हर्ष वर्धन त्रिपाठी
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ब्राह्मणवादी शोषक व्यवस्था में हिन्दुस्तान में
मुलायम सिंह यादव और उनका पूरा परिवार ब्राह्मण बन गया
लालू प्रसाद यादव और उनका पूरा परिवार ब्राह्मण बन गया
मायावती और उनके आशीर्वाद प्राप्त ब्राह्मण बन गए
करुणानिधि और उनका पूरा परिवार ब्राह्मण बन गया
जयललिता और उनके दत्तक परिवार छोड़िए, सखा-सहेली भी ब्राह्मण बन गए
देवगौड़ा, बेटे कुमारस्वामी सहित पूरे परिवार को ब्राह्मण बनाने में कामयाब हो गए
शरद पवार अपनी बेटी, भतीजे सहित बड़े कुनबे को ब्राह्मण बना गए
राजस्थान में अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ब्राह्मण बन गए
ब्राह्मणवादी व्यवस्था के सबसे बड़े तथाकथित विरोधी (असल में सच्चे पोषक) वामपन्थियों- सत्ता में रहने वाली पार्टी सीपीएम- का क्या कहें, वे तो सब ब्राह्मण ही थे और ब्राह्मण ही बने रहे
कल्याण सिंह ब्राह्मण बने
उमा भारती ब्राह्मण बनीं
शिवराज सिंह चौहान ब्राह्मण बने
नरेंद्र मोदी ब्राह्मण बने
अभी के राष्ट्रपति से लेकर कई राष्ट्रपति ब्राह्मण बने
लम्बी सूची है, सब लोग खोज-खोजकर जोड़ लीजिए
आप कह सकते हैं कि, इनमें से कोई भला कहां ब्राह्मण है। तो, भाई ब्राह्मण होना क्या है? सत्ता के शीर्ष पर पहुंचना ही ना? या फिर सिर्फ जाने किस समय के ब्राह्मण जाति सूचक शब्दों को आगे लगाकर हर व्यवस्था की खराबी के लिए गाली खाने वालों का, हर बुराई के लिए पंचिंग बैग बना दिए गए समूह का नाम भर है।
जिन पंडों, पुजारियों को गरियाते जुबान खिया गई है, तथाकथित प्रगतिशीलों की। जरा उनसे कहिए कि, दिल्ली, मुम्बई और दुनिया के बड़े शहरों की सैर करते बौद्धिक जुगाली करने के बजाय कुछ दिन प्रयाग में संगम घाट पर टुटहा तख्ता लगाकर दुई रुपिया औ एक मूठी चाऊर में विश्व कल्याण की कामना करें। दुइ-चार रोज म चर्र कईके देहिया टूटि जाई औ सारी प्रगतिशीलता पृष्ठ भाग के गुप्त मार्ग म जाइके गुप्त होइ जाइ। अबहीं बरे, बस एत्तै
जोर से बोला
धर्म की जय हो
अधर्म का नाश हो
विश्व का कल्याण हो
प्राणियों में सद्भावना हो
ब्राह्मणवाद और कम्युनिस्ट
ब्राह्मणवाद में हर कोई ब्राह्मण बन सकता है लेकिन, वामपन्थ तथाकथित प्रगतिशील पोषित ब्राह्मणवाद में नेहरू जी की सन्ततियों के अलावा सब शूद्र हैं। पूर्व प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से वर्तमान तक। उन्होंने यही अडिग दृष्टि विकसित की है।
ब्राह्मणवाद और कांग्रेस (नेहरू खानदान के मालिकाना हक वाली)
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के अलावा किसी और को Teen Murti में जगह न दी जाए। पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने अगस्त 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कुछ ऐसा ही कहा है। सवाल यह है कि, क्या देश के दूसरे प्रधानमंत्रियों का योगदान भुला देने की कोशिश नहीं हुई। सवाल यह है कि, देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी का योगदान कुछ था या नहीं?
ब्राह्मणवाद और कांग्रेस-कम्युनिस्ट गिरोहबंदी
एक पंडित जवाहरलाल नेहरू को स्थापित करने में और उनके सामने हर दूसरे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को अपमानित करने में वामपन्थियों, तथाकथित प्रगतिशीलों ने अपना जीवन, पार्टी, विचार सर्वस्व स्वाहा कर दिया और कहते हैं कि, ब्राह्मणवाद से लड़ रहे हैं।
आपने बड़ी बेबाकी से एक कडुवे सत्य को उजागर कर दिया इस बौधिक वर्ग को गरियाओ और बाकी सारी सुविधाओं का भोग करो
ReplyDeleteइनका बस चले तो देश बेच कर खा जाए तो भी इनका पेट नहीं भरेगा क्या ये क्या विश्व कल्याण की कामना करेंगे सही कहा आपने एक मुठ्ठी चावल में विश्व कल्याण की भावना ब्राह्मण के ही मन में होता है।
ReplyDeleteशहीकहाआपने
Deleteबहुत ही ज्वलंत और वामपंथी प्रोपगैंडा को आइना दिखाने का सफल और सार्थक प्रयास.
ReplyDeleteਬਹੁਤ ਬਹੁਤ ਧੰਨਵਾਦ ਹਰਸ਼ ਜੀ
ReplyDeleteसटीक एवं सही
ReplyDeleteअसहमत होने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता लेकिन आखिर यह लॉजिकल जिसको बताएंगे वह पहले से ही इतना पूर्वाग्रह से ग्रसित है कि उसको लगेगा कि हम उतर कर रहे हैं
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