tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post2167451305377751469..comments2024-03-11T14:40:54.290+05:30Comments on बतंगड़ BATANGAD: फिर एक दिल्ली वाले ने आग लगा दी!Batangadhttp://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-17000366878345239192007-09-29T21:31:00.000+05:302007-09-29T21:31:00.000+05:30आपने अपना नाम नहीं लिखा। खैर, जो भी हो मैं इतना बत...आपने अपना नाम नहीं लिखा। खैर, जो भी हो मैं इतना बता दूं कि दिल्ली हम सबकी है। और, हम सभी दिल्ली वाले ही हैं। अगर आपने लेख ध्यान से पढ़ा होता तो मेरे बारे में साफ समझ में आ जाता। जहां तक बात रही दिल्ली वाला लिखने की तो, दिल्ली वाले यानी वो सरकारी मानसिकता वाले लोग जो,देश के अलग-अलग हिस्से में रहने वाले लोगों के साथ अलग-अलग बर्ताव करती है। जो, समझती है कि मेट्रो शहरों के अलावा भारत बसता ही नहीं। मामला सिर्फ पूर्वोत्तर का ही नहीं है। अगर आप पढ़ें तो, समझकर जवाब जरूर दीजिएगा। इंतजार रहेगा।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-39600328220937439372007-09-29T21:26:00.000+05:302007-09-29T21:26:00.000+05:30जाकी नितिन पहले दर्जे का बेवकूफ और निहायत ही नालाय...जाकी नितिन पहले दर्जे का बेवकूफ और निहायत ही नालायक इन्सान है. उसे उल्लु के पट्ठे को सुनता कौन है.<BR/><BR/>लेकिन भाई, आप क्या फरमा रहे हैं? ईंट का जवाब पत्थर से दे रहे हैं.<BR/><BR/>उस गधे ने पूर्वोत्तर राज्य के लोगों के बारे में गलत कहा, उसके बदले में आप दिल्ली के लोगों को कह रहे हैं?<BR/><BR/>खबीस की औलाद नितिन के बारे में तो हमारे विचार साफ है.<BR/><BR/>आपके बारे में क्या सोचें?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38914419.post-17396871274888395652007-09-29T18:53:00.000+05:302007-09-29T18:53:00.000+05:30सचमुच पूर्वोत्तर भारत की प्रतिभा पर समग्र राष्ट्र ...सचमुच पूर्वोत्तर भारत की प्रतिभा पर समग्र राष्ट्र गौरवान्वित है!<BR/><BR/>किन्तु ये इण्डियन आइडल, वॉइस ऑफ इण्डिया आदि आम जनता को ही लूट रहे हैं। एसएसएस का खेल है सारा। एसएमएस की दर तीन रुपये तक वसूली जाती है। एसएमएस के कुल कमाई 30 करोड़ की हुई है तो प्रतियोगिता में विजेताओं को एक करोड़ और अन्य खर्च मिलाकर कुल 3 करोड़ खर्च हुए होंगे। शेष 27 करोड़ का फायदा ही हुआ है आयोजकों को। आम जनता की जेब से अप्रत्यक्ष वसूल कर कमाई करने का तरीका भर है यह।हरिरामhttps://www.blogger.com/profile/12475263434352801173noreply@blogger.com