Tuesday, February 17, 2015

काम पूरा हुआ अब निकल लो

पता नहीं पत्रकार इस सवाल का जवाब बार-बार क्यों खोजने में लग रहते हैं। इस बार फिर वो इसी सवाल का जवाब खोज रहे हैंकि हर बार की तरह इस सरकार को भी पत्रकार बेकार क्यों नजर आने लगे हैं। अब इसका जवाब अगले चार साल तक तो ठीक से मिलने से रहा। वैसे भी वो आम आदमी की सरकार है। और उनके प्रति पाँच साल के लिए जवाबदेह है। तो इसमें पत्रकारों की जवाबदेही कहां से साबित हो गई। वैसे ये लोकतंत्र के लिए बेहद सुखद स्थिति है कि हर पत्रकार को ध्यान में रहे कि पत्रकार सरकार का कभी नहीं हो सकता। बोलेंगे अंहकार नहीं आने देना है। इत्ते से मीडिया का काम चल जाना चाहिए। वैसे भी अरविंद को ढेर सारे पत्रकार परदे के पीछे से और ढेर सारे पूर्व पत्रकार पार्टी पदाधिकारी के तौर पर सलाह दे रहे हैं। तो मीडिया के बारे में वो अच्छे से जानते होंगे। इसीलिए सरकार बनने के बाद अरविंद सरकार को पत्रकार से बचा रहे है। और फिर सबसे बड़ी बात जब काम पूरा हो गया तो उठाओ, हटाओ अपनी कलम, कैमरा। काम पूरा होने के बाद मजदूरों को कोई सरकार बर्दाश्त करती है क्या? इत्ता आसान सा जवाब भी पत्रकार खोज नहीं पा रहे। कमाल है।

No comments:

Post a Comment

राजनीतिक संतुलन के साथ विकसित भारत का बजट

Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल पहले के दोनों कार्यकाल से कितना अलग है, इसका सही अनुम...