धनतेरस पर भेजे जा रहे संदेशों में एक संदेश खूब जमकर भेजा गया है। वो संदेश है कि आप इतना धन कमाएं कि आपका नाम काले धन वालों की सूची में आ जाए। मेरे पास भी किसी ने भेजा था। अब मैं उनको क्या जवाब देता कि काले धन की सूची में शामिल होने की तो बात ही अलग है। अगर काले धन की कुछ महक भी आती है, तो हम जैसे लोग भयभीत हो जाते हैं। ऐसे ही भयभीत लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काले धन की योजना में औसत प्रति व्यक्ति एक करोड़ रुपये का काला धन घोषित किया। कमाल ये कि इसे प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री बड़ी सफलता बता रहे हैं। ये तो डरे, सरकार-प्रशासन को साध न पाने वाली प्रजाति है। वरना जो साध पाती है, मजे से काले धन से ही सुखी-सम्पन्न है। ये मानते हुए कि कम से कम हमारे सीधे सम्पर्क वाले ज्यादातर हमारी ही तरह हैं। मैं सबके लिए ये शुभकामना करता हूं। धन-लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मुझे भी अच्छी ही लगता है। बस जरा डरपोक किस्म का आदमी हूं, इस मामले में।
धनतेरस पर धन बरसे।
सब पर बरसे।
लेकिन औक़ात भर।
मतलब इतना कि जितने धन का सम्मान करने की औक़ात हो।
जितने धन से मस्त रहा जा सके।
डरकर अपना सारा सुख ख़त्म न करना पड़ जाए।
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