मायावती को लगता है कि एक प्रेस कांफ्रेंस हर मर्ज की दवा है। उनकी सरकार कितना भी नरक कर दे वो, समझती हैं कि एक बार टीवी-अखबार के जरिए जो, उन्होंने बोल दिया। जनता उसे संत वचन की तरह आखिरी सत्य मान लेगी। लेकिन, अब बहनजी माफ कीजिएगा- आप गलती कर रही हैं।
गलती ये कि कांग्रेस जो चाह रही है वही आप कर रही हैं। कांग्रेस चाह रही है कि आप रीता 'बहुगुणा' जोशी को जेल में बंद कर दें। ज्यादा दिन तो भारतीय कानून की कोई धारा है नहीं जो, नेताओं को जेल में रख सके। वो, आपने कर दिया है। अब अगर रीता बहुगुणा जोशी जेल में 14 दिन बिता देती हैं तो, ये 14 दिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दिए गए स्टिमुलस पैकेज से भी ज्यादा कारगर साबित होगा।
मैं इस बहस में तो पड़ना ही नहीं चाहता कि कौन कितना सभ्य-असभ्य है। उत्तर प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था के खिलाफ मुरादाबाद में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भाषण दे रही थीं। कांग्रेसी कार्यकर्ता आजकल फिर जरा ज्यादा जुटने लगे हैं, जुट गए। भाषण की हर लाइन पर ताली पीट दे रहे थे। रीताजी खांटी नेता है ये तो मैं निजी तौर पर जानता हूं, बहुत नजदीक से इलाहाबाद में देखा भी है। हेमवती नंदन बहुगुणा की असल वारिस होने का सबूत वो हर राजनीतिक कदम से साबित कर देती हैं। बस यहीं वो, राजनीतिक बहुगुणा के खून का प्रवाह तेज हो गया। ताली और तेज पिटवाने के चक्कर में जुबान तेज चल गई।
रीता बहुगुणा जोशी ने कह दिया- प्रदेश में बलात्कार की शिकार लड़कियों को मायावतीजी 25 हजार, 75 हजार मुआवजा दे रही हैं। मैं कह रही हूं कि ये पैसा महिलाओं को उनके मुंह पर मार देना चाहिए। अगर मायावती का रेप हो जाए तो, मैं एक करोड़ मुआवजा दे दूंगी। ये बयान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जोश भर गया। अब इसमें तो कोई संदेह है नहीं कि इस देश में इसी तरह बयान बहादुर ही राजनीति में आगे जा पाते हैं।
इसके बाद बसपा के कार्यकर्ता अपनी बहनजी के अपमान से इतने गुस्साए कि रीता जोशी का लखनऊ का घर जलाकर खाक कर दिया। मुरादाबाद से गाजियाबाद पहुंचते-पहुंचते रीता जोशी गिरफ्तार हो गईं। जमानती-गैरजमानती मिलाकर 7-8 धाराएं यूपी सरकार ने चिपका दीं। अब इसमें मैं एक चीज जो समझ नहीं पाया कि ये SC/ST एक्ट किस आधार पर लगा है। इसमें कोई जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल तो हुआ ही नहीं था। जबकि, इससे पहले खुद बहनजी के जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल के बावजूद उन पर डरावना SC/ST एक्ट नहीं लगा था। ।
खैर ये वही मायावती हैं जिन्होंने जनवरी 2007 में मुलायम सिंह यादव के जंगलराज के खिलाफ कुछ इसी तरह की अभद्र (पता नहीं कितने नेता इसे अभद्र मानेंगे कितने रीता के बयान को) भाषणबाजी की थी, अच्छी-खासी रैली में। तब मायावती के खिलाफ कुछ नहीं हुआ था। आज तक मायावती ने उस बयानबाजी के खिलाफ माफी भी नहीं मांगी है। रीता जोशी तो, तुरंत माफी मांगकर दलित अपमान के बोझ से मुक्त हो गईँ। अब भले ही इसे बसपा इसे दलित अपमान का मुद्दा बनाकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहे। सच्चाई यही है कि उनके कर्म अब दलितों को नए सिरे से जगा रहे हैं। यूपी में गंगा में जितना पानी बह चुका है वो, साफ बता रहा है कि मायावती का दलित कार्ड अब खास काम नहीं आ पाएगा।
बसपा का कुछ बने न बने। भाई सतीश मिश्रा फिर चमक गए हैं। उनकी फोनर प्लेट बनाकर टीवी चैनलों पर करीब 20 मिनट चिपकी रही। लोकसभा में मिश्राजी कुछ कानूनी बातें भी कर रहे थे। अब हो सकता है कि बसपा के किनरिया दिए गए सतीश मिश्रा की बजार कुछ दिनों के लिए फिर चमक जाए।
