tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post8951338727333096335..comments2024-03-11T14:40:54.290+05:30Comments on बतंगड़ BATANGAD: हम अब भी गुलाम हैं क्याBatangadhttp://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-11457817996221025672007-09-26T00:30:00.000+05:302007-09-26T00:30:00.000+05:30नहीं जनाब. कौन कहता है कि गुलाम हैं? आज़ादी तो इफ़रा...नहीं जनाब. कौन कहता है कि गुलाम हैं? आज़ादी तो इफ़रात से है. आज़ादी है लोगों को गुलाम बनाये रखने की, आदिवासियों को लूटने और उजाड़ने की, दंगे करने की, रामसेतु और निकाहनामे पर हंगामा करने की और क्रिकेट में जीत कर हुड़दंग करने की. गुलाम लोग यह सब थोडे़ कर पाते हैं?<BR/><BR/>काहे चिंता में दुबलाये जा रहे है? खाइए पीजिए मस्त रहिए.<BR/>जै हो आज़ादी मइया की.Reyaz-ul-haquehttps://www.blogger.com/profile/07203707222754599209noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-55489952370407807712007-09-25T20:03:00.000+05:302007-09-25T20:03:00.000+05:301857 के भारतीय सैनिकों को विद्रोह को बेरहमी से कुच...1857 के भारतीय सैनिकों को विद्रोह को बेरहमी से कुचलने वाले मेजर जनरल हैवलॉक के पड़पोते को <BR/>विजय दिवस मनाने की इजाजत हमारी सरकार ने देकर अपनी ग़ुलामी मानसिकता का प्रमाण<BR/>दिया और जनरल के पड़पोते को विजय उत्सव मनाने क़ि अनुमति देकर राष्ट्र भक्तो <BR/>और देश के लिए अपने प्राण नि छा वर करने वाले शहीदो का अपमान किया है | सरकार द्वारा दिए गये निर्णय<BR/>क़ि जितनी भी निंदा क़ि जाए कम है |समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com