tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post5648276836238596220..comments2024-03-11T14:40:54.290+05:30Comments on बतंगड़ BATANGAD: और भी खेल हैं देश में क्रिकेट के सिवायBatangadhttp://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-63088900395747115432010-05-14T00:15:18.075+05:302010-05-14T00:15:18.075+05:30हर्ष जी आपसे पूर्णतः सहमत हूँ | देखिये इंडिया में ...हर्ष जी आपसे पूर्णतः सहमत हूँ | देखिये इंडिया में भेडिया धसान का बड़ा बोल-बाला है | इसमें कहीं कोई शक नहीं की फ़ुटबाल, हाकी से ज्यादा रोमांचकारी क्रिकेट हो ही नहीं सकता पर .. अपने देश में जो खबर में रहती है वही चल पड़ती है | चाहे वो पत्राकार हो या आम जन भेडिया धसान में ही वो अपने को आराम की स्थिति में पाता है |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-28096796250434195382010-05-04T01:03:43.845+05:302010-05-04T01:03:43.845+05:30पोस्ट तो कल ही पढ़ ली थी। तभी कमेंट करना चाहता था ...पोस्ट तो कल ही पढ़ ली थी। तभी कमेंट करना चाहता था पर किसी कारणवश नहीं कर सका। आज पता चला कि यह पोस्ट जनसत्ता में भी छपी है तो फिर याद आया। सबसे पहले तो शानदार पोस्ट के लिए बधाई और उसके बाद जनसत्ता में छपने के लिए। समय मिले तो www.udbhavna.blogspot.com पर भी आइएगा।पंकज मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/05619749578471029423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-57366896223828753732010-05-03T08:14:47.133+05:302010-05-03T08:14:47.133+05:30आज दिनांक 3 मई 2010 को दैनिक जनसत्ता में संपादकीय...आज दिनांक 3 मई 2010 को दैनिक जनसत्ता में संपादकीय पेज 6 पर समांतर स्तंभ के अंतर्गत मुनाफे का मैदान शीर्षक से आपकी यह पोस्ट प्रकाशित हुई है, बधाई।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-74469049899288301322010-04-26T17:46:54.731+05:302010-04-26T17:46:54.731+05:30क्रिकेट का वर्तमान स्वरूप ऊब के मनोविज्ञान का वाणि...क्रिकेट का वर्तमान स्वरूप ऊब के मनोविज्ञान का वाणिज्यिक दोहन का यंत्र है। :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-88721480275599158902010-04-24T05:44:13.753+05:302010-04-24T05:44:13.753+05:30आप से पूरी तरह सहमत ।आप से पूरी तरह सहमत ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-68166477905090285492010-04-23T21:58:07.740+05:302010-04-23T21:58:07.740+05:30लील गया यह सब खेलों को .अच्छी पोस्ट.लील गया यह सब खेलों को .अच्छी पोस्ट.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-52201831061315034842010-04-23T15:03:57.469+05:302010-04-23T15:03:57.469+05:30हम तो शुरू से ही क्रिकेट को आपराधिक गतिविधि मानते ...हम तो शुरू से ही क्रिकेट को आपराधिक गतिविधि मानते रहे हैं। <br />क्रिकेट शो चावड़ी बाजार, फारस रोड और ऐसे ही इलाकों से होकर गुज़र रहा है आजकल। भाइयों के पास बचाव के बड़े तर्क होंगे अब भी। किसी खेल ने इतना नहीं लजाया। खिलाड़ी इनके लिए बिकने को तैयार हैं। कैसे राष्ट्रीय हीरो मानें इन्हें? कार्पोरेट माया का औजार बनते लोग। वह भी इस घिनौने तरीके से।<br /><br />क्रिकेट यानी अमीर की जोरू, मोदी की भाभीअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.com