Wednesday, July 29, 2015

खेल सिर्फ ब्राह्मण ही करता है

ये ब्राह्मण भी अजब प्रजाति है। जाति नहीं कह रहा हूं। क्योंकि, लोगों ने इसे जाति से ऊपर उठा दिया है। कई बार तर्क सुना है कि ब्राह्मण न होते तो समझ आता कि ब्राह्मण होना कितना लाभदायक है। हालांकि, मुझे तो कभी ब्राह्मण होने का कोई लाभ नहीं मिल पाया। इसलिए अज्ञानी ही रह गया। हां, नियमित तौर पर सर्वाधिक गालियां जरूर ब्राह्मणों को पाता देखता हूं। अब मुझे समझ आ रहा है कि ये ब्राह्मण जाति वाला नहीं, प्रजाति वाला है। सारी सृष्टि की हर बुराई के लिए ब्राह्मण जिम्मेदार हो गया है। कमाल तो ये कि मायावती की चरण रज से ही कुछ हासिल करने की चाह लिए लोग भी तर्क देते-देते कह जाते हैं कि मायावती भी मनुवादी हो गई है। मुसलिम, सिख, इसाई से लेकर हिंदू में हर जाति का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लेकर सब कुछ हो चुके हैं। लेकिन, गाली खाने का संपूर्ण ठेका एकमुश्त तौर पर वही प्रजाति वाले ब्राह्मण को ही मिला हुआ है। अभी दफ्तर से लौटकर ट्विटर देखा तो, ब्राह्मण ट्रेंड कर रहा है। हमें लगा क्या हो गया। खंगाला तो समझ आया कि फिर ब्राह्मण ने एक मुसलमान को फंसाकर मार डाला है। 1993 मुंबई धमाके वाली आतंकवादी घटना के मुख्य सूत्रधार याकूब मेमन की फांसी के पीछे भी ब्राह्मण ही पाया जा रहा है। यहां तक कि पिछड़े, दलितों की लड़ाई बड़े मुकाम तक पहुंचने में भी कई लोग ब्राह्मणवादी साजिश देख लेते हैं। कभी-कभी लगता है काश मैं ऐसा वाला ब्राह्मण होता तो सबको निपटा देता। अद्भुत है ना कि यही ब्राह्मण एक ब्राह्मण अटल बिहारी वाजपेयी का प्रधानमंत्री होना भारत में तय करता है। यही ब्राह्मण पिछड़ी जाति के नरेंद्र मोदी को भी प्रधानमंत्री बनाने की साजिश रचता है। यही ब्राह्मण क्षत्रिय चंद्रशेखर, विश्वनाथ प्रताप सिंह को भी प्रधानमंत्री बनवाता है। फिर निपटा भी देता है। ब्राह्मण ही तो मुलायम सिंह यादव और मायावती को मुख्यमंत्री बनवाता है। पता नहीं इस प्रजाति के ब्राह्मण जयललिता को मुख्यमंत्री बनवाने की साजिश में किस हद तक शामिल हैं। इस प्रजाति वाला ब्राह्मण अनुमानों से परे है। ये धर्म, विज्ञान से परे है। ये बस ब्राह्मण है। ये साजिश इतनी तगड़ी है कि स्मार्टफोन भी इसी के कब्जे में चलता है। यहां तक कि विदेशी ट्विटर भी इसी ब्राह्मण के कब्जे में है। कुछ लोग तो कह रहे हैं कि ट्विटर पर भारत में सौ में अस्सी ब्राह्मण ही हैं। इन नव जातिशोधकों ने बहुत खोजबीन के बाद ये पाया है कि ये ब्राह्मण प्रजाति सिर्फ जाति वाले ब्राह्मणों पर ही आश्रित नहीं है। इस प्रजाति की साजिश के आगे जातीय तौर पर गैर ब्राह्मण जातियों के लोग भी प्रजाति से ब्राह्मण हो जाते हैं। वो भी बस प्रजाति के ब्राह्मणों की साजिश भर। आज इस ब्राह्मण ने फिर खेल कर दिया। अपने जाल में फंसाकर याकूब मेनन को फांसी दे दी। गजब है ये ब्राह्मण भारत में आतंकवादी हरकतों के जिम्मेदार को जाल में फंसाने के लिए इतना खेल करता है।

No comments:

Post a Comment

शिक्षक दिवस पर दो शिक्षकों की यादें और मेरे पिताजी

Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी  9 वीं से 12 वीं तक प्रयागराज में केपी कॉलेज में मेरी पढ़ाई हुई। काली प्रसाद इंटरमी...