tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post7438608729397269278..comments2024-03-11T14:40:54.290+05:30Comments on बतंगड़ BATANGAD: साहब, खाली पेट और भूख लगती हैBatangadhttp://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-43038557634648351992008-06-29T16:56:00.000+05:302008-06-29T16:56:00.000+05:30APNE SUCH LIKHA HAI.SUCH DUNIA KI SABSE KHUBSURAT ...APNE SUCH LIKHA HAI.<BR/>SUCH DUNIA KI SABSE KHUBSURAT CHEESE HAI.KATARA, PRAMOD KUMARhttps://www.blogger.com/profile/15515246464900909114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-43840699500932802082008-06-11T01:54:00.000+05:302008-06-11T01:54:00.000+05:30आपका लेखन तो हमेशा से ही प्रभावशाली रहा है... सफल ...आपका लेखन तो हमेशा से ही प्रभावशाली रहा है... सफल लेखन वही है जो कुछ गहरी बातों का खुलासा न करके पढने वाले पर ही छोड़ दे...आपने भी उसी कुशलता के साथ यात्रा और महंगाई का वर्णन करते हुए और कई बातों के लिए चिंतन करने पर विवश कर दिया.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-51943206655501440562008-06-09T03:53:00.000+05:302008-06-09T03:53:00.000+05:30बंधु मैं खुद पहाड़ों से हूँ हालांकि रहा नहीं हूँ वह...बंधु मैं खुद पहाड़ों से हूँ हालांकि रहा नहीं हूँ वहाँ कभी मगर भावनात्मक जुड़ाव बहुत गहरा है। कई मुन्ना खान मिल जाएंगे वहां। घोर अभाव में जीते हैं मगर बड़े जीवट हैं लोग। समस्या तो नैनीताल से दूर गाँवों में और भी विकट है। प्राकृतिक संसाधनों से धनी धरती के स्वामी।<BR/>आपने यात्रा-व्रतांत्र को सामाजिक समस्या से काफ़ी चतुरता से मिला दिया है लेख में।महेनhttps://www.blogger.com/profile/00474480414706649387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-89451032378522130582008-06-06T18:56:00.000+05:302008-06-06T18:56:00.000+05:30बहुत जबरदस्त आलेख. मंहगाई, सरकार, गरीबी, आपका यात्...बहुत जबरदस्त आलेख. मंहगाई, सरकार, गरीबी, आपका यात्रा वृतांत -इन सबका का इतना खूबसूरत सामंजस्य गजब का रोचक है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-6912071104349147772008-06-06T15:08:00.000+05:302008-06-06T15:08:00.000+05:30मुन्ना खां के फोटो देख लग रहा है कि वे मंहगाई को त...मुन्ना खां के फोटो देख लग रहा है कि वे मंहगाई को ताक रहे हैं और हम गरीबी को! <BR/>जानदार लेख।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-86291283452244353442008-06-06T14:25:00.000+05:302008-06-06T14:25:00.000+05:30रोचक शैली मे लिखा हुआ आपका एक सुंदर यात्रा वृतांत....रोचक शैली मे लिखा हुआ आपका एक सुंदर यात्रा वृतांत..<BR/>पड़कर कई विचारनीय प्रश्न सामने खड़े हो गए हैं.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-2959571464510545332008-06-06T12:47:00.000+05:302008-06-06T12:47:00.000+05:30बहुत ही सशक्त लेखन।मंगाई की हालत देख कर मनेज कुमा...बहुत ही सशक्त लेखन।<BR/>मंगाई की हालत देख कर मनेज कुमार की रोटी कपड़ा और मकान फ़िल्म का वो गीत याद आ रहा है<BR/> बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई ,महंगाई मार गई।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-46391809251202988992008-06-06T12:11:00.000+05:302008-06-06T12:11:00.000+05:30ham aor aap jaise log to fir bhi chala lenge cheez...ham aor aap jaise log to fir bhi chala lenge cheezo ke mahngi -sasti hone me par aise logo ki zindgi aor mushkil ho jati hai.डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-13933319724071925602008-06-06T11:59:00.001+05:302008-06-06T11:59:00.001+05:30This comment has been removed by the author.संजय शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06139162130626806160noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-35813328210495045502008-06-06T11:59:00.000+05:302008-06-06T11:59:00.000+05:30महंगाई की रफ़्तार के साथ आपकी यात्रा कदम ताल करती र...महंगाई की रफ़्तार के साथ आपकी यात्रा कदम ताल करती रही . जाने अनजाने मे कई सारे मुद्दों पर आपकी ये लिखाई विविधता के साथ मौलिकता बरकरार रखने का परिचायक है . कहा जा सकता है ,आपकी लेखनी महंगाई की तरह सुधर रही है . <BR/>जनता का अपना अर्थशास्त्र है वह किसी भी हाल मे मंहगे होते मनमोहन या चिदंबरम जैसे अर्थशास्त्री का क्लास नही लेना चाहती. जनता जानती है, महंगाई किसको मारने से मरेगी .संजय शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06139162130626806160noreply@blogger.com