दीपावली मिलन आयोजित किया। पत्रकारों के साथ दीपावली मिलन में @PMOIndia @narendramodi सभी पत्रकारों से खूब अच्छे से मिले। जिसने इच्छा जाहिर की, उसके साथ सेल्फी खिंचाई, सबका हालचाल लिया। कई पत्रकारों को भी उम्मीद नहीं रही होगी कि, उन्हें प्रधानमंत्री ऐसे भी जानते-पहचानते हैं। करीब एक घंटे तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पत्रकारों से अच्छे से मिले। भाजपा का पूरा मीडिया विभाग पूरी तत्परता, विनम्रता से पत्रकारों का स्वागत कर रहा था। कुछ लोगों को आमंत्रित करना रह गया भी हो सकता है, लेकिन बहुतायत सभी प्रमुख पत्रकारों को न्योता गया था और सब पहुंचे भी। अब इसकी भी आलोचना एक विघ्न संतोषी प्रजाति कर रही है। पहले दीपावली मिलन से लेकर कल तक, सभी में संयोगवश हम भी शामिल रहे हैं। पहले दीपावली मिलन में प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी खिंचाने के लिए लपककर पहुंचे एक टीवी एंकर आज यूट्यूब पर मोदी विरोध में खतरनाक स्तर को पार कर चुके हैं। शायद सरकार से उन्हें जिस 'सम्मान' की अपेक्षा थी, वह नहीं मिला। मोदी विरोध करने वाले पत्रकार अधिकांश वही हैं, जिनको सरकार ने उस तरह का 'सम्मान' नहीं दिया जो वो चाहते थे। खैर, पत्रकार होते सरकार से अपेक्षा का भाव रहेगा तो ऐसी पीड़ा, कुंठा मन में उपजती ही रहेगी। मुझे आमंत्रण नहीं भी मिला होता तो ऐसे सुन्दर आयोजन की आलोचना मैं कदापि न करता। सोनिया, राहुल जी भी ऐसे दीपावली आयोजन करते हों तो उसकी प्रशंसा होनी चाहिए। @anil_baluni और उनकी पूरी टीम को इस सुन्दर आयोजन के लिए बधाई। पत्रकार और नेताओं के बीच ऐसी मुलाकात होती रहनी चाहिए।

Thursday, October 19, 2023

विद्यालयों में बच्चे को हर अवसर मिल रहा है, उसे जिसमें मजा आए, उसमें आगे बढ़ाइए

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi 

The Manthan School's Khelchakra Chief Guest Prof Harsh Vardhan Tripathi, Chairman The Manthan School Divya Jain, COO Puja Khurana, Principal Poonam Kumar Mendiratta 








अकसर यह चर्चा होती है कि, शिक्षा में निजी और सरकारी विद्यालयों की भूमिका कितनी होनी चाहिए? दोनों के पक्ष में अच्छे तर्क भी सामने आते हैं, लेकिन अभी की शिक्षा हो या पहले की, विद्यालयों में छात्रों के सर्वांगीण विकास के मामले में निजी विद्यालय बेहतर करते दिखते हैं। सरकारी विद्यालयों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, लेकिन सीमित है। अभी ग्रेटर नोएडा के #TheManthanSchool के वार्षिक खेल उत्सव #KhelChakra में मुख्य अतिथि के तौर पर जाने का अवसर मिला। करीब 8 वर्ष इस विद्यालय को हुए हैं। आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह विद्यालय अपनी अलग पहचान बना चुका है, लेकिन खेलचक्र में जब मैं ग्रेटर नोएडा के शही विजय सिंह पथिक इंडोर स्टेडियम पहुंचा तो मुझे अहसास हुआ कि, विद्यालय कितना बेहतर कर रहा है। एक सप्ताह तक विद्यालय में अलग-अलग प्रतियोगिताओं के बाद स्टेडियम में समापन होना था। कार्यक्रम के दौरान मेडल देते समय विद्यालय की प्रधानाचार्य पूनम कुमार मेंदीरत्ता जी ने बताया कि, उनके विद्यालय के कई बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पूरे आयोजन के दौरान ऐसा लग रहा था जैसे, छोटा आलंपिक चल रहा हो। विद्यालय के बच्चे चमक रहे थे। कोई भी विद्यालय बेहतर होता है तो उसमें प्रधानाचार्य और शिक्षकों के साथ प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। द मंथन स्कूल की चेयरमैन दिव्या जैन जिस उत्साह से आयोजन में शामिल थीं, उससे यह आसानी से समझ आ रहा था। दिव्या जी ने बताया कि, पूनम जी विद्यालय की शुरुआत से ही प्रधानाचार्य हैं। हमारी बेटी की प्राइमरी में शिक्षक रहीं फरहा मैम अब द मंथन स्कूल में हैं और वहां की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी में हैं। उनका फोन आया कि, आपको हम अपने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाना चाहते हैं। मैंने कहा- अवश्य आऊंगा। पहली वजह तो छोटे-बड़े छात्रों के बीच जाकर बहुत कुछ सीखने को मिलता है। ऊर्जा बढ़ जाती है। दूसरी वजह, आप हमारी बेटी की शुरुआती शिक्षक रही हैं और तीसरी वजह भी महत्वपूर्ण है कि, हमारा इलाहाबाद कनेक्शन है। मैंने अपने भाषण में अभिभावकों से यही कहाकि, बच्चे को जो काम करने में मजा आ रहा हो, उसी में आप थोड़ा मदद करिए। बेवजह किसी भेड़चाल में बच्चे को शामिल मत कराइए। हालांकि, यह कहना आसान है। आज के प्रतिस्पर्धा वाले समय में अभिभावकों पर भी बहुत दबाव है, लेकिन आजकल विद्यालयों में जिस तरह की सुविधाएं उनको शुरू से मिलती हैं, उनका सर्वांगीण विकास आसानी से हो जाता है। विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों और छात्रों को शुभकामनाएं #HarshVardhanTripathi

