कर्नल शर्मा दंपति |
हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi
#YouTubersConclave #GOA से वापसी में नये बने मनोहर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लौटना हुआ। बिना अतिरिक्त पैसे वाली बीच की ही सीट मिलती है। मुझे 2E सीट मिली। थोड़ी आशंका रहती ही है कि, दोनों तरफ के यात्री कैसे होंगे।
गोवा का नया मनोहर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा |
हवाई जहाज में घुसा तो दो युवाई बुजुर्ग बीच की सीट खाली छोड़कर बैठे जैसे हमारी ही प्रतीक्षा कर रहे थे। मैंने बताया तो बुजुर्ग सज्जन बोले, कहां आप हमारे बीच में पिसेंगे, आप किनारे की सीट पर बैठ जाइए। पति-पत्नी थे। बैठते बातचीत शुरू हुई उन्होंने बताया कि, सेना में कर्नल से सेवानिवृत्त हुए। दिल्ली रहते हैं। गोवा अपनी बेटी के घर में रहने आए थे। वैसे उनकी बेटी और बेटा भी गुरुग्राम रहते हैं। उनकी बेटी ने गोवा में एक घर खरीदा है। उन्होंने मुझसे पूछा कहां से ? और, जैसे ही मैंने प्रयागराज बताया, अचानक जैसे हम जहाज की सीटों पर सटे बैठे थे, वैसे ही हमारे दिल भी मिल गए। उन्होंने बताया कि, जिंदगी के सबसे खूबसूरत चार वर्ष इलाहाबाद में बीते हैं। यह कहते कर्नल शर्मा इलाहाबाद में गुम से हो गए। आंखें चमक रहीं थीं। मैंने पूछा- आखिरी बार कब जाना हुआ। उन्होंने अपनी पत्नी से पूछकर बताया कि, किसी पारिवारिक कार्यक्रम में गए थे। इतनी चर्चा के बाद जहाज उड़ चला और, हमने भी आंखें बंद कर लीं, हल्की झपकी भी आ गई। कांधे पर किसी की थपकी का अनुभव हुआ तो देखा मुस्कुराते कर्नल शर्मा सैंडविच आधी तोड़ रहे थे। मैंने मना किया कि, होटल से भरपेट नाश्ता करके चला हूं तो उन्होंने कहा- I'm very fond of allahabad आप भी इलाहाबाद से हैं, इसलिए मना मत करिए। फिर गुंजाइश बची नहीं थी। यात्रा में मेरी जेब में कुछ काजू थे। मैंने उन्हें दिया।
कर्नल शर्मा की आयु 90 वर्ष और, उनकी पत्नी की भी करीब 86 वर्ष की है। उन्होंने बताया कि, दुनिया के दर्जन भर से अधिक देश घूम चुके हैं। ईरान उनके सबसे अधिक पसंद है। उनके भाई ने एक ईरानी महिला से विवाह किया है। मैंने पूछा- विदेश यात्राएं कब से शुरू कीं, उन्होंने बताया- सेवानिवृत्ति के बाद से। मैंने कहा- तब तो मेरे लिए भी अभी गुंजाइश है। कर्नल शर्मा स्पष्ट करते हुए बोले हम कोई बहुत अमीर लोग नहीं हैं। पेंशन है और, जिम्मेदारियों से मुक्त हैं। बेटा-बेटी बुलाते हैं, लेकिन हमने कहाकि, जब तक हाथ-पांव चल रहे हैं, अलग रहेंगे। उन्होंने कहा- हमें अभी किसी के सहारे की आवश्यकता नहीं है। मैंने कहा- आपसे बात करते मुझे ऊर्जा मिल रही है। आप जैसे बुजुर्ग आसपास होने चाहिए। उन्होंने अपना पूरा नाम कृष्ण चंद्र शर्मा बताया तो मैंने कहा- हमारे स्वर्गीय पिताजी का भी नाम यही है। वो भी खूब घूमे, लेकिन देश में ही, विदेश के नाम पर सिर्फ नेपाल। विदेश यात्राओं का क्रम शुरू करना चाहते थे, लेकिन बीमारियों ने घेर लिया। हमारे पिताजी बैंक