जबरदस्त उमस वाली गर्मी में बच्ची क्लास से बाहर निकला। स्कूल के गेट पर ड्राइवर उसका इंतजार कर रहा था। बच्चा आया। ड्राइवर ने यंत्रवत उसका बैग उतारा। बैग उतारते समय ही बच्चे का सवाल- ऑफिस चलोगे? ड्राइवर का तल्ख जवाब- अभी ऑफिस क्यों चलेंगे ? शाम को चलेंगे। ड्राइवर की तल्खी की वजह शायद ये रही होगी कि बच्चा लगभग हर रोज यही सवाल पूछता होगा। बच्चे ने फिर पूछा- तो कहां चलोगे? ड्राइवर का जवाब आया- डे केयर।
देश की दशा-दिशा को समझाने वाला हिंदी ब्लॉग। जवान देश के लोगों के भारत और इंडिया से तालमेल बिठाने की कोशिश पर मेरे निजी विचार
Monday, August 26, 2013
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शिक्षक दिवस पर दो शिक्षकों की यादें और मेरे पिताजी
Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी 9 वीं से 12 वीं तक प्रयागराज में केपी कॉलेज में मेरी पढ़ाई हुई। काली प्रसाद इंटरमी...
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आप लोगों में से कितने लोगों के यहां बेटियों का पैर छुआ जाता है। यानी, मां-बाप अपनी बेटी से पैर छुआते नहीं हैं। बल्कि, खुद उनका पैर छूते हैं...
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हमारे यहां बेटी-दामाद का पैर छुआ जाता है। और, उसके मुझे दुष्परिणाम ज्यादा दिख रहे थे। मुझे लगा था कि मैं बेहद परंपरागत ब्राह्मण परिवार से ह...
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पुरानी कहावतें यूं ही नहीं बनी होतीं। और, समय-समय पर इन कहावतों-मिथकों की प्रासंगिकता गजब साबित होती रहती है। कांग्रेस-यूपीए ने सबको साफ कर ...
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