Tuesday, October 17, 2023

MSP से MRP तक किसान जब तक नहीं पहुंचेगा, उसका भला नहीं हो सकता

Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी 

 

Center for Civil Society's compendium launch Researching Reality Report and panel discussion on "Beyond Legalese: Aam Aadmi in Conversation with the Constitution"

 

14 अक्टूबर को जब भारत और पाकिस्तान क्रिकेट के मैदान में भिड़ रहे थे तो उस समय Center for Civil Society के Researching Reality Report "Beyond Legalese: Aam Aadmi in Conversation with the Constitution" के लोकार्पण के आयोजन में हम शामिल थे। सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जे चेलामेश्वर मुख्य अतिथि थे और उसके बाद पैनल डिस्कशन में भाजपा नेता गोपाल कृष्ण अग्रवाल, जयवीर सिंह और विनय नवारे के साथ हम भी शामिल थे। इंडियन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के संस्थापक डीन और संचालनकर्ता डॉ शुभाशीष गंगोपाध्याय से पहले ही कह दिया था कि, मैं हिन्दी में ही बात रखूंगा। जस्टिस चेलामेश्वर के उद्बोधन के बाद हुए पैनल डिस्कशन में संविधान के हवाले के साथ किसानों को उनकी उपज की कीमत न मिलने की बात मैंने कही और यह भी कहाकि, सर्वोच्च न्यायालय ने किसानों के हित की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। हर मंच पर मैं यह बता कहता हूं कि, इस देश के किसानों को समाजवादी नीतियों की आड़ में ही उनके अधिकारों से वंचित किया गया। किसान को सरकार के भरोसे न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर बंधक बनाकर रखा गया है जबकि, उद्योगपतियों को अधिकतम खुदरा मूल्य MRP का अधिकार दिया गया है। जब तक किसानों को उनकी उपज की कीमत तय करने का अधिकार नहीं मिलेगा, किसान कभी सशक्त नहीं हो सकता। मैंने कहाकि, सोशलिज्म और सेक्युलरिज्म अवधारणा बुरी नहीं है, लेकिन भारत में इन दोनों शब्दों का सबसे अधिक दुरुपयोग किया गया है। जस्टिस चेलामेश्वर ने कहाकि, हिन्दी समझने में उन्हें थोड़ी कठिनाई हो रही है। उसके बाद उन्होंने किसी को सहायता के लिए बुलाया जो पूरे समय मेरे कहे को अनुवाद करके उन्हें बताता रहा। वैसे, जस्टिस चेलामेश्वर मेरा कहा समझ रहे थे, लेकिन कई बार उन्हें सन्दर्भ के साथ समझने में दिक्कत हो रही थी। यह उनका बड़प्पन था कि, पूरी चर्चा को उन्होंने ध्यान से सुना और जहां जरूरी लगा, उन्होंने सार्थक हस्तक्षेप भी किया। यहां एक बात मैं अवश्य कहूंगा कि, सेंटर फॉर सिविल सोसायटी से जुड़े शोधार्थियों ने संविधान और आम आदमी को जोड़कर जमीन के अधिकार, मुफ्त की योजनाओं और सरकार पर समाज के विश्वास को लेकर शानदार रिपोर्ट तैयार की है। इस तरह की रिपोर्ट महत्वपूर्ण विषयों पर समाज की समझ और सरकार की नीति के बीच के अंतर को समझाने में सहायक होती हैं। एक अच्छी चर्चा हुई। #HarshVardhanTripathi