सारे टीवी चैनल रीता के बयान की निंदा कर रहे हैं लेकिन, फुटेज या तो, गिरफ्तारी के बाद एक महिला पुलिस अधिकारी को धकियाते रीता की तस्वीरें चल रही हैं। या फिर मायावती का पुतला फूंकते कांग्रेसी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच की धक्कामुक्की की। कुछेक चैनल तो, मुंबई हमले की तरह से रीता के जले घर के कमरे, खिड़की--दरवाजों की मार्मिक कहानी सुना रहे हैं। एक लाइन की बात ये है कि ये टीवी पर टूं .... टूं .... करके चलने वाले एक और बयान ने कांग्रेस और रीता बहुगुणा जोशी को चमका दिया है। कांग्रेस भले ही अभी यूपी सरकार को बर्खास्त करने की मांग नहीं कर रही है। लेकिन, बेटे वरुण के दर्द से उबर न पा रही मेनका और किसी भी तरह मायाराज के खत्म होने का इंतजार कर रही समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रपति शासन की मांग कर डाली है। एक बयान ने वरुण को बंपर वोट से लोकसभा तो पहुंचा ही दिया है।
वैसे तो, कांग्रेस राष्ट्रपति शासन लगाने की उस्ताद है लेकिन, फिलहाल वो ऐसा नहीं करेगी। क्योंकि, उसे साबित करना है कांग्रेस अपने दम पर सत्ता में आई है। यूपी में पार्टी की मजबूती के रास्ते उसे देश का राज अगले कई सालों के लिए पक्का दिख रहा है। अब कोई राजनीतिक जानकार इसे कैसे भी देखे। सभ्य समाज मायावती, रीता के बयानों-कर्मों में से किसी को अच्छा बुरा बताए। मैं तो इसे सिर्फ ऐसे देख रहा हूं कि कांग्रेस का काम बन गया है। राहुल के चमत्कार को रीता का ये बयान 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में और बड़ा बना देगा।
गलती ये कि कांग्रेस जो चाह रही है वही आप कर रही हैं। कांग्रेस चाह रही है कि आप रीता 'बहुगुणा' जोशी को जेल में बंद कर दें। ज्यादा दिन तो भारतीय कानून की कोई धारा है नहीं जो, नेताओं को जेल में रख सके। वो, आपने कर दिया है। अब अगर रीता बहुगुणा जोशी जेल में 14 दिन बिता देती हैं तो, ये 14 दिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दिए गए स्टिमुलस पैकेज से भी ज्यादा कारगर साबित होगा।
मैं इस बहस में तो पड़ना ही नहीं चाहता कि कौन कितना सभ्य-असभ्य है। उत्तर प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था के खिलाफ मुरादाबाद में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भाषण दे रही थीं। कांग्रेसी कार्यकर्ता आजकल फिर जरा ज्यादा जुटने लगे हैं, जुट गए। भाषण की हर लाइन पर ताली पीट दे रहे थे। रीताजी खांटी नेता है ये तो मैं निजी तौर पर जानता हूं, बहुत नजदीक से इलाहाबाद में देखा भी है। हेमवती नंदन बहुगुणा की असल वारिस होने का सबूत वो हर राजनीतिक कदम से साबित कर देती हैं। बस यहीं वो, राजनीतिक बहुगुणा के खून का प्रवाह तेज हो गया। ताली और तेज पिटवाने के चक्कर में जुबान तेज चल गई।
रीता बहुगुणा जोशी ने कह दिया- प्रदेश में बलात्कार की शिकार लड़कियों को मायावतीजी 25 हजार, 75 हजार मुआवजा दे रही हैं। मैं कह रही हूं कि ये पैसा महिलाओं को उनके मुंह पर मार देना चाहिए। अगर मायावती का रेप हो जाए तो, मैं एक करोड़ मुआवजा दे दूंगी। ये बयान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जोश भर गया। अब इसमें तो कोई संदेह है नहीं कि इस देश में इसी तरह बयान बहादुर ही राजनीति में आगे जा पाते हैं।
