Tuesday, November 15, 2011

अगर नरेंद्र मोदी-राहुल गांधी की टक्कर हुई तो ...

फूलपुर, इलाहाबाद में सभा के दौरान राहुल गांधी
राहुल गांधी ने फूलपुर में 14 नवंबर को जो, बोला वो, पार्टी की 22 सालों से सत्ता से जो, दूरी हैं उसे कम करने के लिए बोला। लेकिन, जवानी का जोश ऐसा रहा कि सब उल्टा पड़ता दिख रहा है। सब राशन-पानी लेकर चढ़ दौड़े। राहल गांधी ने फूलपुर में यूपी के लोगों को उत्तेजित करने की गरज से बोला दिया कि कब तक महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगोगे। कब तक पंजाब में जाकर मजदूरी करोगे। राहल समझ ही नहीं पाए होंगे कि ये बयान किस तरह से लिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश पिछड़ा है। उत्तर प्रदेश के लोग महाराष्ट्र, पंजाब में जाकर नौकरियां, मजदूरी कर रहे हैं। ये सब जानते हैं। जरूरत भी है। क्योंकि, आज के समय में जहां बेहतर रोजी-रोटी का बंदोबस्त होगा, वहीं जाएगा। लेकिन, राहुल जोश में भूल गए कि किसी की एक आंख की रोशनी जा रही हो तो, उसे काना कहकर उसे और पीड़ा नहीं देते हैं। उसे कोशिश करके ऐसे समझाते हैं कि दोनों आंखों की रोशनी जरूरी है। ये बात राहुल नहीं समझा पाए। और, यही वजह है कि बार-बार ये सवाल खड़ा होता रहता है कि राहुल राजनीति में अभी नौसिखिए ही हैं या परिपक्व हो गए हैं। क्षेत्रवाद की राजनीति पर फले-फूले शिवसेना जैसे दल भी कहने लगे कि राहुल प्रांतवाद फैला रहे हैं। दरअसल, राजनीति में तरह-तरह के वाद के सहारे अपना वोटबैंक बढ़ाने की कोशिश हर कोई करता है लेकिन, कुछ शिवसेना की तरह एक ही वाद में सिमटकर रह जाते हैं। तो, कुछ मायावती की तरह दलितवाद से दलित-ब्राह्मणवाद तक चले जाते हैं। मायावती ठसके से मंच से ब्राह्मण सम्मेलन में कह देती हैं कि कांग्रेस, बीजेपी की सरकार बनी तो, ठाकुर ही मुख्यमंत्री होगा।

2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान
खैर, बात मैं राहुल की कर रहा था। बार-बार ये चर्चा होती है कि 2014 के चुनाव में राहुल गांधी ही कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे। और, बीजेपी में भले ही इस पद की दावेदारी को लेकर पटकापटकी मची हो। लेकिन, अभी के हालात में 2014 में बीजेपी की तरफ से नरेंद्र मोदी की ही दावेदारी बनती दिख रही है। अब अगर ये परिदृश्य बना तो, राहुल- नरेंद्र मोदी जैसे नेता के सामने कितनी देर टिक पाएंगे। मैं ये इसलिए कह रहा हूं कि 2012 के चुनाव के लिए राहुल गांधी यूपी के लोगों की जिस भावना को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं वो, काम नरेंद्र मोदी 2007 के चुनाव में ही कर चुके हैं। 2007 के विधानसभा चुनाव में हमारे मित्र मनीष शुक्ला जौनपुर की खुटहन विधानसभा से चुनाव लड़ रहे थे। नरेंद्र मोदी को सभा के लिए आना था। नरेंद्र मोदी ने भी भावनाएं भड़काईं। मोदी ने कहा- आप लोगों से मेरा बड़ा नजदीकी रिश्ता है। गुजरात की तरक्की में आपकी पसीने की खुशबू आती है। लेकिन, गंगा, जमुना और सरस्वती मइया की इस धरती से जब लोग गुजरात में आते हैं तो, मुझे अच्छा नहीं लगता। क्योंकि, ये वो धरती है जिसने देश का रास्ता दिखाया है। माया-मुलायम जैसे राहु-केतु इस उर्वर धरती पर ग्रहण की तरह हैं। मेरे गुजरात में तो, सिर्फ एक नर्मदा मइया हैं। उनके भरोसे मैंने गुजरात को लहलहा दिया है। अगर, गंगा-यमुना की उर्वर जमीन मेरे पास होता तो, सोचिए क्या हो सकता था। और, मुझे उस दिन अच्छा लगेगा जब कोई उत्तर प्रदेश का नौजवान आकर मुझसे कहेगा कि मैं यूपी छोड़कर नहीं जा सकता। यही फरक है, नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी में।

3 comments:

  1. राहुल अगर कहते कि आप लोगों ने महाराष्‍ट्र और पंजाब में अपनी सेवाएं दी हैं अब आप अपने प्रदेश को चमका दो, मैं इसके लिए आपको अवसर दूंगा तो कुछ बात होती। लेकिन जैसी बुद्धि वैसी भाषा।

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  2. अभी खिलाडी को पक्का होना है ।

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