Monday, September 10, 2007

हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे!

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में NSUI के चारों प्रत्याशी जीत गए हैं। इन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों का भरोसा मिल गया है। अगले साल भर तक ये चारों दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के नेता रहेंगे। सीधे-सीधे देखने में इनका नेता बनना एक सामान्य प्रक्रिया लगती है। लेकिन, ये इतनी सामान्य प्रक्रिया है नहीं, जितनी दिख रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के उपाध्यक्ष बन गए हैं NSUI के देवराज तेहलान। देवराज तेहलान ने चुनाव के एक दिन पहले एक निजी चैनल के खुफिया कैमरे पर बोला था कि लाखों रुपए खर्च कर उन्हें टिकट मिला है और वो चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। लाखों रुपए खर्च कर सकते हैं। छात्रों को शराब बांट सकते हैं और जो, भी जरूरी होगा वो करेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने और कांग्रेस के आलाकमान ने तेहलान का ये इकबालिया बयान सुना होगा। लेकिन, न तो कांग्रेस ने तेहलान के खिलाफ कुछ किया और न ही छात्रों ने तेहलान को उपाध्यक्ष बनने से रोका। इसके बाद तो यही लगता है कि अब भ्रष्टाचार मुद्दा ही नहीं रह गया है, हमें भ्रष्ट होने में और भ्रष्टाचार करने में मजा आने लगा है।

जिस दिन टीवी चैनल पर तेहलान लाखों रुपए छात्रसंघ चुनाव पर खर्च करने का ऐलान कर रहे थे। उसी दिन एक और खबर थी। हरियाणा में कांग्रेस के एक सांसद सरकारी गेस्ट हाउस में दो महिलाओं के साथ आपत्तिजनक अवस्था में पकड़े गए। पकड़े जाने के बाद भी न तो कांग्रेस ने और न ही पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की। और, कांग्रेसी सांसद महोदय की बेशर्मी ये कि वो अपने साथ पकड़ी गई महिलाओं में से एक को अपनी पुत्रवधू बता रहे थे। लेकिन, चैनलों पर जिस अवस्था में थे, उसे देखकर कोई भी साफ समझ सकता है कि इस तरह से कोई गेस्ट हाउस में अपनी बहू के साथ तो नहीं रह सकता है। भ्रष्टाचार सिर्फ नेता ही नहीं कर रहे हैं।

दूसरों के भ्रष्टाचार को उजागर करने का दावा करने वाले एक टीवी चैनल ने भी हद कर दी। नए-नए खुले चैनल लाइव इंडिया के एक टीवी जर्नलिस्ट प्रकाश सिंह ने अपनी एक जानने वाली नई नवेली पत्रकार रश्मि सिंह के साथ मिलकर दिल्ली की एक स्कूल टीचर के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन कर डाला। इस स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया गया था कि दिल्ली के स्कूल की एक टीचर उमा खुराना लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर करती थी। और, बड़े लोगों को लड़कियों की सप्लाई करती थी। इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद दिल्ली में जमकर हंगामा हुआ था। लेकिन, बाद में पुलिस जांच में ये बात सामने आई कि सब रश्मि और प्रकाश की मिलीभगत थी। स्टिंग ऑपरेशन झूठा था। अब लाइव इंडिया बेशर्मी से कह रहा है कि हमारे पास कई लड़कियों ने उमा के खिलाफ शिकायत की थी। लेकिन, कोई भी लड़की कैमरे पर नहीं आना चाहती थी। इसलिए हमें इस तरह का ऑपरेशन करना पड़ा। लेकिन, कोई इन लाइव इंडिया से पूछे कि अगर लोगों को सच बताने के लिए सच खोजने का साहस और धैर्य नहीं था तो, क्यों आ गए पत्रकार बनने। बस जल्दी से टीआरपी बढ़ाने के लिए। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि उमा गलत धंधे में लगी थी या नहीं। लेकिन, महीने भर के बच्चा टीवी चैनल की ये हरकत आजकल के पागलपन वाले टीवी जर्नलिज्म की इंतहा दिखाती
भ्रष्टाचार में हमें कुछ ऐसे मजा आने लगा है कि हर रोज ऐसी खबर देखने को मिल जाती है। पंजाब के एक पूर्व डीजीपी एस एस विर्के को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। विर्के पर आरोप है कि उन्होंने 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जुटाई है। अब ये बिना भ्रष्ट हुए तो, जुटाई नहीं जा सकती।
वैसे ये तो, पूर्व डीजीपी थे। अभी कुछ महीने पहले ऐसा ही आरोप महाराष्ट्र के डीजीपी पी एस पसरीचा के ऊपर भी लगा था। एक टीवी चैनल की इस खोजबीन के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। गृहमंत्री आर आर पाटिल ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। लेकिन, पसरीचा अभी भी महाराष्ट्र के डीजीपी हैं। सरकार ने एक कमेटी भी बना दी है।

कई मामलों में भ्रष्टाचार करने वालों को सजा भी हो रही है। लेकिन, ज्यादातर मामलों में ऐसी सजा कोर्ट के दखल के बाद ही मिल पाती है। लेकिन, हमें तो, भ्रष्टाचार में मजा आने लगा है। हम भ्रष्टाचार में मददगार बन रहे हैं। पहला मौका मिलते ही भ्रष्टाचार कर रहे हैं। भ्रष्टाचार का ये चक्र कुछ ऐसा घूम चुका है कि अब इन सबके बाद मैं तो इतना ही कहूंगा कि हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे!

3 comments:

  1. सबको एक साथ लपेट लिया!!! अच्छा है भ्रष्टाचार ने भी इसी तरह पूरे देश को जकड़ रखा है। लेकिन आवाज़ उठ रही है तो इसका खात्मा भी होगा। इसलिए नहीं कि हम-आप चाहते हैं, बल्कि इसलिए कि देशी-विदेशी पूंजी के लिए भ्रष्टाचार का खात्मा जरूरी हो गया है।

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  2. बहुत सही,

    इन नेताओं को विजय प्राप्‍त करने के बाद सोनिया गांधी के चरण छूने से पता लग गया कि ये पौध ही संसद में गन्‍दगी करने पहुँच रही है।

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  3. हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे!

    --बहुत सही आलेख. बधाई.

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