देश के बीमारू राज्यों में अगुवा उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए इससे अच्छी खबर नहीं हो सकती है। ASSOCHAM को अब उत्तर प्रदेश में संभावनाएं दिख रही हैं। देश के दो सबसे बड़े उद्योग संगठनों में से एक ASSOCHAM की ताजा स्टडी रिपोर्ट कह रही है कि उत्तर प्रदेश उद्योगों के लिहाज से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्लेटफॉर्म बन सकता है। लेकिन, ASSOCHAM को सबसे बड़ी समस्या implementation की ही लग रही है।
ASSOCHAM ने जो स्टडी की है, उसका नाम रखा है "Uttar Pradesh: a rainbow of opportunities". ASSOCHAM की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी ताकत राज्य का मानव संसाधन और जमीन को बताया गया है। ASSOCHAM के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के मुताबिक, राज्य में मेन्युफैक्चरिंग की विकास दर 10.5 और खेती में 4 प्रतिशत की विकास दर होनी चाहिए। राज्य में देश की 17 प्रतिशत आबादी रहती है। साथ ही देश की कुल खेती की जमीन में से 11.8 % खेती की जमीन उत्तर प्रदेश ही है।
ASSOCHAM का कहना है कि विकास की ये रफ्तार पाने के लिए राज्य में 50,000 करोड़ रुपे का निवेश होगा। उत्तर प्रदेश में IT और ITES सर्विसेज आसानी से डेवलप की जा सकती है। इन उद्योगों से राज्य हर साल 5,000 करोड़ रुपए की IT सर्विसेज निर्यात कर सकता है। और, इन्हीं दोनों इंडस्ट्री में ही राज्य में 2010 तक 8 लाख नई नौकरियों के आने की उम्मीद है।
ASSOCHAM की रिपोर्ट के मुताबिक, IT, ITES के अलावा करीब एक दर्जन क्षेत्र और हैं जिसमें राज्य तेजी से तरक्की कर सकता है। इन सेक्टर्स में राज्य में करीब दो लाख करोड़ रुपए का निवेश होने की उम्मीद है। और, 2010 तक ये सेक्टर्स UP में 25 लाख लोगों को नौकरी देंगे। ये खास सेक्टर्स हैं फूड प्रॉसेसिंग, एग्रो बेस्ड इंडस्ट्रीज, हेवी इंजीनियरिंग, पेट्रोकेमिकल, रियल इस्टेट, रिटेल, एक्सप्रेसवेज, टेक्सटाइल-कॉटन और सिल्क और चीनी।
जब राज्य में मायावती की सरकार बनी थी। तभी मैंने उत्तर प्रदेश में राजनीति के जरिए विकास का गणित नाम से एक पोस्ट लिखी थी। जिसमें मैंने साफ लिखा था कि उत्तर प्रदेश मानव संसाधन और एग्री बेस्ड इंडस्ट्री के मामले में देश का सिरमौर बन सकता है। अब यही बात ASSOCHAM की रिपोर्ट भी कह रही है। बस सवाल सिर्फ ये है कि क्या मायावती की सरकार इतने बड़े विकास के लिए तैयार है।
ASSOCHAM ने जो स्टडी की है, उसका नाम रखा है "Uttar Pradesh: a rainbow of opportunities". ASSOCHAM की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी ताकत राज्य का मानव संसाधन और जमीन को बताया गया है। ASSOCHAM के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के मुताबिक, राज्य में मेन्युफैक्चरिंग की विकास दर 10.5 और खेती में 4 प्रतिशत की विकास दर होनी चाहिए। राज्य में देश की 17 प्रतिशत आबादी रहती है। साथ ही देश की कुल खेती की जमीन में से 11.8 % खेती की जमीन उत्तर प्रदेश ही है।
ASSOCHAM का कहना है कि विकास की ये रफ्तार पाने के लिए राज्य में 50,000 करोड़ रुपे का निवेश होगा। उत्तर प्रदेश में IT और ITES सर्विसेज आसानी से डेवलप की जा सकती है। इन उद्योगों से राज्य हर साल 5,000 करोड़ रुपए की IT सर्विसेज निर्यात कर सकता है। और, इन्हीं दोनों इंडस्ट्री में ही राज्य में 2010 तक 8 लाख नई नौकरियों के आने की उम्मीद है।
ASSOCHAM की रिपोर्ट के मुताबिक, IT, ITES के अलावा करीब एक दर्जन क्षेत्र और हैं जिसमें राज्य तेजी से तरक्की कर सकता है। इन सेक्टर्स में राज्य में करीब दो लाख करोड़ रुपए का निवेश होने की उम्मीद है। और, 2010 तक ये सेक्टर्स UP में 25 लाख लोगों को नौकरी देंगे। ये खास सेक्टर्स हैं फूड प्रॉसेसिंग, एग्रो बेस्ड इंडस्ट्रीज, हेवी इंजीनियरिंग, पेट्रोकेमिकल, रियल इस्टेट, रिटेल, एक्सप्रेसवेज, टेक्सटाइल-कॉटन और सिल्क और चीनी।
जब राज्य में मायावती की सरकार बनी थी। तभी मैंने उत्तर प्रदेश में राजनीति के जरिए विकास का गणित नाम से एक पोस्ट लिखी थी। जिसमें मैंने साफ लिखा था कि उत्तर प्रदेश मानव संसाधन और एग्री बेस्ड इंडस्ट्री के मामले में देश का सिरमौर बन सकता है। अब यही बात ASSOCHAM की रिपोर्ट भी कह रही है। बस सवाल सिर्फ ये है कि क्या मायावती की सरकार इतने बड़े विकास के लिए तैयार है।
आप की मुहँ में घी शक्कर। असमान विकास की दर कुछ तो कम हो। बेरोजगारी पर लगाम तो लगे।
ReplyDeleteसही में - हवा कुछ बदलती सी नजर आ रही है।
ReplyDeletehi
ReplyDeletemarathi ki tava garam karene valo ko samajhana hoga