चौंकिए मत उत्तर प्रदेश में बहन मायावती की बहुजन समाज पार्टी भले ही सत्ता में है लेकिन, यहां चलती NDA की है। कम से कम सरकारी अधिकारियों के लिए तो सुकून का यही रामबाण है। दरअसल ज्यादा कमाई वाले विभागों में पोस्टिंग के लिए पैसे देना तो अभ पुरानी बात हो गई है। नई-- वैसे इसको भी लागू हुए काफी टाइम हो गया है—बात ये है कि अगर किसी अच्छी जगह (मलाईदार-कमाई वाली) टिके रहना है तो, NDA देना ही होगा।
NDA यानी नॉन डिस्टर्बेंस अलाउंस। मायावती सरकार में इस समय पैसे लेने-देने के मामले में गजब की पारदर्शिता है। नौकरी चाहिए रेट तय हैं। नौकरी में बने रहना है रेट तय हैं। और, अब तो, हाल ये है कि किसी पोस्ट पर जरा थमकर रहना है तो, उसका पैसा अलग से देना होता है। एक मित्र से बात हो रही थी तो, उसने बताया कि सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड में एक इंजीनियर साहब 50 लाख रुपए देकर पहुंचे और दो महीने बाद ही फिर से उन्हें वहां पर टिके रहने के लिए NDA यानी नॉन डिस्टर्बेंस अलाउंस देना पड़ा। अब ये रकम कम-ज्यादा हो सकती है। लेकिन, चल ऐसा ही रहा है।
हमारे एक रिश्तेदार जो, पंचायत विभाग में हैं, NDA यानी नॉन डिस्टर्बेंस अलाउंस न देने की वजह से एक साल में सात बार स्थानांतरण झेल चुके हैं। जय मायाराज।
जय हो जय हो
ReplyDeleteहराम की कमाई ऐसे ही निकलती है और मायावती जन्म लेती हैं।
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