CCS Release 

We are thrilled to share that on 14 October 2023, we launched our 2023 Researching Reality Report titled "Beyond Legalese: Aam Aadmi in Conversation with the Constitution" in collaboration with the Friedrich Naumann Foundation South Asia.

The event was graced by our Chief Guest Hon'ble Justice J Chelameswar, former judge, Supreme Court of India who delivered the keynote address. The opening address was given by Ms Nupur Hasija, Senior Programs Manager at FNF South Asia.

The Compendium Launch was followed by a panel discussion on "Aam Aadmi and the Constitution" with Gopal Krishna Agarwal, Prof Harsh Vardhan Tripathi, Jaivir Singh, and Vinay Navare, moderated by Dr Shubhashis Gangopadhyay.

We are grateful to our esteemed guests, our RR 2023 scholars, and the audience for making the launch a success! 

Tuesday, September 05, 2023

गोवा में यूट्यूबर्स कॉनक्लेव

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi


नया लोकतांत्रिक मीडिया अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उसमें भी यूट्यूब के जरिये पत्रकारिता या अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वालों को तो बिल्कुल भी नहीं। इसीलिए देश भर में सरकारें हों या राजनीतिक दल, अब यूट्यूबर्स को भी संपर्क करने लगे हैं। लंबे समय से रचनात्मक कार्य करने वाले देश के कुछ यूट्यूबर्स के साथ संवाद करने की योजना बन रही थी। ICCR के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे जी से चर्चा हुई तो उन्होंने कहाकि, इसे अवश्य करना चाहिए। करीब एक वर्ष पश्चात रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी, एंटरटेनमेंट सोसायटी ऑफ गोवा ने गोवा सरकार के साथ दो दिनों का यूट्यूबर्स कॉनक्लेव करना तय किया। Building Development Narrative Through YouTubing: Challenges and Opportunities विषय पर दो दिनों तक देश भर से आए यूट्यूबर्स ने चर्चा की। उद्घाटन गोवा के मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रमोद सावंत ने किया।

ICCR Chairman Vinay Sahasrabuddhe, Goa CM Dr Prmaod Sawant, Jayant Kulkarni, Harsh Vardhan Tripathi

उन्होंने
गोवा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद हुए परिवर्तनों को देश भर में पहुँचाने के लिए यूट्यूबर्स से आग्रह किया। उन्होंने कहाकि, गोवा को सन, सैंड और, सी से आगे भी देखने की आवश्यकता है। गोवा की विशेष संस्कृति है और, उसकी जानकारी कम लोगों को है। आत्मनिर्भर भारत को डॉक्टर प्रमोद सावंत की सरकार ने स्वयंपूर्ण गोवा अभियान बनाया है। मतलब इसका भी वही है कि, अपने में आत्मनिर्भर होना। गोवा के दोनों हवाई अड्डे अंतर्राष्ट्रीय हैं, इन दोनों हवाई अड्डों के बीच करीब 50 किलोमीटर की दूरी है। संयोगवश हमारा दिल्ली से गोवा पहुँचना पुराने Dabolim अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुआ और, वापसी Mopa में नये बने मनोहर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हुई। पुराना हवाई अड्डा भी बेहद शानदार है, लेकिन मोदी सरकार में बनकर तैयार हुए नये मनोहर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यात्रा का अलग ही सुख है। गोवा के सबसे बड़े नेता मनोहर पर्रिकर के नाम पर यह हवाई अड्डा है। पहाड़ी पर बना यह हवाई अड्डा अत्याधुनिक सुख सुविधाओं से युक्त तो है ही। यहाँ का मौसम हर वक्त बेईमान सा बना रहता है। हवाई अड्डे का रास्ता पहाड़ी होने की वजह से आने जाने की एक लेन ही हैं और, इस वजह से कहीं भी रास्ते में रुकने से मना किया जाता है, लेकिन फिर भी कुछेक चित्र मैंने जल्दी से ले लिए। हवाई अड्डे पर बहुत भीड़ भी नहीं थी या कहें कि, इतना बड़ा और, बढ़िया बना है कि, भीड़ लगी नहीं। 







