देश की दशा-दिशा को समझाने वाला हिंदी ब्लॉग। जवान देश के लोगों के भारत और इंडिया से तालमेल बिठाने की कोशिश पर मेरे निजी विचार
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शिक्षक दिवस पर दो शिक्षकों की यादें और मेरे पिताजी
Harsh Vardhan Tripathi हर्ष वर्धन त्रिपाठी 9 वीं से 12 वीं तक प्रयागराज में केपी कॉलेज में मेरी पढ़ाई हुई। काली प्रसाद इंटरमी...
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आप लोगों में से कितने लोगों के यहां बेटियों का पैर छुआ जाता है। यानी, मां-बाप अपनी बेटी से पैर छुआते नहीं हैं। बल्कि, खुद उनका पैर छूते हैं...
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पुरानी कहावतें यूं ही नहीं बनी होतीं। और, समय-समय पर इन कहावतों-मिथकों की प्रासंगिकता गजब साबित होती रहती है। कांग्रेस-यूपीए ने सबको साफ कर ...
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हमारे यहां बेटी-दामाद का पैर छुआ जाता है। और, उसके मुझे दुष्परिणाम ज्यादा दिख रहे थे। मुझे लगा था कि मैं बेहद परंपरागत ब्राह्मण परिवार से ह...
बतंगड़ की चर्चा अमर-उजाला में देख कर प्रसन्न हो चुका था। आपकी रसीद की प्रतीक्षा थी। लीजिए हमारी बधाई। …पोस्ट पढ़कर भी अच्छा लगा था।
ReplyDeleteबहुत बधाई.
ReplyDeleteचलिए, अमर उजाला में आपका भी छप गया, आप भी महान हो गए। ऐसी महानता के लिए हजारों लोग इधर-उधर थूथन मार रहे हैं।
ReplyDeleteबधाई - हिन्दी चिट्ठों की बात चल निकली।
ReplyDeleteहमारी भी बधाई स्वीकारें हर्ष भाई ।
ReplyDeleteहर्षवर्धन जी, बधाई। यह अच्छी बात है कि ब्लॉग लेख को अखबार संपादकीय पेज पर जगह दे रहे हैं।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई हर्ष भाई ! देश हर प्रमुख अखबार में बात का बतंगड़ हो ! कामना है .
ReplyDeleteहर्षजी बधाई।
ReplyDeleteब्लाग आलेख को टिप्पणी के रूप में छापने की पहल भी अच्छी है। और बगल में बिग बी, ये तो यादगार हो गया :)
लेख अच्छा है. इसलिए छापा गया. अच्छा लिखने के लिए बधाई.
ReplyDeleteहार्दिक बधाई।
ReplyDeletecongrates
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