इसके बाद बसपा के कार्यकर्ता अपनी बहनजी के अपमान से इतने गुस्साए कि रीता जोशी का लखनऊ का घर जलाकर खाक कर दिया। मुरादाबाद से गाजियाबाद पहुंचते-पहुंचते रीता जोशी गिरफ्तार हो गईं। जमानती-गैरजमानती मिलाकर 7-8 धाराएं यूपी सरकार ने चिपका दीं। अब इसमें मैं एक चीज जो समझ नहीं पाया कि ये SC/ST एक्ट किस आधार पर लगा है। इसमें कोई जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल तो हुआ ही नहीं था। जबकि, इससे पहले खुद बहनजी के जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल के बावजूद उन पर डरावना SC/ST एक्ट नहीं लगा था। ।
खैर ये वही मायावती हैं जिन्होंने जनवरी 2007 में मुलायम सिंह यादव के जंगलराज के खिलाफ कुछ इसी तरह की अभद्र (पता नहीं कितने नेता इसे अभद्र मानेंगे कितने रीता के बयान को) भाषणबाजी की थी, अच्छी-खासी रैली में। तब मायावती के खिलाफ कुछ नहीं हुआ था। आज तक मायावती ने उस बयानबाजी के खिलाफ माफी भी नहीं मांगी है। रीता जोशी तो, तुरंत माफी मांगकर दलित अपमान के बोझ से मुक्त हो गईँ। अब भले ही इसे बसपा इसे दलित अपमान का मुद्दा बनाकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहे। सच्चाई यही है कि उनके कर्म अब दलितों को नए सिरे से जगा रहे हैं। यूपी में गंगा में जितना पानी बह चुका है वो, साफ बता रहा है कि मायावती का दलित कार्ड अब खास काम नहीं आ पाएगा।
बसपा का कुछ बने न बने। भाई सतीश मिश्रा फिर चमक गए हैं। उनकी फोनर प्लेट बनाकर टीवी चैनलों पर करीब 20 मिनट चिपकी रही। लोकसभा में मिश्राजी कुछ कानूनी बातें भी कर रहे थे। अब हो सकता है कि बसपा के किनरिया दिए गए सतीश मिश्रा की बजार कुछ दिनों के लिए फिर चमक जाए।
सारे टीवी चैनल रीता के बयान की निंदा कर रहे हैं लेकिन, फुटेज या तो, गिरफ्तारी के बाद एक महिला पुलिस अधिकारी को धकियाते रीता की तस्वीरें चल रही हैं। या फिर मायावती का पुतला फूंकते कांग्रेसी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच की धक्कामुक्की की। कुछेक चैनल तो, मुंबई हमले की तरह से रीता के जले घर के कमरे, खिड़की--दरवाजों की मार्मिक कहानी सुना रहे हैं। एक लाइन की बात ये है कि ये टीवी पर टूं .... टूं .... करके चलने वाले एक और बयान ने कांग्रेस और रीता बहुगुणा जोशी को चमका दिया है। कांग्रेस भले ही अभी यूपी सरकार को बर्खास्त करने की मांग नहीं कर रही है। लेकिन, बेटे वरुण के दर्द से उबर न पा रही मेनका और किसी भी तरह मायाराज के खत्म होने का इंतजार कर रही समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रपति शासन की मांग कर डाली है। एक बयान ने वरुण को बंपर वोट से लोकसभा तो पहुंचा ही दिया है।
वैसे तो, कांग्रेस राष्ट्रपति शासन लगाने की उस्ताद है लेकिन, फिलहाल वो ऐसा नहीं करेगी। क्योंकि, उसे साबित करना है कांग्रेस अपने दम पर सत्ता में आई है। यूपी में पार्टी की मजबूती के रास्ते उसे देश का राज अगले कई सालों के लिए पक्का दिख रहा है। अब कोई राजनीतिक जानकार इसे कैसे भी देखे। सभ्य समाज मायावती, रीता के बयानों-कर्मों में से किसी को अच्छा बुरा बताए। मैं तो इसे सिर्फ ऐसे देख रहा हूं कि कांग्रेस का काम बन गया है। राहुल के चमत्कार को रीता का ये बयान 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में और बड़ा बना देगा।
मुझे कुछ नहीं कहना है। आपने तो सब कह ही दिया। बस अब तेल देखिए और तेल की धार देखिए।
ReplyDeleteअच्छा विश्लेषण।
एक दम सटीक लेखनी.
ReplyDeletedekho bahiya poorvi up me ek kahawat hai "chaube chapat,dubey nawab,pande har thokana,misir ....."
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