गांव, किसान और कर्ज की समस्या। ये बाते मीडिया में बमुश्किल ही जगह पाती हैं। ऐसे में किसी अखबार के संपादक का खुद इस तरह की रिपोर्टिंग करना और अपने रिपोर्टर्स को इस तरह की खबरें करने के लिए प्रेरित करना पत्रकारीय मानदंडों को बचाने में मदद करता है। बुंदेलखंड के किसानों की समस्या, भुखमरी और किसानों को कर्ज के जाल में फंसाने वाले कारणों पर सार्थक रिपोर्ट्स के लिए अमर उजाला कानपुर के स्थानीय संपादक प्रताप सोमवंशी को के सी कुलिश मेरिट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। राजस्थान पत्रिका समाचार पत्र समूह ये पुरस्कार दे रहा है।
पहला अवॉर्ड पाकिस्तान के द डॉन और हिंदुस्तान टाइम्स को संयुक्त रूप से दिया गया है। इस अवॉर्ड के लिए दुनिया भर से आई 2286 एंट्रीज में से कुल दस मेरिट अवॉर्ड दिए गए। प्रताप सोमवंशी सातवें नंबर पर रहे। प्रताप सोमवंशी को ये अवॉर्ड 12 मार्च को दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों दिया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी यहां भी अध्यक्षता करेंगे। अवॉर्ड के निर्णायक मंडल में एन राम( संपादक-द हिंदू), पीयूष पांडे( एड-गुरू) और एचके दुआ(प्रधानमंत्री के पूवॆ सलाहकार) शामिल थे।
बुंदेलखंड में किसानों को कर्ज, सूखा की समस्या, डाकुओं का आतंक, डाकुओं को मिलने वाली राजनीतिक गोलबंदी पर अमर उजाला में प्रताप सोमवंशी की करीब 5 दर्जन रिपोर्ट छपी थीं। इसी आधार पर ही इलाहाबद हाईकोर्ट ने किसानों की मौत पर खुद नोटिस लेते हुए सरकार से जवाब मांगा था। सार्थक रिपोर्टिंग पर मिले इस सम्मान के लिए प्रताप सोमवंशी को बधाई।
हमारी भी बधाई प्रेषित हो.
ReplyDeleteहमारी तरफ़ से भी बधाई.
ReplyDeleteAise patrkaron ko smmanait kiya hi jana chahiye....umeed hai isse kuch log seekh lenge
ReplyDeleteहर्षवर्धन भाई बहुत-बहुत शुक्रिया आपने इतनी अच्छी खबर सभी को दी है...सोमवंशी जी ने जो किया है यह सभी लोगो के लिये सीख है...हमारी और से इन्हे ढेर सारी बधाईयाँ...
ReplyDeleteसोमवंशी जी को बधाई।
ReplyDeleteबधाई व शुभकामनाएं उन्हें!
ReplyDeleteबधाई हो जी
ReplyDeleteयह तो अच्छी खबर बताई आपने। धन्यवाद।
ReplyDeletekisaan her insaan se jura insaan hota hai.....jo vo ann ugata hai us-se her insaan ki parverish hoti hai.......ur uska dard her tabke ka dard hona chahiye......
ReplyDeleteaise khaber ko pardarshita se pesh karne ke liye ...aur usko mile samman ke liye pratap ji hardik badhai.......
archana
पुरस्कार के लिए उम्दा व्यक्तित्व के चुनाव पर राजस्थान पत्रिका समूह को भी बधाइयां।
ReplyDeleteबात चली है तो प्रताप जी की कुछ लाइनें भी मुलाहिज़ा फ़रमाएं-
रियासत जब भी ढहती है नवासे दुख उठाते हैं.
कहीं पंचर बनाते हैं कहीं तांगा चलाते हैं.
बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी कमाते हैं.
सुबह से शाम तक फुटपाथ पर किस्मत बताते हैं.
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सरासर झूठ बोले जा रहा है.
हुंकारी भी अलग भरवा रहा है.
ये बंदर नाचता बस दो मिनट है,
ज्यादा पेट ही दिखला रहा है.
दलालों ने भी ये नारा लगाया,
हमारा मुल्क बेचा जा रहा है.
तुझे तो ब्याज की चिन्ता नही है,
है जिसका मूल वो शरमा रहा है.
और अंत में मेरी पसंदीदा-
तितलियां बारिश में खुलकर भीगती है,
बेटियां जूडो-कराटे सीखती हैं.
- गिरिजेश
प्रिय हषॆ, तुम सबके प्यार से मैं भीतर तक सुख से नहाया रहता हूं। ब्लाग पर जिस तरह से तुमने याद किया, मित्रों ने टिप्पणी दी, यह सब मेरे लिए एक संस्मरण रहेगा। सभी मित्रों से अपने रिश्ते को परिभाषित करने की कोशिश लिए एक पुराना शेर लिखकर भेज रहा हूं..
ReplyDeleteमुझमें तुझमें बस एक रिश्ता है,
तेरे अंदर भी छटपटाहट है.
-प्रताप सोमवंशी
pehle hi badhaiyon se bhare pade aapke jeb main is chhote bhai ki bhi chhoti si badhai
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