मनोहर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गोवा की तरफ जाने पर दाहिने और, गोवा से मनोहर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जाने पर बाएँ आपको एक बड़ी भव्य इमारत दिखेगी। यह गोवा का आयुर्वेदिक आधारित AIIA का शानदार भवन है। 



यूट्यूबर्स कॉनक्लेव के पहले दिन के सत्रों के बाद हमें इसी आयुर्वेदिक AIIA ले जाया गया। प्रतिदिन औसत 500 लोगों को इलाज अभी यहाँ हो रहा है। अस्पताल पूरी तरह से पारदर्शी व्यवस्था के तहत चलता है। इलाज के लिए जाने पर प्रतीक्षा करने के लिए लगे सोफे के सामने ही लगी बड़ी टीवी स्क्रीन पर किसकी बारी रही है, यह दिख जाता है। 


अस्पताल में आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में ऐसे बड़े चित्र लगे दिख जाते हैं। यूट्यूबर्स कॉनक्लेव में आए लोगों के लिए यह अलग और, अनोखा अनुभव था। गोवा के मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रमोद सावंत विशेष रूप से इसे हर किसी को दिखाना चाहते थे। कार्यक्रम स्थल पणजी का ताज विवांता था। ताज की यह संपत्ति दूसरे ताज की तरह बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन व्यवस्थाएँ तो सब ताज की ही हैं, शानदार। होटल पहुँचते हम लोगों का स्वागत होटल के कर्मचारियों ने किया और, होटल के प्रबंधक हमारे साथ लिफ्ट में भी आए तो मुझे लगा कि, गोवा सरकार का आयोजन है तो इसकी वजह से इतना सम्मान हो रहा है। वैसे होटलों में सम्मान होता ही है, लेकिन लिफ्ट में प्रबंधक महोदय ने कुछ कहा तो साथी संतोष गुप्ता ने कहाकि, हर्ष जी आपके प्रशंसक यहाँ भी मिल गए। तब बात समझ आई कि, हमारे सामाजिक परिवार के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि, सुबह-शाम आपके वीडियो देखते ही देखते हैं। इससे सुखद जीवन में भला क्या हो सकता है। इससे पहले दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर विस्तारा की उड़ान की प्रतीक्षा करते भी एक डीएसपी साहब मिल गए थे। उन्होंने बताया कि, परिवार के साथ गोवा घूमने जा रहे हैं। पत्नी और, बेटी के साथ थे। बेटी बीटेक कर रही है। उन्होंने कहा- हम आपको बहुत देर से देख रहे थे, लेकिन संकोच हो रहा था। हमने कहा- हमारे सामाजिक परिवार के सदस्यों के लिए संकोच कैसा। विस्तारा की उड़ान में भी हमारे ठीक आगे की सीट पर बैठे साहिल मलिक भी हमारे सामाजिक परिवार के सदस्य निकले। जहाज में भी हमारे साथ एक चित्र लिया। यूट्यूबर्स कॉनक्लेव में दिल्ली से गोवा तक की यात्रा में हमारे सामाजिक परिवार के सदस्यों का मिलना बता रहा था कि, यह माध्यम कितना सशक्त हो चला है। गोवा में भी होटल में कई लोग मिलने आए। नादकर्णी जी कुछ पुस्तकें और, गोवा काजू लेकर आए। नादकर्णी जी ने होटल लॉबी में सोफे पर बैठी एक महिला से चित्र लेने का अनुरोध किया तो उन्होंने बताया कि, वह भी हमारे सामाजिक परिवार की सदस्य हैं। उन्होंने भी हमारे साथ चित्र लिया। नादकर्णी जी ने भेजा तो उसे लगा रहा हूं। 



 खैर, गोवा में पहली सुबह प्रतिदिन की तरह ही 5:30 बजे हुई और, मैंने नजदीकी समुद्र तट का पता पूछा तो पता चला कि, मीरामार बीच सबसे नजदीक है। 


