Thursday, October 19, 2023

विद्यालयों में बच्चे को हर अवसर मिल रहा है, उसे जिसमें मजा आए, उसमें आगे बढ़ाइए

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi 

The Manthan School's Khelchakra Chief Guest Prof Harsh Vardhan Tripathi, Chairman The Manthan School Divya Jain, COO Puja Khurana, Principal Poonam Kumar Mendiratta 








अकसर यह चर्चा होती है कि, शिक्षा में निजी और सरकारी विद्यालयों की भूमिका कितनी होनी चाहिए? दोनों के पक्ष में अच्छे तर्क भी सामने आते हैं, लेकिन अभी की शिक्षा हो या पहले की, विद्यालयों में छात्रों के सर्वांगीण विकास के मामले में निजी विद्यालय बेहतर करते दिखते हैं। सरकारी विद्यालयों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, लेकिन सीमित है। अभी ग्रेटर नोएडा के #TheManthanSchool के वार्षिक खेल उत्सव #KhelChakra में मुख्य अतिथि के तौर पर जाने का अवसर मिला। करीब 8 वर्ष इस विद्यालय को हुए हैं। आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह विद्यालय अपनी अलग पहचान बना चुका है, लेकिन खेलचक्र में जब मैं ग्रेटर नोएडा के शही विजय सिंह पथिक इंडोर स्टेडियम पहुंचा तो मुझे अहसास हुआ कि, विद्यालय कितना बेहतर कर रहा है। एक सप्ताह तक विद्यालय में अलग-अलग प्रतियोगिताओं के बाद स्टेडियम में समापन होना था। कार्यक्रम के दौरान मेडल देते समय विद्यालय की प्रधानाचार्य पूनम कुमार मेंदीरत्ता जी ने बताया कि, उनके विद्यालय के कई बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पूरे आयोजन के दौरान ऐसा लग रहा था जैसे, छोटा आलंपिक चल रहा हो। विद्यालय के बच्चे चमक रहे थे। कोई भी विद्यालय बेहतर होता है तो उसमें प्रधानाचार्य और शिक्षकों के साथ प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। द मंथन स्कूल की चेयरमैन दिव्या जैन जिस उत्साह से आयोजन में शामिल थीं, उससे यह आसानी से समझ आ रहा था। दिव्या जी ने बताया कि, पूनम जी विद्यालय की शुरुआत से ही प्रधानाचार्य हैं। हमारी बेटी की प्राइमरी में शिक्षक रहीं फरहा मैम अब द मंथन स्कूल में हैं और वहां की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी में हैं। उनका फोन आया कि, आपको हम अपने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाना चाहते हैं। मैंने कहा- अवश्य आऊंगा। पहली वजह तो छोटे-बड़े छात्रों के बीच जाकर बहुत कुछ सीखने को मिलता है। ऊर्जा बढ़ जाती है। दूसरी वजह, आप हमारी बेटी की शुरुआती शिक्षक रही हैं और तीसरी वजह भी महत्वपूर्ण है कि, हमारा इलाहाबाद कनेक्शन है। मैंने अपने भाषण में अभिभावकों से यही कहाकि, बच्चे को जो काम करने में मजा आ रहा हो, उसी में आप थोड़ा मदद करिए। बेवजह किसी भेड़चाल में बच्चे को शामिल मत कराइए। हालांकि, यह कहना आसान है। आज के प्रतिस्पर्धा वाले समय में अभिभावकों पर भी बहुत दबाव है, लेकिन आजकल विद्यालयों में जिस तरह की सुविधाएं उनको शुरू से मिलती हैं, उनका सर्वांगीण विकास आसानी से हो जाता है। विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों और छात्रों को शुभकामनाएं #HarshVardhanTripathi

Tuesday, October 17, 2023

MSP से MRP तक किसान जब तक नहीं पहुंचेगा, उसका भला नहीं हो सकता

Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी 

 

Center for Civil Society's compendium launch Researching Reality Report and panel discussion on "Beyond Legalese: Aam Aadmi in Conversation with the Constitution"

 

