Sunday, July 10, 2016

आतंकवादियों की शवयात्रा निकलनी बंद हो

‪#‎BurhanWani‬ भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुरहान मुजफ्फर वानी की मौत के बाद निकले जनाजे में जमकर उत्पात हुआ। 15 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं। हिंसक प्रदर्शन की वजह से अमरनाथ यात्रा रोकनी पड़ी है। हिंदुस्तान में हर साल करीब एकाध आतंकवादी ऐसा होता है, जिसकी शवयात्रा के दौरान हंगामा होता है। हिंदू-मुसलमान के बीच की कम होती खाई ऐसी घटनाओं के बाद बड़ी हो जाती है। वैसे भी इससे बड़ा कुतर्क कुछ नहीं हो सकता कि आतंकवादियों का मानवाधिकार होता है। जो मानव होने की न्यूनतम शर्त पूरी नहीं करते। वो मानवाधिकार की दुहाई देते हैं। घाटी में माहौल बेहतर करने की कोशिश में ये बड़ी रुकावट है। और ये कोई ऐसा नौजवान नहीं था। जिसके भटक जाने पर कोई संदेह हो। ये बाकायदा हिज्बल मुजाहिदीन के कमांडर के तौर पर काम कर रहा था। आतंकवादियों की भर्ती कर रहा था। जरूरी है कि हिंदुस्तान के सद्भाव के ताने बाने को बचाने के लिए किसी भी आतंकवादी का अंतिम संस्कार सार्वजनिक तौर पर होना बंद हो।

No comments:

Post a Comment

हिन्दू मंदिर, परंपराएं और महिलाएं निशाने पर क्यों

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi अभी सकट चौथ बीता। आस्थावान हिन्दू स्त्रियाँ अपनी संतानों के दीर्घायु होने के लिए निर्जला व्रत रखत...