Wednesday, September 07, 2016

सरपट भागते सेंसेक्स की बुनियाद

भारतीय शेयर बाजार को जैसे अचानक कोई संजीवनी सी मिल गई हो। इस साल अब तक सेंसेक्स 10.5% से ज्यादा चढ़ चुका है। 29000 को छूने के बाद सेंसेक्स थोड़ा सुस्ताता नजर आ रहा है। सेंसेक्स को 29000 छूने में करीब डेढ़ साल लग गए। दरअसल ये पिछले डेढ़ साल सरकार के लिए भी ढेर सारी मुश्किलों वाले रहे हैं। लेकिन, अब सरकार भी मजबूतत नजर आ रही है और शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा भी पक्का नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब अर्थव्यवस्था को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहे हैं। इसकी ढेर सारी वजहें हैं और शेयर बाजार की मजबूती में दिल्ली से लेकर वॉशिंगटन तक की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। मौसम से लेकर महंगाई ने बाजार को मारक रफ्तार दे दी है। उन ढेर सारी वजहों में से सबसे अहम 5 वजहें ये रहीं।

GST कानून बनने की ओर
भारत में कर सुधारों का सबसे बड़ा कानून बनने जा रहा है। मोदी सरकार के दो साल होने के बाद संसद ने GST बिल को पास कर दिया। संसद से मंजूर होने के बाद तेजी से GST कानून बनने की तरफ बढ़ रहा है। 17 राज्यों की विधानसभा ने GST को मंजूर कर लिया है। जिस तेजी से राज्यों ने इसे मंजूर किया है। उससे सरकार के 1 अप्रैल 2017 से इसे कानून बनाने की राह आसान होती दिख रही है। सरकार ने GST काउंसिल की मदद के लिए GST सचिवालय बनाने पर चर्चा शुरू कर दी है। हालांकि, अभी भी कानून बनाने के लिए इसे लंबा सफर तय करना है।

काबू में आती महंगाई
इस साल रिकॉर्ड दाल की पैदावार का अनुमान है। अच्छे मॉनसून की वजह से कुल अनाज भी बेहतर होने का अनुमान है। इसकी वजह से भी महंगाई काबू में आती दिख रही है। इसका असर भी दिखने लगा है। 140 रुपये किलो बिक रही अरहर दाल 100 रुपये किलो के आसपास बिकने लगी है। हालांकि, महंगाई दर 6% प्रतिशत के ऊपर है जो, रिजर्व बैंक के 5% के लक्ष्य से ऊपर है। लेकिन, बेहतर मॉनसून से कम से कम खाने-पीने के सामानों की महंगाई और कम होने की उम्मीद दिख रही है। ग्रामीण क्षेत्र में अच्छी मांग होने से कंपनियों – खासकर कंज्यूमर ड्यूरेबल, मशीनरी- की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। इससे कंपनियों की बैलेंसशीट बेहतर होने के आसार हैं।  

उर्जित पटेल से मिली ऊर्जा
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को हटाने को लेकर दुनिया भर की एजेंसियां और आर्थिक विश्लेषक भारतीय मौद्रिक नीति को लेकर आशंका में थे। लेकिन, उर्जित पटेल का रिजर्व बैंक का गवर्नर बनना सभी आशंकाओं को खारिज करता है। रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल का अभी तक का रिकॉर्ड आश्वस्त करता है कि भारत की मौद्रिक नीति बदलने वाली नहीं हैं। साथ ही ये भी पटेल और मोदी सरकार के बीच विवाद भी नहीं होने वाला। शेयर बाजार का नए गवर्नर में भरोसा इसी बात से समझा जा सकता है कि उदारीकरण के बाद शेयर बाजार ने रघुराम राजन के बाद अब उर्जित पटेल का भी स्वागत इतने शानदार तरीके से किया है। 4 सितंबर को सेंसेक्स 1.6% चढ़ा है।

मैन्युफैक्चरिंग में जबर्दस्त तेजी
मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में जबर्दस्त तेजी देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री क मेक इन इंडिया का असर साफ नजर आ रहा है। ढेर सारी कंपनियां जो अभी तक असेंबलिंग करती थीं। अब भारत में ही मैन्युफैक्चरिंग कर रही है। मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स 13 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर है। मैन्युफैक्चरिंग की जीडीपी में हिस्सेदारी 25% है।

अमेरिका से मिले संकेत
अमेरिकी रिजर्व बैंक इस महीने के आखिर में ब्याज दरें नहीं बढ़ाएगा। रोजगार के ताजा आंकड़े आने के बाद ज्यादातर विश्लेषकों का ये मानना है। इसकी वजह से दुनिया भर के निवेशक विकासशील बाजारों में निवेश करने को लेकर उत्साहित हैं और भारत उसमें सबसे ऊपर है।

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