Friday, March 31, 2023

यह समय से आगे चलने वाला नया भारत है

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi





अभी कुछ दिन पहले हमारे पास संदेश आया कि, आप बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 5जी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। हमने एयरटेल की सेवा ली हुई है। भारती एयरटेल के भारत और दक्षिण एशिया के एमडी गोपाल विट्टल का बयान मैंने पढ़ा, जिसमें उन्होंने बताया है कि, भारत विश्व में सबसे तेजी से 5जी सेवाएँ प्रदान करने वाला देश बन गया है। एयरटेल अभी तक 400 शहरों में 5जी सेवाएँ शुरू कर चुका है और, प्रतिदिन 30-40 शहरों में 5जी सेवाएँ शुरू कर रहा है। दरअसल, यह पढ़ने के बाद मुझे ध्यान आया कि, मेरे पास तो अब 4जी से आगे बढ़कर 5जी की सुविधा मोबाइल पर हो गई है। मेरे घर के वाई फाई पर रिलायंस जियो ने वर्षों से 5जी की सुविधा दी हुई है और, अब रिलायंस के प्रमुख मुकेश अंबानी कह रहे हैं कि, रिलायंस गाँवों तक 5जी पहुँचाएगा। रिलायंस जियो के मुख्य तकनीकी अधिकारी श्याम मर्दिकर बता रहे हैं कि, मई के अंत तक देश के सभी शहरों में रिलायंस जियो का 5जी पहुँच जाएगा और, इस वर्ष के अंत तक पूरे देश में रिलायंस जियो की 5जी सेवाएँ उपलब्ध होंगी। एयरटेल भी इसी वित्तीय वर्ष में 60-70 हजार गाँवों तक 5जी सेवाएँ पहुँचाने जा रहा है। आधुनिक तकनीक और, उसके तेजी से प्रसार के मामले में चीन को विश्व में आदर्श के तौर पर देखा जाता है। उसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी मानी जाती है कि, चीन में एक ही कम्युनिस्ट पार्टी का शासन है जो, तानाशाही जैसा है। एक ही पार्टी और, एक ही पार्टी की हमेशा सरकार, इससे निर्णय में जनता का कोई हिस्सेदारी नहीं होती है। सड़कों पर सरकार की किसी नीति के समर्थन या विरोध में लोग नहीं निकलते। मानवाधिकार, पर्यावरण या दूसरी किसी वजह से सरकार की तय नीति में कोई बाधा पहुँचेगी, ऐसा भी नहीं होता है। इसीलिए, विश्व की कंपनियाँ भी अपने तेज विकास के लिए चीन के रास्ते ही चल पड़ीं। हालाँकि, कोविड काल के बाद दुनिया की कंपनियाँ चीन का विकल्प तेजी से तलाश रही हैं। अब सवाल यही है कि, क्या दुनिया में कोई दूसरा देश है, जहां चीन जैसी तेजी के साथ सरकारी नीतियों के आधार पर कारोबार आगे बढ़ सकता है और, अगर ऐसा देश जीता जागता लोकतंत्र हो तो, सोने पर सुहागा हो जाए। भारत, दुनिया भर के लिए ऐसे, सोने पर सुहागा वाले, आदर्श उदाहरण के तौर पर देखा जा रहा है। रिलायंस जियो और एयरटेल का दुनिया में सबसे तेजी से 5जी सेवाएँ शुरू करना उसी का साक्षात्कार है। राहुल गांधी की अगुआई में विपक्षी पार्टियाँ अंबानी-अडानी की सरकार, सूट-बूट की सरकार कहकर भले भारतीयों के मन में उद्यमिता और उद्यमियों के बारे में संदेह पैदा करना चाह रही हों, लेकिन सच यही है कि, भारतीयों को अपने उद्योगपतियों की वजह से आधुनिक विश्व में समय के साथ और, कई बार समय से आगे चलने का भी अवसर मिल रहा है। अब भारतीय कंपनियाँ तो नईं नहीं हैं, फिर क्या परिवर्तन हुआ है, जिसकी वजह से नये भारत में भारतीयों को समय से आगे चलने का अवसर मिल रहा है, यह समझना आवश्यक है। 

