Friday, November 06, 2009

अमर प्रभाष जोशी


इलाहाबाद में हूं और खबरों से कटा हुआ हूं इसलिए अभी थोड़ी देर पहले प्रभाष जी के न रहने की खबर पता चली। निजी मुलाकात का कभी मौका नहीं लगा था। लेकिन, ये खबर पता चली तो, लगा जैसे कुछ शून्य सा हो गया हो हिंदी पत्रकारिता में कौन भरेगा इस शून्य को। अभी कुछ दिन पहले ही तो ये 73 साल का शेर आंदोलनों में दहाड़ रहा था। बड़-बड़ी बहसों को जन्म दे रहा था। एक आंदोलनकारी संपादक शांत हो गया।


हमारे जैसे लोगों के लिए प्रभाष जोशी उम्मीद की ऐसी किरण दिखते थे जिसे देख-सुनकर लगता था कि पत्रकारिता में सबकुछ अच्छा हो ही जाएगा। अखबारों के चुनावों में दलाली के मुद्दे को करीब-करीब आंदोलन की शक्ल इसी शख्स की वजह से मिल गई थी। मुझे नजदीक से उनको सुनने का मौका लगा था कई साल पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघव भवन में। तब भी वो आंदोलन की ही बात कर रहे थे। छात्रों को व्यवस्था, समाज की बुराइयों से लड़ने के लिए तैयार कर रहे थे।


जनसत्ता में नियमित स्तंभ कागद कारे और आंदोलनकारी अखबार जनसत्ता के आंदोलनकारी संपादक के तौर पर प्रभाष जी पत्रकारिता में अमर हो गए हैं। बस मुश्किल ये है कि चश्मा लगाए देश के किसी भी कोने के हर आंदोलनकारी मंच पर पत्रकारों-समाज को सुधारने-बेहतर करने के लिए बेचैन शख्स नहीं दिखेगा। नमन है पत्रकारिता के इस शीर्ष पुरुष को

6 comments:

  1. समाचार ने स्तब्ध कर दिया। हिन्दी पत्राकारिता का वे एक युग थे। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!

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  2. yah samachar jaan kar behad dukh hua
    jyotioshkishore.blogspot.com

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  3. प्रभाष जोशी मेरे आदर्श हुआ करते थे। जयप्रकाश नारायण भी आदर्श हुआ करते थे। न मैं पत्रकार हूं, न राजनीति से जुड़ा और न समाज सेवी।
    कालान्तर में ये आदर्श अप्रासंगिक हो गये। पर अपने आप में भी बहुत कुछ अप्रासंगिक हो गया।

    पर जैसे अपने आप से और अपने अतीत से मोह है, और गर्व भी, वैसे प्रभाष जी से भी है।
    आज काफी उदास महसूस करता हूं।

    लगता है कि पीठ का दर्द कुछ बढ़ गया है इस उदासी से।

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  4. प्रभाष जोशी जी को हार्दिक श्रध्दांजली । मैं तो उन लोगों मे से हूँ जिन्हें जनसत्ता पसंद है ।

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  5. प्रभाष जोशी जी से जैसे विचारों के वाहक कभी नहीं जाते। यहीं मानस में बसे रहते हैं। विनम्र श्रद्धांजलि।

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  6. प्रभाष जी को टीवी पर सुनना वकाई, रोमांचित कर देने वाला होता था। उन्‍हे श्रंद्धाजलि

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