उत्तर प्रदेश की जनता को कर्कश आवाज में मुलायम के जंगलराज के खिलाफ चीखकर मायावती ने ठग लिया है। जिन दलितों के दबे होने को लेकर वो सत्ता में आई अब वही दलित होना मायावती के लिए इतना बड़ा हथियार बन गया है कि पूरा उत्तर प्रदेश दलित बन गया है। मनुवाद को गाली देने वाली मायावती सबसे बड़ी मनुवादी हो गई है।
मायाराज- जंगलराज का समानार्थी शब्द लगने लगा है। लेकिन, दरअसल ये जंगलराज से बदतर हो गया है। क्योंकि, जंगल का भी कुछ तो कानून होता ही है। 24 अगस्त को मैंने बतंगड़ ब्लॉग पर लिखा था कि गुंडे चढ़ गए हाथी पर पत्थर रख लो छाती पर लेकिन, अब ये जरूरी हो गया है कि हाथी पर चढ़े गुंडों को पत्थरों से मार गिराया जाए। क्योंकि, पहले से bimaru उत्तर प्रदेश की बीमारी अब नासूर बनती जा रही है। शुरू में जब अपनी ही पार्टी के अपराधियों को मायावती ने जेल भेजा तो, लगा कि मायाराज, मुलायम राज से बेहतर है। लेकिन, ये वैसा ही था जैसा नया भ्रष्ट दरोगा थाना संभालते ही पुराने बदमाशों को निपटाकर छवि चमकाता है और अपने बदमाश पाल-पोसकर बड़े करता है। पता नहीं अभी up (उल्टा प्रदेश) को और कितना उलटा होना बाकी है।
और, सच्चाई तो यही है कि जब जनता ने मुलायम को पलटकर माया को सत्ता दिया था तो कोई बहुत माया की काबिलियत पर नहीं दिया था। मुलायम की कारस्तानियों पर दिया था। लेकिन, अब तो उत्तर प्रदेश की जनता बस यही कह रही है कि बहिनजी गलती हो गई माफ कर दो। लेकिन, इतने बड़े पाप की सजा अब 5 साल के पहले उत्तर प्रदेश की जनता को कहां मिल पाएगी।
देश की दशा-दिशा को समझाने वाला हिंदी ब्लॉग। जवान देश के लोगों के भारत और इंडिया से तालमेल बिठाने की कोशिश पर मेरे निजी विचार
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और यही मायावती यह कहकर फिरती है कि उसे प्रधान मंत्री बनने से कोई रोक नहीं सकता!
ReplyDeleteईश्वर बचाए हमें ऐसे नेताओं से!
उत्तर प्रदेश ने गलती की थी। अब गलती भारतवर्ष करेगा! :-)
ReplyDeletedesh ke asli dushman mayavati jese neta hi hainbebaak likhne ke liye bdhaai
ReplyDeleteएक इंजीयर की हत्या का वहिशयाना तौर-तरीका और फिर उसको मरी हुई हालत में थाने पर छोड़ आना यह स्वतः सिद्ध करता है कि शासन-प्रशासन नेताओं की रखैल बन चुकी है । क्या इसी को लोकतंत्र कहते हैं ?
ReplyDeleteचंदा दिए बिना बतंगड़ न करो भाई पता नहीं कब कहाँ कौन तुम्हें पीट जाए
ReplyDelete"निसार मैं तेरी गलियों के ऐ वतन कि जहाँ
ReplyDeleteचली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले"
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की ये पंक्तियाँ मानों एकदम साकार हो गईं है उत्तर प्रदेश में!
ब्राहमण भाई चारा बनाओ का मतलब शायद मंत्री तिवारी जी ने समझ लिया की चारा डाल कर भाई बनाया जाए लेकिन चारा डालने में नाकाम बेचारा मारा गया
ReplyDeleteगुंडे चढ़ गए हाथी पर
मूंग दल रहे छाती पर
अजी कोई समझ ना पाया
ReplyDeleteकैसी ये ईश्वर की 'माया'!!
माया अपने मद में मग्न है क्योंकि मिश्रा मंत्री है जबकि मिश्रा को महावत होना चाहिए था .
ReplyDeletegunde chadh gaye hathi par
ReplyDeletegoli maare chati par
सब माया की माया है...
ReplyDeleteजनता को तो इस गलती की सजा ५ साल भुगतनी ही पडेगी ।
ReplyDeleteरविन्द्र नाथ ठाकुर का सपना Where minds are without fear and heads are held high,
सपना ही रह गया ।
सामंतवाद भारतीय राजनीति की रग-रग में व्याप्त है. मायावती भी उसी का एक हिस्सा हैं.
ReplyDeletepehli baat to yeh, ki options kya hain UP ke pass? maya ya mulayam, aur kya? na bhajpa, na congress!
ReplyDeleteaur is paap nahi majboori saza to usse bhogni hi padegi. dekhna yeh hai ki behanji agar PM bani to khoon ke kitne aansoon is desh ko rone padenge.
aapke blog par aakar accha laga. shukriya :)
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ReplyDeleteaaj kal raajniti me logo ko wahi neta pasand hai jo apni jati ke baare me kaam kare,yedi wah pandit hai to unka neta pandit hi hona chahiye,yedi wah takur hai to thakur ,
ReplyDeletegalti rajnetao ki nahi hamari ha aur hamare samaj ki,hum jaisa chahte hai vaish milta hai
hum gundo ko chahte hai to gunde milte hai,koi kisi ke liye gunda hai to kisi ke liye masiha
isaka udahar maunathbanjan hai jaha ke vidhyak mukhtar ansari hai
aap ke liye gunda aur waha ka hero