Wednesday, November 11, 2009

बिटिया के बहाने


हमारी बिटिया हुई तो, थोड़ा सा एक जो समाज में बेटा होने की खुशी होती है उससे थोड़ी सी कम खुशी के साथ लोग मिलते दिखे। जमकर जो खुश भी थे वो, लक्ष्मी के आने की बधाई दे रहे थे और साथ ही ये भरोसा भी कि अरे पहली लड़की हो या लड़का कोई फर्क नहीं पड़ता। अच्छी बात ये कि हमारा पूरा परिवार और ज्यादातर मित्र, रिश्तेदार प्रसन्न थे। हां, बीच-बीच में कोई शुभचिंतक बोलता कि पैसा खर्चा करावै आइ ग। साथ ही कोई ये कहके बात बनाने की कोशिश करता कि लक्ष्मी आई तबै तो जाई। ज्यादातर लोग कह रहे थे कि पहली बिटिया शुभ होती है। साथ ही ये भी लड़की पिता पर जाए तो, और भाग्यवान होती है।



जिस दिन बिटिया हुई उसके दूसरे दिन हमारी बड़ी दीदी कर्नलगंज इंटर कॉलेज से देर से आईं। थकी सी आईं दीदी ने बताया बेटियों को बचाने के लिए रैली निकाली गई थी। दूसरे दिन के अखबारों में खबर थी बेटियों ने उठाई बेटियों को बचाने की आवाज हेडलाइन के साथ ये खबर और तस्वीर छपी थी। ये सब सुखद संकेत हैं। समाज किस तरह से बदल रहा है। बेटियां बोझ नहीं रहीं। हां, ज्यादातर लोग ये जरूर चाहते हैं कि एक बेटा भी हो जाए तो, बढ़िया। थोड़ा और वक्त गुजरेगा तो, शायद समाज का ये दबाव भी घट जाएगा।



हमारी बिटिया के लिए जो पहला कपड़ा तोहफे में आया। उसके डिब्बे पर बेटियों को बचाने की अपील के साथ मुस्कुराती बिटिया छपी थी। साथ में पोलियो ड्रॉप की दो बूंद से बच्चे को जिंदगी भर के लिए स्वस्थ रखने की नसीहत भी। पोलियो मुक्त भारत के निर्माण की नसीहत देने वाला डिब्बा अच्छा लगा।

14 comments:

  1. बड़ी अच्छी सोच से भरी रचना। आपको बधाई बच्ची को आशीष।

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर जी बिटिया होने की बहुत् बधाई, क्या बेटा क्या बेटी है तो दोनो ही घर की रोनक, आप ने बहुत सुंदर लिखा,बिटिया को बहुत बहुत प्यार ओर आशीष.

    ReplyDelete
  3. बेटी हुई तो समझिए आप के घर बहार आ गई है। बधाई!

    ReplyDelete
  4. बधाई।
    लक्ष्मी, सरस्वती का वास हो आपके घर। पहली संतान पुत्री हुई यह शुभ है। अब इनके लल्ला से भैया भी आ जाएं जल्दी से। फिर बड़ा सा डण्डा। चाहें तो अभी लगा लें, जैसे हमने लगाया हुआ है। एक बबुआ के बाद।
    जैजै

    ReplyDelete
  5. बहुत बधाई!!!

    ReplyDelete
  6. पिता बनने की बधाई।

    ReplyDelete
  7. बेटी हमेशा पिता के लिए अलग और बिलकुल भावात्मक अनुभव साबित होती है , और इसे मै पूरे दावे से कह सकता हूँ!
    पिता बनने की बधाई।बहुत बधाई!!!

    बच्ची आपको खूब तंग करे ,परेशान करे ......इसके सिवाय कोई दुआ निकल नहीं पा रही है!

    ReplyDelete
  8. बहुत बहुत बधाई।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

    ReplyDelete
  9. आप भी मानेगें बेटी पिता को ज्यादा प्यारी होती है.

    ReplyDelete
  10. Anonymous2:22 PM

    बहुत बहुत बधाई!

    ReplyDelete
  11. बहुत बहुत बधाई बिटिया के आने पर । फोटो बहुत सुंदर हैं ।

    ReplyDelete
  12. अच्छा, सोमवार को सड़क के दोनो ओर स्कूली बच्चे चल रहे थे। आपकी बिटिया का ऐसा भव्य स्वागत!
    बहुत बधाई मित्र!

    ReplyDelete
  13. बहुत बहुत बधाई ।

    ReplyDelete
  14. हर्ष जी आने मैं थोडी देर हो गई | क्षमाप्रार्थी भी हूँ |

    मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई | हम भी आरम्भ से ये चाहते थे की कम से कम एक लड़ती तो जरुर हो ... पर इश्वर ने दोनों ही लड़के ही दिए ... हम मियां - बीबी को थोडा धक्का सा लगा था जब ५-६ महीने के गर्भ से ही ये बता दिया गया था की ये लड़का है |

    अपने अनुभव के आधार पे इतना जरुर कहूंगा की लड़की बिना घर मैं रौनक नहीं आती है | लड़की सच मैं लक्ष्मी ले कर आती है |...

    ReplyDelete

हिन्दू मंदिर, परंपराएं और महिलाएं निशाने पर क्यों

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi अभी सकट चौथ बीता। आस्थावान हिन्दू स्त्रियाँ अपनी संतानों के दीर्घायु होने के लिए निर्जला व्रत रखत...