सर्दी के मौसम में भी इस बार बिजली की काफी किल्लत हो रही है। दिल्ली से लेकर इलाहाबाद कुछ घंटे की बिजली कटौती पक्की रही। नोएडा में 1-2 घंटे गई तो, इलाहाबाद में 10-1 का बिजली कटौती का कोटा पक्का रहा। बिजली बनाई ही नहीं जा पा रही है लोगों की जरूरत भर का।
फिर एक आंकड़ा और सामने आता है कि डिस्ट्रीब्यूशन लॉस में ही करीब 30 प्रतिशत बिजली बेकार चली जाती है। यानी ये बिजली बिजलीघरों से चलती है लेकिन, खंभों, ट्रांसफार्मरों और बिजली चोरों के कटिया की भेंट चढ़ जाती है। अब इस बिजली को खास बिजलीचोरों के कटिया से बिजली की हत्या न हो इसका इंतजाम किया जा रहा है।
उम्मीद है कि ये हर जगह हो रहा होगा। हमने इलाहाबाद में देखा कि बिजली के खुले तारों की जगह नए तार आ रहे हैं जो लैमिनेटेड हैं। यानी पहले के खुले तारों की तरह अब इस तार पर कहीं से भी कटिया मारकर बिजली नहीं चुराई जा सकेगी। मैं बड़ा प्रसन्न था कि चलो अच्छा है कि जो, जितनी बिजली जलाएगा उतना बिल देगा। विभाग का रेवेन्यू बढ़ेगा। नए पावरहाउस बनाने में आसानी होगी।
इस नए तार का कमाल था कि जिस दिन तार बदला अचानक वोल्टेज ऐसा हो गया कि बल्ब, ट्यूब दिन जैसा रोशनी दे रहे थे। वजह ये कि बीच में कहीं से कटिया नहीं लगी थी और बिजली पूरी क्षमता के साथ आ रही थी। लेकिन, ये वोल्टेज कितने दिन रहेगा पता नहीं। नया तार लगते-लगते ही जुगाड़ डॉट कॉम से अपना जीवन बिताने वाले लोगों के शोधकार्यों के परिणाम सामने आने लगे थे। कटिया वाला तार गरम करके पहले तार का लैमिनेशन पिघलाएंगे उसके बाद उसी जगह कटिया मारेंगे। खंभे के पास ही तार में कटिया मारने की जगह बना लेंगे।
अब देखिए कितने दिनों तक ये नया कपड़ा पहना तार बिजली चोरों से अपनी आबरू बचा पाता है। दरअसल ये नंगई देखने के आदी ऐसे हो चले हैं कि अब सभ्य, सलीके वाले कपड़ा पहना तार इन्हें करेंट मार रहा है। और, भई बिजली विभाग वाले भी तो, बिजली के तार की पुरानी दशा का ख्याल रखेंगे। बहुत सी गलत बातें इस देश के सिस्टम में ऐसा घुस चुकी हैं कि वहीं सही लगने लगी हैं। बिजली की चोरी भी इसी में अव्वल है। वैसे, तो इस देश में कोई भी चोरी, भ्रष्टाचार मायने नहीं रखता है। तो, फिर बिजली चोरी की क्या बिसात।
चोरी में जुगाड़!
ReplyDeleteइसमें भी जुगाड़!!
ReplyDeleteबात तो दमदार है.....
ReplyDeleteमजेदार पोस्ट। खुदा करे कोई जुगाड़ न खोज सके। पर आपका जुगाड़ू भारतीय ही तरीका बताने पर उतारू हो तो चोरी क्योंकर न हो?
ReplyDeleteभुगतिये कम वोल्टेज, इसे ही कहते है पैरों पर कुल्हाड़ी चलाना। यानी ब्लागिंग करना...
बहुत अच्छा पोस्ट।
ReplyDeletevah
ReplyDeletehttp://sanskaardhani.blogspot.com/2010/01/blog-post.html
यहां आकर बहुत अछा लगा...
ReplyDeleteहमारे यहां तो वोल्टेज का कोी ऐसा चमत्कार नही हुआ शायद अभी यहां के तार इतने सभ्य नही हुए हैं और चोरी बदस्तूर जारी है ।
ReplyDeletejugaad ka andaja laga rhe hain yaa bta rhe hain sir ji...... achhi story hai...
ReplyDeleteWhy can't we protect it like telephone billing system which is pilfer proof.
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