कल देर रात सीपीआई नेता एबी बर्धन ने कहाकि अगर कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मनमोहन सिंह को पेश न करे तो, वो फिर से कांग्रेस के साथ गठजोड़ बना सकते हैं। ये बयान तब आया है जब अभी ताजा-ताजा ही लेफ्ट की चारों पार्टियों के नेता- जिसमें एबी बर्धन भी शामिल थे- राष्ट्रपति को जाकर कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार से समर्थन वापसी का पत्र सौंप चुके हैं। और,कल भी दिन भर प्रकाश करात चीखते रहे कि कांग्रेस जल्दी से जल्दी सदन में बहुमत साबित करे।
फिर ये दोमुंही बात क्यों। अभी सरकार गिरी भी नहीं। चुनाव हुए भी नहीं। और, अगली सरकार बनाने के लिए उसी पार्टी को समर्थन देने की बात लेफ्ट नेता कह रहे हैं जिसे वो समय से पहले गिरा देना चाहते हैं। वैसे लेफ्ट नेता की इस बात से सबसे ज्यादा खुश मादाम हुईं होंगी। ये बात मैंने परसों ही बता दी थी। आप भी पढ़िए मादाम क्यों खुश हैं।
फिर ये दोमुंही बात क्यों। अभी सरकार गिरी भी नहीं। चुनाव हुए भी नहीं। और, अगली सरकार बनाने के लिए उसी पार्टी को समर्थन देने की बात लेफ्ट नेता कह रहे हैं जिसे वो समय से पहले गिरा देना चाहते हैं। वैसे लेफ्ट नेता की इस बात से सबसे ज्यादा खुश मादाम हुईं होंगी। ये बात मैंने परसों ही बता दी थी। आप भी पढ़िए मादाम क्यों खुश हैं।
काहे इतना भाव दे रहे हैं जी? लेफ्ट थेथर है।
ReplyDeleteवामपंथी थेंथर हैं …१००% सहमत हूँ। इनकी निर्लज्जता और नंगा स्वार्थ राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जगजाहिर है। फिर भी भारतीय लोकतंत्र में अभी भी ये प्रासंगिक बने हुए हैं। …एक विडंबना।
ReplyDeleteकाहे न बोलेंगे पहली बार मनमोहन ने इन्हें दो कौडी का नेता जो माना है .अब सीताराम जी सीताराम सीताराम कहेंगे .सोमनाथ जी सोमनाथ यात्रा पर निकालेंगे आडमानी के साथ .
ReplyDeleteमनमोहन तो सोनिया के मन का आदमी है ,जिस रोज मन करेगा मनमोहन साइड हो जायेंगे .लेकिन इन सशर्त समथकों के बहकावे में सोनिया कुछ कर जाए ऐसा सम्भव नही .
ये समूह अपने आप समर्थन देने को तैयार रहता है बिना मांगे ,सो कांग्रेस का एक भी बच्चा इनसे माँगने नही गया ख़ुद सटने कि जुगाड़ में समर्थन को बेकरार है . मारिये लात इन लतखोरों को .