Wednesday, July 23, 2008

अब चड्ढी भी फट जाने दो तब करेंगे कपड़े पहनने की बात

लोकतंत्र नंगा हो गया है। सरकार जीती पर लोकतंत्र हार गया है। कोई कुछ तो कोई कुछ। विश्वास मत पर बहस के दौरान जब कल चार बजे के आसपास बीजेपी के तीन सांसदों ने गड्डी लहराकर एक करोड़ रुपए संसद में उछाले तो, लगा कि अरे ये क्या हो गया। तीनों सांसद खुश थे कि उन्होंने पार्टी के लिए वो कर दिया जो, आज तक के इतिहास में किसी भी पार्टी का सांसद अपनी पार्टी के लिए नहीं कर पाया। वो, बिके और बिककर खुश हुए। सोचा ये था कि जिसने खरीदा उसे नंगा कर देंगे और खुद महान बन जाएंगे।

लेकिन, वो यहीं चूक गए। खरीदने वाला बिकने वाले से हमेशा ज्यादा चालाक होता है। और, नफा-नुकसान का हिसाब भी ज्यादा बेहतर लगा लेता है। चाहे वो बिकती हुई कंपनी हो या फिर बिकता हुआ सांसद। इन तीनों सांसदों की नंगई की नौटंकी तब तक चलती रही जब तक दूसरे महान नंगे टीवी चैनलों पर नहीं चमके थे। इन तीनों नंगों को नंगई की इजाजत देने वाले आडवाणीजी भा बार-बार यही कहते रहे कि उन्होंने मुझसे इजाजत मांगी थी और मैंने उन्हें कहाकि वैसे तो, ये उचित नहीं है लेकिन, देश और संसद को दिखाने के लिए मैं इसकी इजाजत देता हूं।

अचानक मुलायम प्रकट हो गए। टीवी चैनल वालों ने पूछा अमर सिंह कहां हैं। लोगों को करोड़ो कि रिश्वत देने के आरोप के बाद चुप क्यों हैं। मुलायम सिंह ने कहा- अमर सिंह खूब बोलते हैं अभी भी बोलेंगे। और, जब अमर सिंह आकर बोले तो, सब शांत हो गया। अमर सिंह को तो सब जानते ही हैं। अमर सिंह ने वही पुराना डायलॉग रट्टा मारकर सुना दिया कि मेरे तो उठने-बैठने पर मीडिया की नजर है। जाने कितने कैमरे मेरे घर के सामने लगे हुए हैं (अमर सिंह ने यही जवाब उस आरोप पर भी दिया था जब कहा गया था कि सीबीआई चीफ उनके पास आए थे जिसके बाद मायावती के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई)। आपमें से किसी के पास है क्या ऐसी तस्वीरें जिसमें बीजेपी के तीनों वेश्या सांसद मेरे घर में बिकने के लिए आते दिखे हों। अमर सिंह ने कई बार कहाकि राजनीति की इन वेश्याओं का आरोप है कि मैंने उन्हें खरीदा। अमर सिंह इतने पर भी नहीं माने। उन्होंने कहाकि इन राजनीतिक वेश्याओं का ये भी दावा है कि पहले इन्हें एक फाइव स्टार होटल में अहमद पटेल के पास बिकने के लिए राजी किया गया था।

अमर सिंह ने कहा वो, इतने कच्चे खिलाड़ी तो नहीं हैं कि किसी को पैसे देंगे और पकड़े जाएंगे। उन्हें फंसाया जा रहा है। अमर सिंह जी आप एकदम सही कह रहे हैं आप जैसे शातिर को पकड़ना मुश्किल है। इसलिए नहीं कि आप बड़े चालाक हैं। सिर्फ इसलिए कि ज्यादातर लोग थोड़ा कम-थोड़ा ज्यादा के अंदाज में नंगे हैं। और, वो अपनी थोड़ी भी नंगई समाज में दिखने से अभी भी डर रहे हैं। आप पूरे नंगे हैं। आपको अब कोई डर नहीं है। आपने थोड़ा चालाकी से ही सही बीजेपी के उन तीनों सांसदों को राजनीतिक वेश्या तक कह डाला।

