ये Thiru Thirunavukkarsau हैं। मेरे नए फेसबुक दोस्त हैं। फेसबुक दोस्ती से पहले ये मेरी टैक्सी
के ड्राइवर हैं, जिसने
मुझे 3 दिनों
तक चेन्नई एयरपोर्ट से तिरुपति-तिरुमला, महाबलीपुरम की शानदार यात्रा कराकर फिर से चेन्नई एयरपोर्ट पर छोड़ा।
तिरुनावकर संभवत: मैं सही नाम का उच्चारण कर रहा हूं। 3 दिनों तक जमकर तमिल
संगीत सुनाया। सिवाय एकाध घंटे के हिंदी गानों के विविध भारती पर कार्यक्रम को
छोड़कर। तिरू ने बताया वो 12वीं तक पढ़े हैं लेकिन, हिन्दी उन्होंने तब सीखा जब एक हिन्दी वाली कम्पनी में काम किया।
शानदार यात्रा कराने के लिए धन्यवाद। उम्मीद करता हूं अब आप थोड़ी और हिन्दी सीख
लेंगे। और अगली बार उत्तर भारतीय पर्यटकों के लिए एकाध अच्छी हिन्दी गानों की सीडी
या पेन ड्राइव रखेंगे। एयरपोर्ट पर साथ ली ये तस्वीर। तिरू ने बताया कि वो फेसबुक
पर हैं। मैंने कहा मैं भी। अब हम दोनों दोस्त हैं। अगली बार जब भी चेन्नई जाना हुआ, तिरू को ही पहले
खोजूंगा। #हिन्दी_दिवस
देश की दशा-दिशा को समझाने वाला हिंदी ब्लॉग। जवान देश के लोगों के भारत और इंडिया से तालमेल बिठाने की कोशिश पर मेरे निजी विचार
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
संयोग और गंगा मइया का बुलावा क्या होता है?
हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi #PrayagrajMahaKumbhMela2025 में हमारा चौथी बार प्रयागराज जाने का संयोग बना। इस बार #KultureKumbh...
-
आप लोगों में से कितने लोगों के यहां बेटियों का पैर छुआ जाता है। यानी, मां-बाप अपनी बेटी से पैर छुआते नहीं हैं। बल्कि, खुद उनका पैर छूते हैं...
-
हमारे यहां बेटी-दामाद का पैर छुआ जाता है। और, उसके मुझे दुष्परिणाम ज्यादा दिख रहे थे। मुझे लगा था कि मैं बेहद परंपरागत ब्राह्मण परिवार से ह...
-
पुरानी कहावतें यूं ही नहीं बनी होतीं। और, समय-समय पर इन कहावतों-मिथकों की प्रासंगिकता गजब साबित होती रहती है। कांग्रेस-यूपीए ने सबको साफ कर ...
No comments:
Post a Comment