संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। हुआ भी तो, सामने कभी नहीं आया। संसदीय कार्य मंत्री के तौर पर राजीव शुक्ला ने उपसभापति के कान में जाकर बोला। शोर बहुत होगा। पूरे दिन के लिए कार्यवाही adjourn (स्थगित) कर देना।
लेकिन, एक बात जो, इससे भी ज्यादा चुभ रही है कि मीडिया में ये खबरें आईं। एकाध चैनलों को छोड़कर किसी ने इसे बड़ा सवाल नहीं बनाया। इस तरह से मीडिया से जरूरी खबरें गायब होने पर सवाल तो, मन में उठता ही है कि क्या ये सरकार के दबाव में खबर गायब हुई।
अब कल सुबह के अखबारों का इंतजार है। साथ ही कल विपक्ष के एतराज के तरीके का भी।
लेकिन, एक बात जो, इससे भी ज्यादा चुभ रही है कि मीडिया में ये खबरें आईं। एकाध चैनलों को छोड़कर किसी ने इसे बड़ा सवाल नहीं बनाया। इस तरह से मीडिया से जरूरी खबरें गायब होने पर सवाल तो, मन में उठता ही है कि क्या ये सरकार के दबाव में खबर गायब हुई।
अब कल सुबह के अखबारों का इंतजार है। साथ ही कल विपक्ष के एतराज के तरीके का भी।
नयी नयी प्रथायें..
ReplyDeleteMedia par bhi shak hota hae ki woh bhi bika hua hae, ya fir dara hua,
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