Tuesday, August 26, 2025

RSS @100 Years

 Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी



राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 100 वर्ष का हो गया है। शताब्दी वर्ष में संघ हर हिन्दू घर में पहुंचने की विस्तृत योजना पर कार्य कर रहा है। हर हिन्दू परिवार के साथ भारत के हर वर्ग से संवाद भी संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। संघ ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार भारतीय समाज के हर हिस्से से संवाद किया है। संघ महत्वपूर्ण विषयों पर पहले से अधिक प्रतिक्रिया भी देने लगा है, लेकिन इसके बावजूद लंबे समय तक सत्ता में रहे लोगों को संघ से कुछ ऐसा भय व्याप्त है कि, संघ के विरुद्ध भ्रांति फैलाते रहते हैं। लंबे समय से सत्ता में रहने से उनका एक तंत्र भी है जो संघ को ग़लत तरीके से प्रस्तुत करता है। इस सबके बावजूद संघ ने समाज के हर क्षेत्र में स्वयंसेवकों के जरिये चमत्कृत करने वाले परिवर्तन किए हैं। प्रत्यक्ष तौर पर 32 और अप्रत्यक्ष हजारों की संख्या में  संगठन स्वयंसेवकों के नेतृत्व में या संघ प्रेरणा से चल रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्तमान सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने संघ को और पहले से कहीं अधिक कुला बना दिया है। संघ लगातार समाज के हर वर्ग से, हर स्तर पर संवाद करता रहता है। स्वयं सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सार्वजनिक कार्यक्रमों में किसी भी व्यक्ति के किसी भी प्रश्न का उत्तर देते दिखते हैं। मोहन जी ने इसे और आगे बढ़ाते हुए 2018 में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में तीन दिनों का संवाद का कार्यक्रम किया था और उस संवाद में भी मुझे भी प्रश्न पूछने का अवसर मिला था, इसके लिए मुझे किसी से सिफारिश नहीं लगाना पड़ा था। किसी ने मुझे रोका भी नहीं। इस बार शताब्दी वर्ष है और इस नाते से सरसंघचालक का तीन दिनों का संवाद अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। भारत के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पिछले एक दशक से अधिक समय से एक स्वयंसेवक बैठा हुआ है। इससे पहले संघ प्रचारक रहे अटल बिहारी बाजपेयी प्रधानमंत्री रह चुके हैं। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने अभी एक साक्षात्कार में कहा कि, आरएसएस से जुड़ा होना कोई माइनस है क्या? बिल्कुल नहीं है। अटल जी, आडवाणी जी, मोदी और मैं स्वयं संघ से जुड़ा हूं। 100 वर्ष के संघ के व्यक्ति निर्माण का यह बड़ा प्रमाण है। अब 100 वर्ष के बाद संघ के लिए आगे क्या? इस प्रश्न का उत्तर सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत तीन दिनों के व्याख्यान में दे सकते हैं। शताब्दी वर्ष में संघ समाज के सभी वर्गों के हर प्रमुख व्यक्ति से संवाद की योजना के तहत तीन दिनों का सरसंघचालक का व्याख्यान कर रहा है। मोहन जी '100 वर्ष की संघ यात्रा— नए क्षितिज’ विषय पर दिल्ली के विज्ञान भवन में 26, 27, 28 अगस्त को अपनी बात रखेंगे और आखिरी दिन प्रश्नों के उत्तर भी देंगे। नई दिल्ली के अलावा बेंगलुरू, कोलकाता और मुंबई में होने वाले संवाद के कार्यक्रमों में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की उपस्थिति रहेगी। तीन दिवसीय व्याख्यानमाला में समाज के सभी क्षेत्रों, वर्गों और विचारधाराओं की प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। इसके लिए सामाजिक, आर्थिक, आध्यात्मिक, खेल, शिक्षा, ज्ञान परंपरा एवं भाषा, उद्योग जगत और भारत स्थित विभिन्न देशों को राजदूतों सहित 17 मुख्य और 138 सह—श्रेणियों में समाज जीवन के सभी क्षेत्रों की प्रमुख्य हस्तियों को आमंत्रित किया जा रहा है। ऐसे लोगों की संख्या लगभग ढाई हजार है। अतिथियों का चयन इस तरह से किया गया है कि, समाज में प्रमुख व्यक्तित्व छूट न जाएं। इस व्याख्यान के जरिये संघ के 100 वर्ष के अनुभव और उसकी भूमिका के साथ संघ के पंच परिवर्तन के संकल्प को आगे बढ़ाने पर डॉक्टर मोहन भागवत बात करेंगे, ऐसा माना जा रहा है। विश्व में भारत की प्रभावी भूमिका का संकेत भी इससे मिलने वाला है।

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