स्त्री, पुरुष बराबरी की बात करते हम कितने आगे चले आए हैं। और हुआ क्या है। अंदाजा लगाइए #KBC में @SrBachchan ने सवाल पूछा कि अर्जुन पुरस्कार पाने वाली पहली महिला क्रिकेटर कौन है। मिताली राज और अंजलि जैन का नाम मैं जानता था लेकिन, मेरी पैदाइश के साल में ही अर्जुन पुरस्कार पा चुकी महिला क्रिकेटर को इस देश में कितने लोग जानते होंगे। इसी से अंदाजा लग जाता है कि महिलाओं का अच्छा क्रिकेटर होना भी उस देश में किसी को याद नहीं जिस देश में चिरकुट पुरुष क्रिकेटर करो़ड़ो के विज्ञापन लूट लेता है। कमाल ये है कि 1976 में अर्जुन पुरस्कार पाने वाली शांता रंगास्वामी के बारे में गूगल अंकल भी बमुश्किल बता पाते हैं।
देश की दशा-दिशा को समझाने वाला हिंदी ब्लॉग। जवान देश के लोगों के भारत और इंडिया से तालमेल बिठाने की कोशिश पर मेरे निजी विचार
Wednesday, August 27, 2014
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शिक्षक दिवस पर दो शिक्षकों की यादें और मेरे पिताजी
Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी 9 वीं से 12 वीं तक प्रयागराज में केपी कॉलेज में मेरी पढ़ाई हुई। काली प्रसाद इंटरमी...
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आप लोगों में से कितने लोगों के यहां बेटियों का पैर छुआ जाता है। यानी, मां-बाप अपनी बेटी से पैर छुआते नहीं हैं। बल्कि, खुद उनका पैर छूते हैं...
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हमारे यहां बेटी-दामाद का पैर छुआ जाता है। और, उसके मुझे दुष्परिणाम ज्यादा दिख रहे थे। मुझे लगा था कि मैं बेहद परंपरागत ब्राह्मण परिवार से ह...
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पुरानी कहावतें यूं ही नहीं बनी होतीं। और, समय-समय पर इन कहावतों-मिथकों की प्रासंगिकता गजब साबित होती रहती है। कांग्रेस-यूपीए ने सबको साफ कर ...
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