अधिकारी थे, ट्रेड यूनियन नेता थे। उस वजह से तो देश घूमते ही थे। अम्मा को साथ लेकर भी लगभग पूरा देश घूम चुके थे। विदेश यात्राओं की शुरुआत इसलिए न हो पाई कि, कुछ तकनीकी वजहों से अम्मा का पासपोर्ट नहीं बन पाया था। कर्नल शर्मा और, उनकी पत्नी को देखते मुझे लग रहा था कि, काश हमारे पिताजी का आयु कुछ अधिक होती, लेकिन यह भी संतुष्टि थी कि, पिताजी जब तक रहे, अपने मन का करते रहे। पिताजी के पास भी बहुत पैसे नहीं थे, सामान्य बैंक प्रबंधक थे। कभी एक पैसा किसी से नहीं लिया। मुझे लगता है औसत हिन्दू, भारतीय ऐसा ही होता है। अपने परिवार में प्रसन्न। अपनी पत्नी में प्रसन्न, जिंदगी यही है। चलते हुए कर्नल शर्मा अपनी पत्नी का हाथ पकड़ लेते थे। परिवार के साथ प्रेम की यह सुंदरता अद्भुत होती है।
हमारी माताजी और, स्वर्गीय पिताजी |
आज के समय में जब रिश्ते संभालना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है। जब विचलन की तलाश में बहुतायत पुरुष और, कुछ स्त्रियां भी रहती हैं तो कर्नल शर्मा जैसे दंपति बारिश के बाद कोंकण क्षेत्र में फैली नयनाभिराम हरियाली जैसे हैं। सिर्फ देखते रहने से ही मन प्रसन्न हो जाता है। अपने पिताजी जैसा, कर्नल शर्मा जैसा ही मैं भी रहना चाहता हूं। पूरे जीवन जीना चाहता हूं, अपने मन का करना चाहता हूं। करता भी हूँ और, करूंगा भी, तय है। बहुत अमीर नहीं बनना चाहता। मन का करने के लिए बहुत अमीर होने की आवश्यकता भी नहीं है। बस मन और, शरीर स्वस्थ रहे। कर्नल शर्मा ने कहा- No money can buy health. आप भी अपने मन को साधे रहिए, मन का करिए। स्वस्थ, प्रसन्न रहिए। स्वस्थ, प्रसन्न रहने के लिए बहुत अमीर होने की आवश्यकता नहीं है। गोवा में हुए यूट्यूबर्स कॉनक्लेव पर लिखना था, लेकिन यह अनुभव स्वतः लिखा गया। Goa YouTubers Conclave पर अगली पोस्ट में लिखूँगा।
यह लिख रहा था, उसी बीच समाचार देखा कि, देश विख्यात कानूनविद हरीश साल्वे जी ने तीसरी बार विवाह किया है। हमारी पत्नी डॉक्टर कंचन त्रिपाठी ने कहाकि, विवाह तो एक बार ही होना चाहिए। मैंने कहा, लेकिन जैसे जो प्रसन्न रहे, वही सही है। साल्वे जी का मैं प्रशंसक हूं। पढ़ा तो पाया कि, पहली पत्नी के साथ हरीश साल्वे जी के 38 वर्ष बीते। उसके बाद पहले 2020 और, अभी दूसरी और, तीसरी बार भी हरीश साल्वे दूल्ह बन गए। अब शायद प्रेम और, प्रसन्नता तलाश रहे हैं। अब मुझे भी लग रहा है कि, पत्नी सही कह रही है कि, विवाह तो एक बार ही होता है। अपवाद भी कई हैं और, सबका अपना निजी जीवन है। जो जैसे चाहे, जिए।
वाह आपने तो ब्लाग युग को जीवंत कर दिया। मोहक तस्वीरें। रोचक वृत्तांत
ReplyDeleteहां, लंबे समय बाद ब्लॉगिंग की। कोशिश करता हूं कि, कुछ नियमित हो सके। धन्यवाद
Deleteवाह! बहुत बढ़िया त्रिपाठी जी! मज़ा आया! यूं ही लेखनी चलते रहनी चाहिए!👌👌👌
ReplyDeleteमुझे भी लिखना ही सर्वाधिक आनंद देता है। प्रयास करूंगा। धन्यवाद
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