वर्सोवा
में सफ़ाई का कमाल देखने चला गया। समन्दर किनारे तो अच्छा ही लगता है। लेकिन जो
वर्सोवा बीच सफ़ाई की मिसाल बताया जा रहा है,
उसकी ये तस्वीरें दिखीं। मन दुखी हो गया। पढ़ा था
कि किसी एक व्यक्ति की कोशिश से वर्सोवा बीच गजब का साफ हो गया है। लेकिन, वो लगता
है कि मामला अस्थाई टाइप का ही था। साफ समन्दर किनारे कुछ पल भी बिताना ताजगी का
अहसास देता है। ऐसी गन्दगी में ताजगी का अहसास भी गन्दा हो जाता है।
देश की दशा-दिशा को समझाने वाला हिंदी ब्लॉग। जवान देश के लोगों के भारत और इंडिया से तालमेल बिठाने की कोशिश पर मेरे निजी विचार
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