14 अक्टूबर को जब भारत और पाकिस्तान क्रिकेट के मैदान में भिड़ रहे थे तो उस समय Center for Civil Society के Researching Reality Report "Beyond Legalese: Aam Aadmi in Conversation with the Constitution" के लोकार्पण के आयोजन में हम शामिल थे। सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जे चेलामेश्वर मुख्य अतिथि थे और उसके बाद पैनल डिस्कशन में भाजपा नेता गोपाल कृष्ण अग्रवाल, जयवीर सिंह और विनय नवारे के साथ हम भी शामिल थे। इंडियन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के संस्थापक डीन और संचालनकर्ता डॉ शुभाशीष गंगोपाध्याय से पहले ही कह दिया था कि, मैं हिन्दी में ही बात रखूंगा। जस्टिस चेलामेश्वर के उद्बोधन के बाद हुए पैनल डिस्कशन में संविधान के हवाले के साथ किसानों को उनकी उपज की कीमत न मिलने की बात मैंने कही और यह भी कहाकि, सर्वोच्च न्यायालय ने किसानों के हित की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। हर मंच पर मैं यह बता कहता हूं कि, इस देश के किसानों को समाजवादी नीतियों की आड़ में ही उनके अधिकारों से वंचित किया गया। किसान को सरकार के भरोसे न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर बंधक बनाकर रखा गया है जबकि, उद्योगपतियों को अधिकतम खुदरा मूल्य MRP का अधिकार दिया गया है। जब तक किसानों को उनकी उपज की कीमत तय करने का अधिकार नहीं मिलेगा, किसान कभी सशक्त नहीं हो सकता। मैंने कहाकि, सोशलिज्म और सेक्युलरिज्म अवधारणा बुरी नहीं है, लेकिन भारत में इन दोनों शब्दों का सबसे अधिक दुरुपयोग किया गया है। जस्टिस चेलामेश्वर ने कहाकि, हिन्दी समझने में उन्हें थोड़ी कठिनाई हो रही है। उसके बाद उन्होंने किसी को सहायता के लिए बुलाया जो पूरे समय मेरे कहे को अनुवाद करके उन्हें बताता रहा। वैसे, जस्टिस चेलामेश्वर मेरा कहा समझ रहे थे, लेकिन कई बार उन्हें सन्दर्भ के साथ समझने में दिक्कत हो रही थी। यह उनका बड़प्पन था कि, पूरी चर्चा को उन्होंने ध्यान से सुना और जहां जरूरी लगा, उन्होंने सार्थक हस्तक्षेप भी किया। यहां एक बात मैं अवश्य कहूंगा कि, सेंटर फॉर सिविल सोसायटी से जुड़े शोधार्थियों ने संविधान और आम आदमी को जोड़कर जमीन के अधिकार, मुफ्त की योजनाओं और सरकार पर समाज के विश्वास को लेकर शानदार रिपोर्ट तैयार की है। इस तरह की रिपोर्ट महत्वपूर्ण विषयों पर समाज की समझ और सरकार की नीति के बीच के अंतर को समझाने में सहायक होती हैं। एक अच्छी चर्चा हुई। #HarshVardhanTripathi







CCS Release 

We are thrilled to share that on 14 October 2023, we launched our 2023 Researching Reality Report titled "Beyond Legalese: Aam Aadmi in Conversation with the Constitution" in collaboration with the Friedrich Naumann Foundation South Asia.

The event was graced by our Chief Guest Hon'ble Justice J Chelameswar, former judge, Supreme Court of India who delivered the keynote address. The opening address was given by Ms Nupur Hasija, Senior Programs Manager at FNF South Asia.

The Compendium Launch was followed by a panel discussion on "Aam Aadmi and the Constitution" with Gopal Krishna Agarwal, Prof Harsh Vardhan Tripathi, Jaivir Singh, and Vinay Navare, moderated by Dr Shubhashis Gangopadhyay.

We are grateful to our esteemed guests, our RR 2023 scholars, and the audience for making the launch a success! 

हिन्दू मंदिर, परंपराएं और महिलाएं निशाने पर क्यों

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi अभी सकट चौथ बीता। आस्थावान हिन्दू स्त्रियाँ अपनी संतानों के दीर्घायु होने के लिए निर्जला व्रत रखत...