tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post4888448907308778537..comments2024-03-11T14:40:54.290+05:30Comments on बतंगड़ BATANGAD: भरोसा हो गया कि बजरंगबली सच थेBatangadhttp://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-25701245628463629992008-01-21T11:08:00.000+05:302008-01-21T11:08:00.000+05:30देश की आन शान के लिए जब भी खेला जाए तो टीम भावना ब...देश की आन शान के लिए जब भी खेला जाए तो टीम भावना बरकरार रहती है फलतः जीत मिलती जाती है .<BR/>दुःख हमे तब होता है जब महान खिलाड़ी लोगों का शतक देश के लिए न होकर या मैच जीतने के लिए न होकर मैच मे बने रहने के लिए होता है .अगले मैच मे ४ या १३ काफ़ी होता है .<BR/>जीत तो सुखद होती ही है . जटिलता पर जीत मनोबल बढ़ा देता है .पर हम बने मनोबल को संभाल कर रख नही पाते . बजरंगबली ऐसे रंग देते रहे .संजय शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06139162130626806160noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-39693547882678513652008-01-20T13:16:00.000+05:302008-01-20T13:16:00.000+05:30बहुत बढ़िया लिखा.. उससे बढ़िया काम भारतीयों ने किय...बहुत बढ़िया लिखा.. उससे बढ़िया काम भारतीयों ने किया है..<BR/>मुझे क्रिकेट जैसी चीज कभी भी अच्छा नहीं लगा है, और भारत के हारने जितने पर मुझे कभी फर्क नहीं पड़ा था.. पर फिर भी मैं भारत को इस मैच में जीतते हुए देखना चाहता था.. किसी भी कीमत पर..<BR/><BR/>@घुघूती बासूती : लगता है आपने ये कमेन्ट कापी कर रखा है.. २-३ ब्लौग पर यही कमेन्ट मैंने देखा है.. (बुरा ना माने मैंने बस मजाक में ये लिखा है) :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-6176830153026146592008-01-20T10:36:00.000+05:302008-01-20T10:36:00.000+05:30सटीक, सुंदर और शिक्षापद्र विचार। साधुवाद।सटीक, सुंदर और शिक्षापद्र विचार। साधुवाद।Prabhakar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04704603020838854639noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-18034703175914979242008-01-20T00:01:00.000+05:302008-01-20T00:01:00.000+05:30बढ़िया कहा हे आपने । अभी अभी अपने एक मित्र से फोन ...बढ़िया कहा हे आपने । अभी अभी अपने एक मित्र से फोन पर बात करके नेट पर आई । वह क्रिकेट कोच है व हरभजन का कोच रह चुका है । उसके अनुसार जो गाली उसे अंग्रेजी में दी गई थी उस ही को उसने पंजाबी में दे डाला था । सो मामला बराबर था । परन्तु यह एक विचारधारा बन चुकी थी कि सफेद चमड़ी वाले के सौ खून माफ और भूरी चमड़ी वाले की एक गाली भी माफ नहीं , उस परम्परा को हरभजन ने तोड़ दिया है । गाली चाहे किसी भी रंग वाले ने दी हो टीम तो सफेद थी । <BR/>यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अब हमारी नई पीढ़ी में इतना आत्मविश्वास है कि वे ईंट का जवाब पत्थर से दे सकते हैं । और इतने सब तमाशे के बाद जीत भी सकते हैं । सब जानते हैं कि दूसरे मैच में अंपाइर्स के निर्णय सही नहीं थे । उन सबके बावजूद भारत की टीम ने मिलकर एक इतिहास बना दिया । सबसे अधिक खुशी अनिल कुम्बले जैसे सज्जन व्यक्ति के लिए है । उसका खुद का रिकॉरड और यह भारतीय जीत उसके व हम सबके लिए एक सुखद एहसास है ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com