उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया है। योगी जी अपने पिता की अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो रहे हैं, लेकिन इसकी वजह उनका योगी होना नहीं है। इसकी वजह है मुख्यमंत्री के तौर पर चाइनीज वायरस के समय लड़ाई को सेनापति के तौर पर लड़ना। योगी जी का यह शोक सन्देश उदाहरण के तौर पर पेश किया जाएगा। एक बार मैंने प्रशासनिक उलझनों में फंसे योगी आदित्यनाथ के लिए लिखा था कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ पर भारी पड़ रहे हैं योगी आदित्यनाथ। हाल में जिस तरह से देश के सबसे बड़े राज्य को उन्होंने चलाया है, उसने मेरे पुराने अन्देशे को खत्म कर दिया है। नागरिकता कानून विरोधी आन्दोलन का समय हो या फिर वैश्विक महामारी के समय, उत्तर प्रदेश ने देश में सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुत किया है और आज अपने पिता की अंत्येष्टि में न जाकर उन्होंने सेनापति की तरह आगे रहकर युद्ध में रहना प्रस्तुत किया है।
देश की दशा-दिशा को समझाने वाला हिंदी ब्लॉग। जवान देश के लोगों के भारत और इंडिया से तालमेल बिठाने की कोशिश पर मेरे निजी विचार
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