इडलवाइज म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने 21 फरवरी 2023  को एक छोटा सा ट्वीट किया- “इट इज व्हेन यू ट्रैवल अब्रॉड दैट यू रियलाइज हाऊ मच यूपीआई हैज स्पॉइल्ड अस इन इंडियाऔर, फिर दुनिया के मुकाबले भारत के डिजिटल लेनदेन की सुन्दर कहानियों की कतार लग गई। उस ट्वीट का जवाब देने वाले बता रहे थे कि, कैसे विकसित देशों में भी डिजिटल लेनदेन इतना सामान्य नहीं है, जैसे भारत में इतनी तेजी में हो गया है। भारत में बिना नकदी के महीनों काम चलाने के किस्से भी अकसर सुनने को मिल जाते हैं। यह नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और, तय समय सीमा में काम करने की परिणाम था। और, इसकी शुरुआत हुई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी सँभालते ही हर किसी का खाता खोलने के लिए जन धन योजना की शुरुआत की थी। उसी के साथ एक और शुरुआत हुई थी, जिसकी सफलता को लेकर देश की विपक्षी पार्टियों के नेता उपहास मुद्रा में रहते थे और, वह योजना थी, भारत में डिजिटल पेमेंट के तंत्र को मजबूत करने की। डिजिटल भुगतान का तंत्र मजबूत करने के लिए आवश्यक ता कि, भुगतान के लिए तकनीक हो और, अत्यंत सुरक्षित तकनीक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी को सरल भाषा में जैम (जन धन, आधार और मोबाइल) कहते हैं। अब भारत तकनीक और, जनसंचार के मामले में विश्व के किसी भी विकसित देश को प्रतिस्पर्द्धा दे रहा है। उदाहरण के लिए अभी दुनिया में जनसंचार के लिहाज से सबसे आधुनिक तकनीक 5जी की ही है। भारत में 5जी अमेरिका, चीन के मुकाबले देरी से आया, लेकिन हमने 5जी सुविधा हर भारतीय को देने में जितनी तेजी दिखाई है, सम्पूर्ण विश्व के लिए चमत्कृत करने वाली है। अब जनसंचार के लिए दुनिया 6जी तकनीक की ओर देख रही है। माना जा रहा है कि, 2030 तक 6जी इंटरनेट तकनीक दुनिया में लोगों को उपयोग के लिए मिलने लगेगी। अभी यह प्रयोग के दौर में है। इसके लिए टेराहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की आवश्यकता पड़ेगी। जाहिर है, 6जी इंटरनेट उपयोग करने के लिए मोबाइल हैंडसेट भी अत्याधुनिक होंगे। अभी चीन ने 6जी परीक्षण सैटेलाइट लाँच किया है। हुआवेई तकनीक और चाइना ग्लोबल इस पर काम कर रहे हैं। दुनिया में कई संस्थान इस तकनीक को विकसित करने में पूरे मनोयोग से जुटे हैं। फिनलैंड के आउलू विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया के इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्यूनिकेशंस रिसर्च इंस्टिट्यूट, चीन के उद्योग और सूचना तकनीक मंत्रालय, अमेरिका के फ़ेडरल कम्यूनिकेशंस कमीशन, यूरोपीय देशों के समूह ने साझा तौर पर और, जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के साथ ऑस्ट्रेलिया का एडीलेड विश्वविद्यालय भी इस पर तेजी से कार्य कर रहा है। अब समय के साथ और समय से आगे चलने वाला नया भारत इसमें कहां है।

भारत ने भी अपना 6जी मिशन शुरू कर दिया है और, 22 मार्च 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 6जी मिशन की शुरुआत अधिकृत तौर पर कर दी है। भारत के 6जी टेस्टबेड यानि आधारभूत संरचना को विकसित करने का काम साझा तौर पर भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थानों ने मिलकर किया है। 6जी मिशन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि, भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था पूरी अर्थव्यवस्था से ढाई गुना अधिक रफ्तार से बढ़ रही है। दूसरे कुछ चौंकाने वाले आँकड़े भी उन्होंने बताए। प्रधानमंत्री ने बताया कि, भारत दुनिया का एक ऐसा लोकतंत्र है, जिसकी कनेक्टिविटी सबसे अधिक है। नये भारत में समय से आगे चलना कैसे संभव हो पाता है, इसे समझने के लिए यह जानना भी आवश्यक है। नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 सदस्यों की एक समिति बनाई। दूरसंचार सचिव के राजारमन की अगुआई में बनी इस नवाचार समिति को 6जी के भविष्य का नक्शा तैयार करना था। और, आईआईटी गुवाहाटी, मद्रास के साथ दूसरी आईआईटी ने मिलकर इसकी आधारभूत संरचना तैयार कर ली है, जिस पर अब शोध शुरू हो गए हैं। रिलायंस जियो और एयरटेल तेज़ी से देश के हर शहर और गाँव में 5जी सुविधा पहुँचा रहे हैं, इसके साथ एक और महत्वपूर्ण आँकड़ा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, जो नये भारत की रफ्तार को दर्शाता है। वैष्णव ने बताया कि, मोबाइल टावर लगाने के लिए औसत समय 222 दिन लगता था जो, अब सात दिन रह गया है। समय के साथ और समय से आगे चलने के लिए तैयार नये भारत में जरा सा भी पीछे रह जाने की अब गुंजाइश नहीं है। पूरी दुनिया भारत की इस रफ्तार को देख रही है।

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