Saturday, September 10, 2016

शहाबुद्दीन से नीतीश कुमार डरे तो होंगे ही?

@narendramodi से अहं की लड़ाई में @laluprasadrjd से हर लड़ाई खत्म करके @NitishKumar ने दोस्ती पक्की कर ली है। आप क्या सोच रहे हैं, सिर्फ बिहार के आम लोग, बीजेपी कार्यकर्ता डर रहे हैं। #Shahabuddin के जेल से छूटने के बाद नीतीश भी डर रहे हैं। मेरी बात मत मानिए। शहाबुद्दीन ने कहा है कि नीतीश परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं। इसका मतलब जो भी समझेगा, वो ये भी समझ रहा होगा कि नीतीश डर तो बहुतै रहे होंगे। मुख्यमंत्री हैं, कैसे और किससे कहें। अब तो बीजेपी भी साथ नहीं है। और बड़े भाई लालू से क्या कहेंगे। लालू से फिर राजनीति में मार खा गए, नीतीश कुमार। अब बिहार पर बड़ी मार पड़ेगी।

टीवी चैनलों पर जेल से छूटे #Shahabuddin का 1500 बड़ी-बड़ी गाड़ियों का काफिला देखकर लग रहा है कि #Bihar बहुत गरीब है। #दुर्भाग्य_देश_का #दुर्भाग्य_बिहार_का


#Shahabuddin के जेल से बाहर आने के बाद क्या होगा? ये सवाल सब पूछ रहे थे। जवाब मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जेल से बाहर निकलते ही दे दिया है। शहाबुद्दीन ने कहा लोगों ने 26 सालों से इसी छवि के साथ स्वीकारा है। अब इसका मतलब बिहार के लोगों को समझाने की जरूरत है क्या? एक मत कितना महत्वपूर्ण हो सकता है, इसका अंदाजा उन सभी लोगों को लग जाएगा कि "बिहार में बहार हो नीतीशे कुमार हो" नारे का असल मतलब क्या है। इतनी खराब सुबह हाल के समय में कभी नहीं हुई।

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