Wednesday, October 23, 2013

1000 टन सोने का सपना, नाड़ी से शर्तिया इलाज और भारत सरकार

एक हजार टन सोने के खजाने से देश परेशान है। इस पर भी कि सरकार कैसे इस तरह से खजाने की खुदाई करा सकती है। इस पर भी कि आखिर सपने का साइंस से संतुलन कैसे बैठ गया। कुछेक संपादक लोग इस पर भी कि मीडिया वाले मूर्ख हैं (खासकर टीवी मीडिया) कि सपने की बात कह रहे हैं जबकि, ये सपने नहीं साइंस के आधार पर सोना खोजा रहा है। नरेंद्र मोदी और उनके समर्थक परेशान हैं कि सरकार मोदी की लोकप्रियता से जनता का ध्यान हटाने के लिए साजिशन ये कर रही है और सरकार समर्थक परेशान हैं कि एक हजार टन सोना भी लोगों को पीपली लाइव की तरह डौंड़ियाखेड़ा लाइव देखने के लिए लोगों को प्रेरित नहीं कर सका। और, जनता कानपुर चली गई नरेंद्र मोदी की रैली देखने। परेशान उत्तर प्रदेश की सरकार भी है और मुलायम का कुनबा भी कि पहली ही रैली में मोदी निपट जाते तो आगे दिक्कत न होती। इसी परेशानी में शिवपाल ने तो बयान भी दे डाला कि नरेंद्र मोदी को अब यूपी में घुसने नहीं देंगे जैसे वो डौंड़ियाखेड़ा के राजा रावबक्श सिंह हों या अंग्रेज सरकार।

लेकिन, जनता परेशान है। क्योंकि, उसकी परेशानी का इलाज करने के लिए इस जैसी दुकान नोएडा जैसे विकसित शहरों के चौराहों पर भी दिख जाती हैं। जनता परेशान है शादी से, शादी के बाद क्या होगा इससे, पेट खराब होने से लेकर जाने किस-किससे। खैर मुझे क्या ऐसी परेशानियों से मुझे क्या लेना देना। और जब सिर्फ 20 रुपये में नाड़ी देखकर इस सोनिया आयुर्वेदिक खानदानी दवाखाना वाले वैद्यजी सब परेशानी दूर कर रहे हैं तो हमें परेशानी होनी भी क्यों चाहिए। लेकिन, परेशान हम भी हो गए। एक हजार टन सोने की चाह में सरकार खुदाई क्यों करा रही है इससे भी हम ज्यादा परेशान नहीं हुए थे। लेकिन, इस खानदानी दवाखाना की दुकान ने मुझे भी परेशान कर दिया। वजह ये कि ये खानदानी दवाखाना भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। यानी भारत सरकार इस दुकान पर लिखी सारी बीमारियों के ठीक होने की गारंटी ले रही है। ये दुकान नोएडा के चौराहे पर पिछले कई दिनों से भारत सरकार की गारंटी के साथ चल रही है। अब सोचिए जब हमारी भारत सरकार इस नाड़ी से इलाज करने वाले वैद्य की गारंटी ले सकती है तो फिर बाबा के चोले में हजारों-लाखों की आस्था का केंद्र बने शोभन सरकार या कांग्रेसी से बाबा बने उनके शिष्य ओम बाबा के कहने-सपने का साइंस से संतुलन बैठाकर खुदाई क्यों नहीं करा सकती। और यहां तो 1000 टन सोने का सपना भी दिख रहा है।

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