Wednesday, March 05, 2008

किसानों की चिंता करने वाले पत्रकार का सम्मान


गांव, किसान और कर्ज की समस्या। ये बाते मीडिया में बमुश्किल ही जगह पाती हैं। ऐसे में किसी अखबार के संपादक का खुद इस तरह की रिपोर्टिंग करना और अपने रिपोर्टर्स को इस तरह की खबरें करने के लिए प्रेरित करना पत्रकारीय मानदंडों को बचाने में मदद करता है। बुंदेलखंड के किसानों की समस्या, भुखमरी और किसानों को कर्ज के जाल में फंसाने वाले कारणों पर सार्थक रिपोर्ट्स के लिए अमर उजाला कानपुर के स्थानीय संपादक प्रताप सोमवंशी को के सी कुलिश मेरिट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। राजस्थान पत्रिका समाचार पत्र समूह ये पुरस्कार दे रहा है।

पहला अवॉर्ड पाकिस्तान के द डॉन और हिंदुस्तान टाइम्स को संयुक्त रूप से दिया गया है। इस अवॉर्ड के लिए दुनिया भर से आई 2286 एंट्रीज में से कुल दस मेरिट अवॉर्ड दिए गए। प्रताप सोमवंशी सातवें नंबर पर रहे। प्रताप सोमवंशी को ये अवॉर्ड 12 मार्च को दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों दिया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी यहां भी अध्यक्षता करेंगे। अवॉर्ड के निर्णायक मंडल में एन राम( संपादक-द हिंदू), पीयूष पांडे( एड-गुरू) और एचके दुआ(प्रधानमंत्री के पूवॆ सलाहकार) शामिल थे।

बुंदेलखंड में किसानों को कर्ज, सूखा की समस्या, डाकुओं का आतंक, डाकुओं को मिलने वाली राजनीतिक गोलबंदी पर अमर उजाला में प्रताप सोमवंशी की करीब 5 दर्जन रिपोर्ट छपी थीं। इसी आधार पर ही इलाहाबद हाईकोर्ट ने किसानों की मौत पर खुद नोटिस लेते हुए सरकार से जवाब मांगा था। सार्थक रिपोर्टिंग पर मिले इस सम्मान के लिए प्रताप सोमवंशी को बधाई।

12 comments:

  1. हमारी भी बधाई प्रेषित हो.

    ReplyDelete
  2. हमारी तरफ़ से भी बधाई.

    ReplyDelete
  3. Aise patrkaron ko smmanait kiya hi jana chahiye....umeed hai isse kuch log seekh lenge

    ReplyDelete
  4. हर्षवर्धन भाई बहुत-बहुत शुक्रिया आपने इतनी अच्छी खबर सभी को दी है...सोमवंशी जी ने जो किया है यह सभी लोगो के लिये सीख है...हमारी और से इन्हे ढेर सारी बधाईयाँ...

    ReplyDelete
  5. सोमवंशी जी को बधाई।

    ReplyDelete
  6. बधाई व शुभकामनाएं उन्हें!

    ReplyDelete
  7. बधाई हो जी

    ReplyDelete
  8. यह तो अच्छी खबर बताई आपने। धन्यवाद।

    ReplyDelete
  9. kisaan her insaan se jura insaan hota hai.....jo vo ann ugata hai us-se her insaan ki parverish hoti hai.......ur uska dard her tabke ka dard hona chahiye......
    aise khaber ko pardarshita se pesh karne ke liye ...aur usko mile samman ke liye pratap ji hardik badhai.......

    archana

    ReplyDelete
  10. पुरस्कार के लिए उम्दा व्यक्तित्व के चुनाव पर राजस्थान पत्रिका समूह को भी बधाइयां।
    बात चली है तो प्रताप जी की कुछ लाइनें भी मुलाहिज़ा फ़रमाएं-

    रियासत जब भी ढहती है नवासे दुख उठाते हैं.
    कहीं पंचर बनाते हैं कहीं तांगा चलाते हैं.

    बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी कमाते हैं.
    सुबह से शाम तक फुटपाथ पर किस्मत बताते हैं.

    -----------

    सरासर झूठ बोले जा रहा है.
    हुंकारी भी अलग भरवा रहा है.

    ये बंदर नाचता बस दो मिनट है,
    ज्यादा पेट ही दिखला रहा है.

    दलालों ने भी ये नारा लगाया,
    हमारा मुल्क बेचा जा रहा है.

    तुझे तो ब्याज की चिन्ता नही है,
    है जिसका मूल वो शरमा रहा है.

    और अंत में मेरी पसंदीदा-

    तितलियां बारिश में खुलकर भीगती है,
    बेटियां जूडो-कराटे सीखती हैं.

    - गिरिजेश

    ReplyDelete
  11. प्रिय हषॆ, तुम सबके प्यार से मैं भीतर तक सुख से नहाया रहता हूं। ब्लाग पर जिस तरह से तुमने याद किया, मित्रों ने टिप्पणी दी, यह सब मेरे लिए एक संस्मरण रहेगा। सभी मित्रों से अपने रिश्ते को परिभाषित करने की कोशिश लिए एक पुराना शेर लिखकर भेज रहा हूं..
    मुझमें तुझमें बस एक रिश्ता है,
    तेरे अंदर भी छटपटाहट है.

    -प्रताप सोमवंशी

    ReplyDelete
  12. pehle hi badhaiyon se bhare pade aapke jeb main is chhote bhai ki bhi chhoti si badhai

    ReplyDelete

एक देश, एक चुनाव से राजनीति सकारात्मक होगी

Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार कर लिया था। इसीलिए इस द...