Wednesday, August 27, 2014

अदालत का फैसला हमेशा रुका क्यों रहता है?

ये अदालत भी जाने कब आंख पर बंधी पट्टी खोलेगी। दागियों को मंत्री नहीं बनाओ। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को ये नसीहत देने के बजाए अगर ये साफ-साफ बताती कि भारतीय कानून के तहत देश की केंद्रीय सरकार में ये लोग और राज्य सरकारों में ये लोग अभी तक दागी हैं। इनके ऊपर जो मामले चल रहे हैं उस लिहाज से इन्हें मंत्री क्या, संतरी भी नहीं होना चाहिए। तब अदालत के फैसले का कोई मतलब निकलता। वरना तो दागी मंत्री नहीं बनें ये तो कौन नहीं कहता। अदालत ने क्या अलग किया। कोई कानून का जानकार बताएगा मुझे।

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