सुबह की सैर वहीं हुई। मीरामार बीच के चौराहे पर ही हनुमान जी का सुन्दर मंदिर भी है, लेकिन यहाँ हनुमान जी की मूर्ति काली है। लौटते रास्ते में बाल गणेश प्रसन्न दिखे, उनकी मूर्ति भी काली ही थी। 

मीरामार बीच, गोवा




मैं बार-बार कहता हूँ कि, यह समय मीडिया और, समाज के लोकतांत्रीकरण का है। लोकतांत्रिक मीडिया होने की शक्ति ही थी कि, गोवा सरकार यूट्यूबर्स कॉनक्लेव बुला रही थी। यूट्यूबर्स का चयन करना हमेशा कठिन होता है, लेकिन विनय सहस्रबुद्धे जी की टीम ने वह कठिन कार्य किया। गोवा में होने से और, महाराष्ट्र की नजदीकी होने से मराठी यूट्यूबर्स की संख्या अनुपात में अधिक रही, लेकिन यूट्यूबर्स की आज चुनौतियों और, अवसर पर चर्चा में कोई असंतुलन नहीं आया। गोवा के मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रमोद सावंत ने Building Development Narrative Through YouTubing: Challenges and Opportunities विषय पर दो दिनों की संगोष्ठी की शुरुआत की। पहले दिन ही तीन प्रस्तुतिकरण भी हुए। अनय जोगलेकर, रचना रानाडे और, मेरा। विनय जी का आग्रह था कि, हर्ष वर्धन जी, राष्ट्रीय परिदृश्य के लिहाज से आपका प्रस्तुतिकरण रहे। मेरे प्रस्तुतिकरण का विषय था “The World of YouTubing” इन तीनों प्रस्तुतियों के बाद स्वयंपूर्ण गोवा के माध्यम से गोवा को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गोवा सरकार क्या कर रही है। इसकी प्रस्तुति दी गई। इसके बाद गोवा सरकार की तरफ से आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद दिखाने ले जाया गया। जिसका उल्लेख मैं पहले ही कर चुका हूँ। डिनर के बाद जाने माने रक्षा पत्रकार नितिन गोखले के साथ का सत्र बहुत ज्ञानवर्धक रहा। नितिन गोखले ऑनलाइन ही जुड़े। दो दिनों के सत्रों की संरचना बहुत सुन्दर और कसी हुई थी। दूसरे दिन की शुरुआत पुणे के मशहूर ENT डॉक्टर मिलिंद भोई के सत्र के साथ हुई। उन्होंने YouTubers को गले को दुरुस्त रखने के गुर बताए। उन्होंने अपनी पुस्तक भी मुझे सप्रेम भेंट की।

Dr Milind Bhoi, Santosh Gupta, Harsh Vardhan Tripathi


दूसरे दिन गुजरात सरकार, जम्मू-कश्मीर, मुम्बई मेट्रो और, उत्तर प्रदेश के ODOP की प्रस्तुतियाँ भी हुईं। गुजरात सरकार की ओर से प्रस्तुति दे रहे प्रशांत त्रिपाठी ने बताया कि, कैसे मुख्यमंत्री कार्यालय से डैशबोर्ड के जरिये समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है। जम्मू कश्मीर सरकार के अधिकारी राघव लंगर ने जम्मू कश्मीर के परिवर्तन को आँकड़ों के जरिये बताया। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद अकल्पनीय कार्य हुए हैं। लोगों को अधिकार मिले हैं। और, जिला विकास समितियों के माध्यम से जनप्रतिनिधियों की सरकार में भागीदारी भी मजबूत हुई है। उत्तर प्रदेश के One District One Product के बारे में तो देश भर में चर्चा रहती है, लेकिन जिस तरह से सरकार ने इस योजना के जरिये स्थानीय कला और, कारीगरों को प्रोत्साहन दिया है, उनकी कहानी हर किसी को पता चलना चाहिए। हालाँकि, इसमें चुनौतियों अभी बहुत हैं। उत्तर प्रदेश की प्रस्तुति सुनील कुमार और, अंशुमान त्रिपाठी ने दी। अंशुमान हमारे विश्वविद्यालय के जूनियर हैं और, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जूनियर-सीनियर जैसा रिश्ता आनंद ही देता है। रोमांचकारी प्रस्तुति मुम्बई मेट्रो की रही। मुम्बई मेट्रो से सुबोध कुमार गुप्ता ने  बताया कि, मुम्बई जैसे संकरे स्थान पर इमारतों को नुक़सान पहुँचाए बिना और, यातायात को रोके बिना किस तरह का कार्य मुम्बई मेट्रो कर रही है, कमाल है। मुम्बई मेट्रो का अद्भुत कार्य देखते मुम्बई मेट्रो पर हुई राजनीति मुझे याद आने लगी। मुझे लगा कि, अगर राजनीतिक रस्साकशी न हुई होती तो मुम्बई के लोगों को यह बहुप्रतीक्षित मेट्रो लाइन अब तक शायद मिल गई होती। अब दिसंबर अंत तक या अगले वर्ष की शुरुआत में मुम्बई के लोगों को यह खुशखबरी मिल जाएगी। 

