हर्ष वर्धन त्रिपाठी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में एक बात कही जाती है कि अकसर जनता के बीच हो रही चर्चा के आधार पर नरेंद्र मोदी निर्णय ले लेते हैं। आज दीपावली से एक दिन पहले पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाकर केंद्र सरकार ने जनता को राहत दे दी है। हालांकि, यह बड़ी राहत नहीं है क्योंकि इधर एक महीने से लगातार प्रतिदिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें 30-35 पैसे प्रति लीटर बढ़ रहीं थीं। पिछले करीब डेढ़ वर्षों में पेट्रोल प्रति माह करीब दो रुपये और डीजल करीब डेढ़ रुपये महंगा हुआ है और इसी की नतीजा है कि देश के लगभग सभी शहरों में पेट्रोल और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है। दिल्ली और मुम्बई में पेट्रोल-डीजल की कीमत 110 के पार चली गई है। ऐसे में पेट्रोल 5 और डीजल 10 रुपये सस्ता होने से भी उपभोक्ता को कितनी राहत मिल पाएगी, लेकिन संदेश देने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाजी मार ले गए।
और, वित्त मंत्रालय ने पेट्रोल डीजल सस्ता करने से जनता और किसानों को होने वाले लाभ को गिनाते हए राज्यों से भी वैट घटाने की अपील कर दी
इससे पहले आज ही राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि काश मोदी सरकार के पास जनता के लिए संवेदनशील दिल होता
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो संवेदनशील दिल दिखा दिया, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों के साथ अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, पिनराई विजयन और उद्धव ठाकरे संवेदनशील दिल दिखा पाएंगे। भाजपा शासित राज्यों तुरन्त पेट्रोल और डीजल पर VAT घटा दिया। सबसे पहले त्रिपुरा की भाजपा सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 7 रुपये प्रति लीटर की कमी कर दी। त्रिपुरा के साथ ही कर्नाटक, असम, मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम और गोवा ने भी पेट्रोल और डीजल पर वैट 7 रुपये प्रति लीटर घटा दिया। भाजपा शासित अधिकतर राज्यों ने पेट्रोल, डीजल पर वैट 7 रुपये लीटर घटा दिया। इसका मतलब इन राज्यों में पेट्रोल 12, डीज़ल 17 रुपये लीटर एक झटके में सस्ता हो गया, लेकिन ग़ैर भाजपा शासित राज्यों से पेट्रोल-डीजल सस्ता होने की कोई ख़बर नहीं आ रही, सिर्फ़ बयान आ रहा है #FuelPricesSlashed उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल अब 12 रुपये लीटर सस्ता हो गया है, उत्तराखंड सरकार ने 2 रुपया प्रति लीटर VAT घटाया है। एनडीए शासन वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार राज्य ने भी मामूली पेट्रोल पर 1.30 रुपये और डीजल पर 1.90 रुपये की कमी की है। नरेंद्र मोदी और भाजपा से लड़ रहे विपक्षी दल हमलावर तो रहते हैं, लेकिन कभी निर्णय लेने में मोदी सरकार से आगे नहीं निकल पाते और इसीलिए बार-बार जनता को नरेंद्र मोदी पर अधिक भरोसा हो जाता है। पेट्रोल-डीजल कीमतों के मामले में भी वही होता दिख रहा है। पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने पर राज्य तैयार नहीं हो रहे। हालिया बैठक में अरविंद केजरीवाल और पिनराई विजयन की सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया था। जनता सब देखती रहती है।
No comments:
Post a Comment