Sunday, June 30, 2024

इस मीडिया को समझिए #SocialMediaMasterClass #HarshVardhanTripathi

#SocialMediaMasterClass #HarshVardhanTripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी




कल संयोगवश #T20 का विश्वकप फाइनल देखा। ऐसा कम हो पाता है, लेकिन कल दिल्ली में एक आयोजन से लौटने के बाद क्रिकेट ही देखा और अंतिम तक देखा। कई पोस्ट लिखी। अब यहां दो पोस्ट उदाहरण के लिए चिपका रहा हूं, इससे तथाकथित सोशल मीडिया पर फैल रहा जहर, बेसिरपैर की पोस्ट और एक दूसरे से लड़ाई-झगड़ा समझ आ जाएगा। पहली पोस्ट मन से, पूरी गंभीरता से लिखी पोस्ट है कि, कैसे भारत एक टीम की तरह खेला और जीता। कोई राज्य, जाति का खिलाड़ी नहीं, भारत का खिलाड़ी बनकर ही खेला और हर किसी के हिस्से उसकी कहानी है जो इतिहास में इस विश्वकप के जीतने के निर्णायक अवसर के तौर पर याद की जाएगी। फिर सोने जाने से पहले एक चित्र दिखा, जिसमें जय शाह अत्यंत प्रसन्न मुद्रा में दिखे। बीसीसीआई सचिव होने के नाते यह स्वाभाविक था, लेकिन बहुतेरी टिप्पणियां मैंने देखीं जो बिना बात @JayShah को गालियां दे रहे थे। मैंने एक पंक्ति लिखी- शाह, वाह बेटा वाह, इसने घृणा से भरे बैठे एक वर्ग में आग लगा दी। ढेर सारे नमूने मेरी पोस्ट पर टूट पड़े। मैंने सोशल मीडिया को सोदाहरण समझाने के लिए यह पोस्ट डाली थी। ढेर सारे नमूनों ने आकर मेरी नमूना पोस्ट को सफल कर दिया। यही सोशल मीडिया का पूरा गणित है। कुछ अलग, दूसरों को चुभने वाला, कुछ लोगों को दुखी करने वाला दिखा नहीं कि, लोग टूट पड़ते हैं। विश्वकप जीतने पर बधाई, भारत के चैंपियनों की प्रशंसा तो हर कोई कर रहा था। अलग सा वाला शाह वाला मसाला मिला तो लोग टूट पड़े। @AmitShah का बेटा होने की वजह से बेवजह के बने दुश्मन उस पोस्ट पर ऐसे टूटे कि, भारत के चैंपियनों की प्रशंसा में लिखा पोस्ट से कई गुना लोग वहां संवाद कर रहे थे। यही करके ढेर सारे लोग इस सोशल मीडिया पर अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए हैं। दिन रात यही करके अच्छी रकम भी बना रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों की जमात इसी फॉर्मूले पर काम करती है। मुद्दे की बजाय किसी नेता के पक्ष या विपक्ष में लिखने पर भी इसी तरह से प्रतिक्रिया जुटाई जा सकती है। कई बार तो दो विरोधी से दिखने वाले लोगों के बीच पोस्ट की जवाबी कव्वाली चलती है। यह भी उसी घृणा, जहर, विद्वेष को आगे बढ़ाकर खुद की पोस्ट को आगे बढ़ाने की रणनीति है। इसी में अपशब्दों का तड़का लगा दिया तो सोशल मीडिया पर आए लोगों की जुबान पर ऐसा पोस्ट का स्वाद और चढ़ जाता है। फिलहाल मेरी अपनी ऐसी प्रवृत्ति है नहीं। इसलिए, विवाद से रकम कमाने की अपनी कोई इच्छा भी नहीं है और आवश्यकता भी नहीं है, लेकिन आप @X पर कमाई करने के लिए ही आए हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है और कमाई के साथ एक गंभीर लिखने, पढ़ने वाले, मुद्दों की बात करने की इच्छा रखते हैं तो भी यह पोस्ट आपके लिए ही है। भारतीय चैंपियनों को पुन: बधाई देते हुए इसमें भी ब्राह्मण, यादव और मुसलमान खोजकर टिप्पणी करने वालों की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देने वालों को ध्यान में रहे कि, आप उस पर गुस्से में टिप्पणी करके, अपना खून जलाकर उस जहरीले पोस्टकर्ता की कमाई बढ़ा रहे हैं। नमूने इस पर भी आएंगे, लेकिन अपनी ऊर्जा और समय नमूनों पर व्यर्थ करके, जहर फैलाकर, घृणा, द्वेष से मुझे घर चलाने के लिए पैसे कमाने की बाध्यता नहीं है, इसलिए, आगे बढ़ते हैं। धन्यवाद

No comments:

Post a Comment

शिक्षक दिवस पर दो शिक्षकों की यादें और मेरे पिताजी

Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी  9 वीं से 12 वीं तक प्रयागराज में केपी कॉलेज में मेरी पढ़ाई हुई। काली प्रसाद इंटरमी...