भारत में वामपंथियों ने मुसलमानों के साथ कितना बुरा किया, मन में ज़हर घोला और सत्ता बनी रहे, इस चाहत में कांग्रेस ने उनका साथ दिया। फ़र्ज़ी वाला सेक्युलरिज्म। वरना यह भारतवर्ष है कि जब नीरज स्वर्ण पदक लाते हैं तो वाहिद अली का … फेंक जहां तक भाला जाए, गूंज रहा है
यही है सच्चा भारत
मुसलमान देशभक्ति की बात करता है
कहता है कि देश राम का है
तो मर्यादा पुरुषोत्तम का नाम सुनकर भड़कने वाले वामपंथी उस मुसलमान को भी #Sanghi साबित करने में पूरी ताक़त लगा देते हैं
वामपंथियों को धर्म और भारत माता से चिढ़ लगती है, सीधे हमला करने के बजाय मुसलमानों का दुरुपयोग करते हैं
वाहिद अली एक उदाहरण नहीं हैं। असंख्य हैं। इस देश में सबके लिए प्रेरणास्रोत, बच्चों के प्यारे, सरल, शांत स्वभाव वाले कमाल के वैज्ञानिक पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के लिए भी मुसलमानों के मन में घृणा भरी कि कलाम साहब गीता पढ़ते थे, सरस्वती माँ के पूजकर, सितारवादक थे
मुसलमानों को आधुनिक समाज के साथ आगे बढ़ाने की इच्छा रखने वाले, प्रकांड पंडित केरल के गवर्नर आरिफ़ मोहम्मद खान भी इन्हें इसीलिए नहीं सुहाते कि भारत और राम की परंपरा, विरासत को मानते, आगे बढ़ाते हैं। मूल यही है, समझ लीजिए
भारतीय ही नहीं, पाकिस्तानी मुसलमान भी नीरज को बधाई दे रहे हैं. केवल वामपंथी ही जहर फैला रहे हैं
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