अब कहीं समंदर के किनारे चड्ढी पहने पुरुष और बिकनी पहने महिलाओं को कोई बेशर्म थोड़ी न कहता है। फाइव स्टार होटलों के पूल के किनारे कुर्सियों पर ऐसे ही परिधानों में बैठे लोगों को भी हाई क्लास का माना जाता है। ये बेशर्मी की परिभाषाएं तो, घरों में बाथरूम से निकलते समय भी पूरे कपड़े पहनकर निकलने वालों के लिए है। अब राजनीति में हाई क्लास बढ़ रहा है। इसलिए ऐसी बेशर्मी भी बढ़ रही है।

अब एक बार सबको पूरा नंगा हो जाने दीजिए। बिना चड्ढी-बनियान के घूमने दीजिए। क्योंकि, जब नंगों का समाज बढ़ गया है तो, ये किसी कपड़े वाले को कैसे जीने देंगे। लेकिन, जब सब नंगे होंगे तब शायद वितृष्णा होगी। और, समाज में कपड़े की अहमियत पता चलेगी। चलिए सब नंगे होते हैं। घिन कब तक आती है ये देखना है। घिन आएगी तो, उल्टी भी करेंगे। उस पर मक्खियां भी बैंठेंगी। और, जब इस कूड़े से-गंदगी से निकलने वाली बदबू से सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। तब दूसरे का गंदगी करना शायद बुरा लगेगा और, कुछ लोग सफाई भी शुरू करेंगे। तब तक के लिए नंगा समाज की जय—नंगा संस्कार की जय .. जय हो .. हर जगह नंगामय हो ..

12 comments:

  1. नंगाई को प्रणाम

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  2. प्रणाम तो कतई नहीं.
    इन नंगो के सिर पर सौ सौ जूते, हजार हजार जूते.
    हम तो सिर्फ कल्पना में हीं लगा रहे हैं, आने वाले दिनों मे जनता इन्हें लगायेगी और कस कर लगायेगी.

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  3. पहली बार आपका ब्लॉग देखा. तो बिना पढ़े कैसे रह सकता था. बहुत ही बढिया लिखा है. सही है जब गंदगी अपने चरम पर पहुंच जायेगी, तब उस गंदगी को साफ करने की जरूरत ज्यादा महसूस होगी. अब शायद गंदगी ज्यादा हो गयी है, इससे लग रहा है कि अब सफाई भी शुरू होने वाली है. जनता सब देख रही है!

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  4. अभी नंगापन चरम सीमा पर नही पहुँचा है..अभी कुछ समय और लगेगा।

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  7. लेख के पहले और दूसरे पैराग्राफ में आपने जो कुछ लिखा वो आंखों देखा सच था, लेकिन उसके बाद जो लिखा गया वो आंख खोलने वाला सच था, आंख खोलने वाला नंगा सच । विचार और प्रस्तुतिकरण दोनों ने झकझोर कर रख दिया। कल संसद में जो कुछ हुआ उसके बाद व्यतिथ मन की सारी भड़ास इसे पढ़ कर निकल गई। अब तक कई बार पढ़ चुका हूं...और शायदा अभी कई बार और पढ़ूंगा।

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  8. इस विषय में और लिखने के अवसर नेतागण देते रहेंगे।

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  9. मुझे तो सत्‍तापक्ष के नेताओं पर टिप्‍पणी करने में भी शर्म आ रही है।

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  10. नंगा समाज की जय—नंगा संस्कार की जय .. जय हो .. हर जगह नंगामय हो ..

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  11. राजनीतिक नंगई से हम सब शर्मसार हैं !

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  12. bahut badiya....good one! These politicians HAVE LEARNED THE ART OF STRIPING quite well....these people should be send to Las Vegas so they can use their expertise and earn mullah for themselves....here they are wastin their talent....
    Bunch of Stripers....

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