इंडिया गेट पर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक तस्वीर |
4 दिनों से मैं इस आंदोलन की कवरेज कर रहा हूं। और, मेरा ये आंकलन है कि ये जेपी से बड़ा आंदोलन है। क्योंकि, वो पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन था। ये सामाजिक, पूरी तरह से जनता का आंदोलन है। आप बताइए
देश की दशा-दिशा को समझाने वाला हिंदी ब्लॉग। जवान देश के लोगों के भारत और इंडिया से तालमेल बिठाने की कोशिश पर मेरे निजी विचार
इंडिया गेट पर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक तस्वीर |
Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार कर लिया था। इसीलिए इस द...
कुछ लोगों को अपनी दुकानदारियां समाप्त होती दिखायी दे रही हैं, इसलिए इतनी चिल्लपौं मचाई हुई है। आज का युवा यदि सामाजिक क्रान्ति के लिए बाहर आया है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। आज देश में दर्जनों ऐसे नेता हैं जो जयप्रकाशजी के आंदोलन से निकले हैं। इसी प्रकार आज इस आंदोलन से मुठ्ठीभर अरविन्द केजरीवाल जैसे सामाजिक जननायक निकलते हैं तो यह बहुत बड़ी देन होगी।
ReplyDeleteजय हो,
ReplyDeleteकबिरा इस संसार में।
सही कह रहे हैं.
ReplyDeleteलगता है देश सुधार का काम केवल सवर्णों के बल पर ही होगा?
कौन रोक रहा है-सुधार की अलख तो जगाएं भाई लोग.