Tuesday, December 11, 2012

रिश्वत लेने-देने में बुराई क्या है?

कौशिक बसु किसी को याद हैं क्या? अरे वही वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार जो, अब विश्व बैंक में यही काम कर रहे हैं। उन्होंने एक प्रस्ताव दिया था कि रिश्वत देने को कानूनी कर दिया जाए। उस समय उनके प्रस्ताव का बड़ा मजाक बना था। लेकिन, अब लग रहा है कि मल्टीब्रांड रिटेल में #FDI लाने में लगी सरकार वॉलमार्ट के बहाने देश में ये पुण्य कार्य भी कर ही डालेगी। खैर, सरकार मुझे लगता है कि एक हाथ आगे जाएगी। कौशिक बसु का प्रस्ताव ये था कि रिश्वत देने को कानूनी कर दो। लेकिन, रिश्वत लेने वाले को पकड़ो इसमें मदद ये होगी कि रिश्वत देने वाला कानूनी छूट मिलने से रिश्वत लेने वाले को पकड़वाने में मदद करेगा। इसी प्रस्ताव का समर्थन इंफोसिस के चेयरमैन नारायणमूर्ति ने भी किया था। अब ये अलग बात है कि इसका खतरा ये कि काम बन गया तो, रिश्वत देने वाला किसी को बताएगा नहीं। और, काम कुछ गड़बड़ हुआ तो, पुलिस में रपट। खैर, सरकार मुझे लगता है कि विकसित होने का ये अवसर छोड़ेगी नहीं।

अमेरिका और वॉलमार्ट दोनों ये बता चुके हैं कि उनके कानून के मुताबिक, लॉबीइंग या रिश्वत गलत नहीं है। भले ही इस आरोप में जांच भी वही लोग कर रहे हैं। इंडिया CFO भी निलंबित कर दिया है। अपनी सरकार अपमानित सा महसूस कर रही है। लग रहा है कि क्या बात है हम ऐसे कैसे विकसित हो पाएंगे अगर विकसित देशों जैसे कानून भी हमारे यहां लागू नहीं हुए। तो, माना जाए कि नॉर्थ ब्लॉक से भले देश की नीति बदलने में कौशिक बसु का प्रस्ताव उपहास बन गया। अब विश्वबैंक में बैठकर बसु को मुस्कुराने का मौका मिलने ही वाला है। कानून न जाने के बाद ये तय हो जाएगा कि रिश्वत लेना-देना बुरा नहीं है। बस उसका हिसाब संसद में और कमीशन बाहर सलीके से दे दो। #BRIBE #WALMART #RETAIL

2 comments:

  1. धन्य आत्मा और उसके अन्दर उपस्थित शरीर।

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  2. शायद एब्सोल्यूट ईमानदारी मिथक है। इस समय देश-काल को अपने मानक बनाने चाहियें कि किस स्तर की कौन सी बात स्वीकार्य होगी। अन्यथा मीन मेख निकलती रहेगी और ईमानदार कुण्ठित होते रहेंगे।

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