सामूहिक तौर पर YouTubers की समस्याओं और, अवसरों के बारे में जानने के अलावा विनय जी ने अलग से भी लोगों से इसकी चर्चा की। लगभग सभी सफल YouTubers थे जो, तकनीक के साथ सामंजस्य बैठाकर आगे बढ़े रहे हैं और, अच्छे पैसे कमाते हुए समाज में रचनात्मक योगदान दे रहे हैं। चर्चा में सामने आए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का जिक्र मैं यहाँ भी कर रहा हूँ

YouTubers ने एक संगठन, मंच बनाने की बात कही, जिससे उनकी समस्याओं को संगठित तरीके से उठाया जा सके

सरकारों पर भी दबाव बनाया जाए कि, उन्हें कैसे मान्यता मिले। हालाँकि, इतने बड़े समूह को चिन्हित करना और, उन्हें मान्यता देने का कार्य बेहद दुरुह है, इसका अनुमान सभी को था

YouTubers को पहचान पत्र कैसे दिया जा सकता है, यह बहुतायत यूट्यूबरों के मन में था, विशेषकर जिनकी पत्रकारिता की पृष्ठभूमि नहीं रही है

YouTubers की चिंता यह थी कि, कभी भी पुलिस उन्हें रोक देती है, समाचार की कवरेज या लोगों की राय लेने से

फर्जी समाचारों के संकट से कैसे निपटा जाए

आपसी मेलजोल का रचनात्मक तरीके से कैसे उपयोग किया जा सकता है


ICCR Charman Vinay Sahasrabuddhe, Bihar Governor Rajendra Arlekar and Senior Journalist Harsh Vardhan Tripathi

YouTubers Conclave

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर के साथ हर्ष वर्धन त्रिपाठी

दूसरे दिन के आखिरी समापन सत्र में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर जी रहे। राजेंद्र आर्लेकर जी गोवा के बड़े नेताओं में रहे। विधायक, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष के तौर सक्रिय राजनेता रहे। सहज सरल स्वभाव के राजेंद्र आर्लेकर जी ने कहाकि, इस माध्यम का सदुपयोग किया जाए तो तेजी से सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। 


ISRN CEO संतोष गुप्ता के साथ
सत्र समाप्ति के बाद माँडवी नदी पर क्रूज पर ही रात्रिभोज के साथ हमारी गोवा यात्रा संपन्न हुई क्योंकि, अगले दिन सुबह हमारी दिल्ली वापसी के लिए उड़ान मनोहर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से थी, लेकिन फिर भी गोवा के कम से कम एक और बीच का चित्र सहेजने के लिए हम और मित्र संतोष गुप्ता बागा बीच होकर गए। 





जिनकी वापसी उस दिन शाम या अगले दिन थी, उन लोगों के लिए गोवा की स्थानीय यूट्यूबर सावनी सेठ ने गोवा की सांस्कृतिक धराहरों को दिखाने का कार्यक्रम तय किया था, जिसमें शामिल होने का मुझे मलाल है। अगली यात्रा में उसे पूरा किया जाएगा। बारिश से हरियराए गोवा की स्मृतियाँ अभी भी यादों में है। गोवा की यात्रा अधूरी रह गई है, पूरी की जाएगी। गोवा के मशहूर Casinos में जाना नहीं हुआ, लेकिन बाहर से रंगीन दुनिया की झलक देखी। कभी संयोग और, साहस बना तो भीतर से भी देख लिया जाएगा।








हिन्दू मंदिर, परंपराएं और महिलाएं निशाने पर क्यों

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi अभी सकट चौथ बीता। आस्थावान हिन्दू स्त्रियाँ अपनी संतानों के दीर्घायु होने के लिए निर्जला व्रत रखत...