Wednesday, February 01, 2017

सड़क, रेल, घर, कपड़ा और आसान कर्ज से मिलेगा रोजगार

इस सरकार की सबसे बड़ी आलोचना इस बात को लेकर होती है कि नई नौकरियां, नए मौके बनते नहीं दिखे या फिर उम्मीद से कम दिखे। इसी बात को बजट पेश होने के ठीक एक दिन पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा। राहुंल गांधी ने नौकरियों के मामले में सरकार को पूरी तरह से फेल बताया। खासकर विमुद्रीकरण के बाद ये आलोचना और बढ़ गई कि सरकार ने तरक्की की अच्छी खासी चल रही गाड़ी के सामने रोड़ा लगा दिया और अब तो नया रोजगार मिलना और कम हो जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस धारणा को ही ध्वस्त करने की कोशिश की है। वित्त मंत्री के पूरे भाषण में 11 बार जॉब यानी नौकरियों का जिक्र आया है। हालांकि, सरकार को बहुत अच्छे से पता है कि आज के समय में तरक्की की रफ्तार बढ़ने भर से नौकरियां बहुत नहीं बढ़ने वालीं। इसीलिए सरकार का स्किल इंडिया पर खास जोर है। वित्त मंत्री के बजट भाषण में 16 बार स्किल शब्द का जिक्र आया है। सरकार एकदम साफ है कि नए मौके लाने के लिए किधर ध्यान देना है। और सरकार उस तरफ खास ध्यान देती दिखी है। 21.47 लाख करोड़ रुपये के इस साल के बजट में 3.96 लाख करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के लिए रखा गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नई मेट्रो रेल नीति जल्दी ही घोषित करने की बात बजट में की है। साथ ही कहा गया है कि इससे ढेर सारे नए रोजगार के मौके बनेंगे।

वित्तमंत्री ने बजट में रोजगार का जिक्र करते हुए बताया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कोशिश सरकार कर रही है। इसकी सफलता के बारे में उन्होंने कहाकि पिछले 2 साल में 1.26 लाख करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू हुई हैं। इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में सरकार को नए मौके बनने की उम्मीद दिखती है। वित्त मंत्री ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर के लिए 2.41 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। 64000 करोड़ रुपये सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए रखा गया है। समुद्री किनारों की 2000 किलोमीटर की सड़कों को भी सरकार ने विकसित करने के लिए चिन्हित किया है। सरकार ने 2018 तक 3500 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बनाने का भी लक्ष्य रखा है। सरकार की योजना सड़क और रेलवे के जरिये बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने के साथ युवाओं को रोजगार देने की भी है। रियल एस्टेट क्षेत्र की मंदी को दूर करने और रोजगार के मौके तैयार करने के लिए सरकार ने सस्ते घर बनाने को बुनियादी क्षेत्र का दर्जा दिया है। इससे बुनियादी क्षेत्र को मिलने वाले सभी फायदे सस्ते घर बनाने वालों को मिलेंगे। विमुद्रीकरण के बाद सबसे ज्यादा रोजगार इसी क्षेत्र में घटने की खबरें थीं। इसीलिए सरकार इस क्षेत्र में रोजगार की गति को बढ़ाने के लिहाज से ये कोशिश करती दिख रही है। टेक्सटाइल सेक्टर में रोजगार के लिए सरकार ने पहले से विशेष योजना लागू कर रखी है। इसमें लेदर और फुटवेयर उद्योग को भी शामिल किया गया है। कपड़ा उद्योग भी रोजगार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही 5 विशेष पर्यटन क्षेत्र बनाने से भी नौजवानों को नए मौके मिल सकेंगे।

वित्त मंत्री के बजट भाषण में 11 बार जॉब और 16 बार स्किल का जिक्र है। वित्त मंत्री ने स्किल इंडिया को आगे ले जाने की बात इस बजट में की है। 600 जिलों में कौशल केंद्र खोले जाएंगे। सरकार 100 इंडिया इंटरनेशनल स्किल सेंटर खोलने जा रही है। इन केंद्रों के जरिये देश-विदेश में रोजगार की जरूरत के लिहाज से लोगों को तैयार किया जाएगा। कुशल भारत को मजबूत करने के लिए 3479 ऐसे विकासखंडों में शिक्षा बेहतर करने पर जोर दिया जाएगा, जो पिछड़े हैं। सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग खुद उद्यमी बनें। इसके लिए सरकार ने इस साल का बैंकों का कर्ज देने का लक्ष्य दोगुना करके मुद्रा योजना के तहत 2.44 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। कुल मिलाकर नरेंद्र मोदी सरकार इस बजट के जरिए घर, सड़क, रेलवे, कपड़ा उद्योग में तेजी लाकर और आसान कर्ज लोगों को देकर रोजगार के नए मौके तैयार करने की कोशिश की है। 
(ये लेख Hindi Quint पर छपा है।)

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